एआई बताएगा फोन करने वाला धोखेबाज तो नहीं....?
गूगल के ढेर सारे ऐलान
गूगल ने दिल्ली में आयोजित ‘सेफ एंड ट्रस्टेड एआई’ इवेंट में भारत के लिए कई एआई सुरक्षा फीचर्स की घोषणा की। पिक्सल डिवाइस में रियल-टाइम स्कैम डिटेक्शन, स्क्रीन-शेयरिंग अलर्ट, सुरक्षित सिम-आधारित वेरिफिकेशन और एआई कंटेंट पहचान के लिए SynthID तकनीक को बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराया गया।
नई दिल्ली। गूगल ने दिल्ली में सेफ एंड ट्रस्टेड एआई इवेंट का आयोजन किया। इसमें कंपनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को सुरक्षित बनाने और लोगों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए आए अपडेट के बारे में बात की है। गूगल खास तौर पर बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों पर ध्यान दे रहा है। अब गूगल के पिक्सल डिवाइस पर कॉल के दौरान रियल-टाइम स्कैम डिटेक्शन की सुविधा मिलेगी। यह सुविधा जेमिनी नैनो पर बेस्ड है। इस फीचर के तहत डिवाइस यानी फोन पर ही संदिग्ध पैटर्न का एनालिस किया जाता है और स्कैम की आशंका होने पर यूजर को अलर्ट भेजा जाता है। इसमें ऑडियो रिकॉर्ड नहीं होता और न ही डेटा गूगल के साथ शेयर होता है। आइए, सभी अपडेट के बारे में डिटेल में जानते हैं।
नए सेफ्टी अपडेट्स का ऐलान
गूगल ने भारत के लिए कई नए एआई सेफ्टी अपडेट्स का ऐलान किया है। इन नए फीचर्स में वित्तीय ऐप्स जैसे गूगल पे, पेटीएम या नवी के लिए सुरक्षा, एसएमएसए ओटीपी की जगह लेने वाली नई सुरक्षित तकनीक और वॉटरमार्किंग डिटेक्शन टूल को बढ़ावा देना शामिल है। गूगल का कहना है कि ये अपडेट एआई को इस्तेमाल करने में ज्यादा सुरक्षित बनाएंगे । गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में इन नए अपडेट्स और पहलों के बारे में बताया है। गूगल पोस्ट के अनुसार, कंपनी का लक्ष्य लोगों को ऑनलाइन स्कैम से होने वाले नुकसान से बचाना, कंपनियों के लिए मजबूत प्राइवेसी और साइबर सुरक्षा टूल्स बनाना और ऐसे अक मॉडल तैयार करना है, जो सबके लिए सही हों।
एआई द्वारा बनाए गए कंटेंट को पहचानना होगा आसान
गूगल प्ले प्रोटेक्ट ने अब तक 11.5 करोड़ से ज्यादा बार ऐसे ऐप्स को इंस्टॉल होने से रोका है, जो जानकारियों का गलत इस्तेमाल करते हैं। बात दें कि SynthID AI गूगल का अपना एआई वॉटरमार्किंग और डिटेक्शन टेक्नोलॉजी है। अब इसे अकादमिक संस्थानों, शोधकर्ताओं और कई मीडिया प्रकाशकों के लिए भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसका मतलब है कि एआई द्वारा बनाए गए कंटेंट की पहचान करना आसान हो जाएगा। यह सब भारत में एआई के बढ़ते इस्तेमाल और उससे जुड़े सुरक्षा जोखिमों को देखते हुए किया जा रहा है। गूगल का उद्देश्य है कि भारतीय यूजर्स अक का सुरक्षित और भरोसेमंद तरीके से इस्तेमाल कर सकें।
रियल-टाइम स्कैम डिटेक्शन
कंपनी ने यह भी बताया है कि रियल-टाइम स्कैम डिटेक्शन फीचर पिक्सल स्मार्टफोन्स पर उपलब्ध हो रहा है। यह फीचर आपको फोन पर ही घोटालों को पहचानता है। यह फीचर ऑडियो रिकॉर्ड नहीं करता और ना ही कोई ट्रांसक्रिप्ट बनाता है। आपका कोई भी डेटा गूगल को नहीं भेजा जाता। खास बात यह है कि यह फीचर डिफॉल्ट रूप से बंद रहता है यानी आपको इसे खुद चालू करना होगा।
स्क्रीन शेयर करते समय मिलेगा अलर्ट
गूगल, गूगल पे डिवीजन और नवी, पेटीएम जैसे ऐप्स के साथ मिलकर भारत में एक नया स्क्रीन-शेयरिंग स्कैम अलर्ट फीचर शुरू कर रहा है। यह फीचर एंड्रॉयड 11 और उससे नए वर्जन पर काम करेगा। अगर कोई यूजर किसी अनजान व्यक्ति के साथ कॉल पर स्क्रीन शेयर करते हुए इन ऐप्स में से किसी को खोलता है तो उसे एक अलर्ट दिखाई देगा। यह फीचर लोगों को स्क्रीन शेयरिंग के दौरान होने वाले घोटालों से बचाने में मदद करेगा।
सुरक्षित और सिम-आधारित जांच
इसके अलावा, गूगल एक नए एंड्रॉयड बेस्ड सुरक्षा प्रोटोकॉल पर भी काम कर रहा है। यह मौजूदा एसएमएस ओटीपी सिस्टम की जगह आएगा। गूगल का कहना है कि, यह एक सुरक्षित और सिम-आधारित जांच है, जो ओटीपी से जुड़े खतरों को खत्म करती है। यह तरीका आपके फोन नंबर के वेरिफिकेशन के लिए ज्यादा सुरक्षित होगा।

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