खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स : चार साल पहले पिता ने आत्महत्या कर ली, ओड़िशा सरकार का सहारा मिला तो नायक बनी रिंकी
मां के विरोध के बाद घर छोड़ा
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में महिलाओं की 48 किग्रा वेटलिफ्टिंग में रजत जीतने वाली रिंकी नायक की सफलता चार साल की व्यक्तिगत त्रासदी और संघर्ष की कहानी है। बेहरामपुर यूनिवर्सिटी की 23 वर्षीय रिंकी ने 149 किग्रा वजन उठाकर पदक जीता। 2020 में पिता की आत्महत्या से टूटी रिंकी को दोस्तों, कोच और ओडिशा सरकार का सहारा मिला। उन्होंने पदक पिता को समर्पित किया।
जयपुर। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में महिलाओं के 48 किग्रा वेटलिफ्टिंग में रजत पदक जीतने वाली रिंकी नायक के लिए यह उपलब्धि उनके चार वर्षों की व्यक्तिगत त्रासदी, संघर्ष और जज्बे की कहानी है। बेहरामपुर यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व कर रही 23 वर्षीय रिंकी ने मंगलवार को कुल 149 किग्रा (63 किग्रा स्नैच, 86 किग्रा क्लीन एंड जर्क) वजन उठाकर रजत जीता। रिंकी की सफलता का रास्ता आसान नहीं था। 24 जुलाई 2020 को ट्रेनिंग से घर लौटते समय उनकी दुनिया अचानक बदल गई। उनके पिता नीलाद्रि नायक ने आत्महत्या कर ली थी। आर्थिक और पारिवारिक दबावों से जूझ रहे पिता उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा थे। बचपन से लेकर वेटलिफ्टिंग चुनने तक हर कदम पर वही उनके साथ खड़े थे।
पिता की मौत ने रिंकी को तोड़ दिया। वह अवसाद में चली गईं और मां के विरोध के कारण घर से दूरी बढ़ती गई। पिछले दो वर्षों से वह घर नहीं लौटीं। रिश्तों की इस टूटन के बीच कुछ दोस्त, कोच और शुभचिंतक ही उनका सहारा बने। ओडिशा सरकार के सहयोग से उन्हें ट्रेनिंग, पोषण और रहने की सुविधा मिली। रिंकी ने कहा, यह पदक मेरे पिताजी के लिए है। वह हमेशा चाहते थे कि मैं बड़ी खिलाड़ी बनूं।

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