नेक के बदले नेक : बांग्लादेश के दो चिकन नेक का जिक्र करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने मोहम्मद यूनुस को चेताया
एयरबेस बना रहा बांग्लादेश
नेक के बदले नेक, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने यही संकेत दिया, जब उन्होंने बांग्लादेश को उसके खुद के एक नहीं, बल्कि दो चिकन नेक के बारे में चेतावनी दी है
नई दिल्ली। नेक के बदले नेक, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने यही संकेत दिया, जब उन्होंने बांग्लादेश को उसके खुद के एक नहीं, बल्कि दो चिकन नेक के बारे में चेतावनी दी है। यह उस बात का जवाब है, जब ढाका ने भारत के चिकन नेक कॉरिडोर को लेकर सियासी बयानबाजी की थी, जो देश को पूर्वोत्तर इलाके से जोड़ती है। हिमंता ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भारत के लिए रणनीतिक रूप से अहम चिकन नेक, जिसे सिलीगुड़ी कॉरिडोर के नाम से भी जाना जाता है, में ढाका की बढ़ते इंटरेस्ट को लेकर बांग्लादेश को चेतावनी दी है।
...तो हम भी हमला करेंगे
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि हमारे पास एक चिकन नेक है, लेकिन बांग्लादेश के पास दो चिकन नेक हैं। अगर बांग्लादेश हमारे चिकन नेक पर हमला करता है, तो हम बांग्लादेश के दोनों चिकन नेक पर हमला करेंगे। बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह को जोड़ने वाला मेघालय का चिकन नेक भारत के चिकन नेक से भी पतला है और बस पत्थर फेंकने की दूरी पर स्थित है। बीजेपी नेता ने बांग्लादेश को भारत की सैन्य ताकत की भी याद दिलाई, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद, जब भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी अड्डों को तबाह दिया और उसके 11 सैन्य ठिकानों पर बमबारी की। सरमा ने कहा कि भारत पर हमला करने से पहले बांग्लादेश को 14 बार पुनर्जन्म लेना होगा। हालांकि हिमंता की टिप्पणी से बांग्लादेश में खलबली मचने वाली है, लेकिन इसकी टाइमिंग अहम है।
एयरबेस बना रहा बांग्लादेश
यह चेतावनी उन रिपोर्ट्स के बाद आई है जिनमें कहा गया है कि चीन लालमोनिरहाट में द्वितीय विश्व युद्ध के समय के एयरबेस को फिर से ऑपरेशनल करने में बांग्लादेश की मदद कर रहा है, जो महत्वपूर्ण चिकन नेक कॉरिडोर से सिर्फ 100 किमी दूर स्थित है। चिकन नेक या सिलीगुड़ी कॉरिडोर जमीन की पतली और संवेदनशील पट्टी को कहा जाता है, जो लगभग 22 किमी चौड़ी है और भारत को सात पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ती है। ऐसे में सिलीगुड़ी कॉरिडोर के सामरिक महत्व को देखते हुए इस इलाके में चीन की मौजूदगी से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का सतर्क होना स्वाभाविक है। यह ताजा घटनाक्रम बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस की ओर से चीन की अपनी यात्रा के दौरान भारत के लैंड लॉक्ड पूर्वोत्तर इलाके का मुद्दा उठाए जाने और बांग्लादेश को इस क्षेत्र के महासागर का एकमात्र संरक्षक बताए जाने के कुछ सप्ताह बाद हुआ है।
बांग्लादेश के चिकन नेक्स
जैसा कि हिमंता ने सही कहा, बांग्लादेश में भी भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर की तरह दो चिकन नेक हैं। एक संकरा कॉरिडोर बांग्लादेश के मुख्य भूभाग को चटगांव से जोड़ता है, जो इसका सबसे बड़ा बंदरगाह शहर है, जैसा कि असम के मुख्यमंत्री ने बताया है. ऐसा माना जाता है कि दूसरा चिकन नेक, रंगपुर डिवीजन के दक्षिण में स्थित गलियारा है, जो मेघालय से सटा हुआ है। फेनी नदी के तट पर स्थित दक्षिणी त्रिपुरा के सबरूम से लेकर चटगांव को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले बांग्लादेश के मिरशाराय उपजिला तक की दूरी लगभग 30 किमी है। इस संकरे गलियारे को बंद करने से बांग्लादेश की 20% भूमि देश से अलग हो जाएगी। इससे चटगांव पूरी तरह से अलग-थलग पड़ जाएगा, जो बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था के लिए काफी अहम है।
और देश के 90% से अधिक निर्यात-आयात व्यापार को संभालता है। एक्सपर्ट ने एक्स पर बताया कि लैंड लॉक्ड त्रिपुरा और समुद्र के बीच सबसे छोटी दूरी 30 किमी है, जो बांग्लादेश को पार करती है। यह बांग्लादेश के बड़े भाग और उसके पूर्वी भाग चटगांव से भी सबसे कम दूरी है। दूसरी ओर, अगर हम दूसरे चिकन नेक की बात करें तो मेघालय के दक्षिण पश्चिम गारो हिल्स से पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर तक, जिसके बीच में बांग्लादेश का रंगपुर डिवीजन है, की दूरी करीब 90 किमी है।
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