
संभाग में 1.36 लाख वोट ज्यादा मिले फिर भी सीटों में बराबरी पर कांग्रेस
दोनों दलों की संभाग की 29 में से 13-13 सीटें, 2 आरएलपी, 1 निर्दलीय के खाते में रही थी
आरएलपी से नागौर में भाजपा को बड़ा घाटा हुआ था। यहां दो सीटों पर आरएलपी जीती थी, लेकिन वोटों के समीकरण अन्य 6 सीटों पर बिगाड़े थे। इसके चलते इन सीटों पर कांग्रेस जीतकर आई थी।
जयपुर। पीएम नरेन्द्र मोदी बुधवार को केन्द्र सरकार के नौ साल पूरे होने पर भाजपा के गढ़ माने जाने वाले अजमेर में पार्टी की बड़ी सभा के साथ राजस्थान चुनावों का शंखनाद करने जा रहे हैं। दो लाख की भीड़ लाने का दावा है, लेकिन संभाग की सीटों में भाजपा से कांग्रेस कमत्तर नहीं है। संभाग के चार जिलों अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर और अजमेर में कुल 29 विधानसभा सीटों में कांग्रेस और भाजपा दोनों की 13-13 सीटें हैं। जबकि भाजपा का वोट शेयर पिछले चुनावों में कांग्रेस से 1.36 लाख ज्यादा रहा था। संभाग में भाजपा की बड़ी चिंता नागौर और टोंक जिला है। दोनों जिलों में भाजपा के पास कुल 14 सीटों में से केवल 3 पर ही विधायक हैं। बाकी की 9 सीटों पर कांग्रेस है। आरएलपी से नागौर में भाजपा को बड़ा घाटा हुआ था। यहां दो सीटों पर आरएलपी जीती थी, लेकिन वोटों के समीकरण अन्य 6 सीटों पर बिगाड़े थे। इसके चलते इन सीटों पर कांग्रेस जीतकर आई थी।
दो लाख की भीड़ लाने का दावा
भाजपा हालांकि प्रदेशभर से दो लाख लोगों की भीड़ सभा में लाने का दावा कर रही है, लेकिन बड़ी भीड़ का टारगेट संभाग के चार जिलों से ही रखा गया है। अजमेर और भीलवाड़ा में भाजपा अपने गढ़ को बचाने और नागौर-टोंक में कांग्रेस-आरएलपी को कमजोर करने के लिए मोदी की सभा से माहौल बनाने की तैयारी में है। ऐसे में नागौर और टोंक जिले के भाजपाइयों को बड़ी संख्या में लोग लाने का टारगेट दिया गया है। मोदी की सभाओं को लेकर नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने इन जिलों के पदाधिकारियों से गहन बैठकें भी की थी।
चुनावों में चेहरा मोदी, उपलब्धियां केन्द्र के काम
चुनावी रणभेरी ही राजस्थान में केन्द्र सरकार के कामों और मोदी के चेहरे से बजा रही है। साफ है कि मोदी की पापुलेरिटी को भुनाने में कोई कोर कसर चुनावों में नहीं छोड़ी जाएगी। वहीं केन्द्र सरकार के कामों को लेकर सभा स्थल पर एक किमी रास्ते में उपलब्धियों के बैनर-पोस्टर-होर्डिंग्स लगाने से साफ है कि विधानसभा चुनावों में केन्द्र की उपलब्धियों को फ्रंट में रखकर भाजपाई जनता के बीच जाएंगे। इसके पीछे रणनीति केवल राजस्थान के ही चुनाव नहीं, बल्कि इसके छह माह बाद लोकसभा चुनावों का भी साथ-साथ माहौल और वोट बनाना है। सीपी जोशी ने अपनी ताजपोशी के साथ ही यह साफ कर दिया था कि वे मोदी-केन्द्र के कामों से ही चुनाव मैदान में जाएंगे।
मोदी को प्रदेश से भेजे मुद्दे, कांग्रेस को अंतकर्लह पर घेरेंगे
सूत्रों के मुताबिक केन्द्रीय नेतृत्व ने सभा से पूर्व राजस्थान की गहलोत सरकार के खिलाफ मुद्दों और कांग्रेस के आपसी अंतकर्लह की सारी अपडेट मांगी गई थी। ऐसे में मोदी की सभा में केन्द्र की उपलब्धियां गिनाने के साथ ही कांग्रेस के आपसी झगड़े और गहलोत सरकार की विफलताओं पर घेरने की तैयारी है।
जिलों में यूं रहा था वोट शेयर
पिछले चुनावों में भाजपा को अजमेर में कांग्रेस से 72398, भीलवाड़ा में 153609 वोट ज्यादा मिले थे, लेकिन उसके उलट नागौर में कांग्रेस से 84730 और टोंक में 89758 वोटों से पीछे रही थी। संभाग में कुल वोटों में भाजपा को करीब 20.46 लाख वोट और कांग्रेस को 19.10 लाख वोट मिले थे।
मंडल स्तर के भाजपाई आएंगे
सभा में भाजपा ने प्रदेशभर से मंडल स्तर तक के पदाधिकारियों को भी बुलाया है ताकि वे मोदी की कहीं गई बात को अपने क्षेत्र में आगामी एक माह भाजपा के चलने वाले महासंपर्क अभियान में इन्हें घर-घर पहुंचा सकें। गौरतलब है कि इस अभियान में भाजपा केन्द्र की उपलब्धियों को आमजन तक पहुंचाएगी।
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