राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में जारी है आंदोलन, डॉक्टरों ने लोगों से की मारपीट
डॉक्टरों को ये बिल रास नहीं आ रहा है
ऐसा ही एक नजारा सुबह 11.30 बजे जएलएन मार्ग पर देखने को मिला। पिछले 2 दिनों से जेएमए सभागार में जुटे डॉक्टरों ने पहले यहां बैठक की और फिर सरकार पर दबाव बनाने के लिए एकजुट होकर जेएलएन मार्ग पर करीब आधे घंटे तक जाम लगा दिया।
जयपुर। मरीजों के हित मे सरकार ने राइट टू हेल्थ बिल पास तो कर दिया है, लेकिन प्रदेश के निजी अस्पतालों के डॉक्टरों को ये बिल रास नहीं आ रहा है। इसके विरोध में डॉक्टरों का आंदोलन और कार्य बहिष्कार लगातार जारी है। अब डॉक्टर्स केवल विरोध ही नही कर रहे, बल्कि सरकार पर दबाव बनाने के लिए लोगों को परेशान भी कर रहे हैं। ऐसा ही एक नजारा सुबह 11.30 बजे जएलएन मार्ग पर देखने को मिला। पिछले 2 दिनों से जेएमए सभागार में जुटे डॉक्टरों ने पहले यहां बैठक की और फिर सरकार पर दबाव बनाने के लिए एकजुट होकर जेएलएन मार्ग पर करीब आधे घंटे तक जाम लगा दिया। इतना ही नही डॉक्टरों ने वहां से जा रहे वाहन चालकों से बदसलूकी भी की। एक टैक्सी जिसमें 2 महिलाएं थी, उसके ड्राइवर के साथ धक्का मुक्की और मारपीट तक कर डाली। इस दौरान पुलिस ने डॉक्टरों को समझाया और मशक्कत के बाद रास्ता खुलवाया। इस दौरान काफी देर तक रास्ता जाम रहा और राहगीरों को परेशानी झेलनी पड़ी।
रेजिडेंट डॉक्टर्स के हड़ताल पर जाने से जयपुर के एसएमएस समेत प्रदेश के अन्य बड़े शहरों की व्यवस्थाएं खराब हो गई है। हालात ये है कि जयपुर और जोधपुर में 300 से ज्यादा ऑपरेशन स्थगित करने पड़े। हड़ताल के चलते सरकारी हॉस्पिटल की ओपीडी भी आधी रह गई है। मरीज डॉक्टर्स के लिए भटक रहे है, लेकिन उन्हें इलाज नहीं मिल रहा है। प्रदेश के बड़े हॉस्पिटल में कुछ ऐसे ही हालात देखने को मिले। मरीजों का कहना था कि दो घंटे से चक्कर काट रहे हैं, पहले डॉक्टर नहीं मिले और अब पता चला कि हमें दोबारा इलाज के लिए आना पड़ेगा। एक बार जयपुर में सभी डॉक्टर्स सड़कों पर उतर आए है। दोपह करीब 12:30 बजे डॉक्टर बैनर लेकर एसएमएस हॉस्पिटल पहुंचे। यहां से रैली निकालते हुए जेएलएन मार्ग पर आए। इसके बाद जेएलएन मार्ग को बंद कर दिया।
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