अगले आठ साल तक टीम इंडिया का कोई मुकाबला नहीं : विराट
भारतीय युवा दुनियाभर की टीमों का सामना करने को तैयार
टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर विराट कोहली का मानना है कि भारत के पास अगले आठ सालों के लिए दुनिया भर की टीमों का सामना करने के लिए एक मजबूत टीम है।
नई दिल्ली। टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर विराट कोहली का मानना है कि भारत के पास अगले आठ सालों के लिए दुनिया भर की टीमों का सामना करने के लिए एक मजबूत टीम है। उन्होंने यह बयान रविवार को दुबई में न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराकर चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद दिया। विराट ने कहा कि जब आप संन्यास लेते हैं हैं, तो आप चाहते हैं कि टीम बेहतर स्थिति में हो, मुझे लगता है कि हमारे पास एक ऐसी टीम है जो अगले आठ सालों के लिए दुनिया भर की टीमों का सामना करने के लिए तैयार है। शुभमन गिल ने इस टूनार्मेंट में शानदार प्रदर्शन किया है। श्रेयस अय्यर ने कई मैचों में अच्छा खेल दिया है, वहीं केएल राहुल ने मैच फिनिश किए हैं और हार्दिक पांड्या बल्ले से बेहतरीन रहे हैं।
आस्ट्रेलिया से मिली हार से उभरने में मदद मिलेगी :
विराट ने कहा कि चैंपियंस ट्रॉफी की जीत कुछ हद तक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिली हार से टीम को उबारने में मदद करेगी। हम अंतत: यह कर पाए, यह शानदार अहसास है। कोहली से पूछा गया कि जब वह इस प्रारूप से संन्यास लेंगे तो ड्रेसिंग रूम को बेहतर स्थान पर छोड़ने के बारे में उनके क्या विचार क्या हैं? उन्होंने कहा कि हमारे ड्रेसिंग रूम में कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। वे अपना खेल और बेहतर बनाना चाहते हैं और सीनियर खिलाड़ी उनकी मदद करने में खुश हैं।
इस जीत से टीम की गहराई का पता चलता है : रोहित
पिछले तीन आईसीसी टूनार्मेंट में भारत ने 24 मैचों में 23 मैच जीते हैं और तीन में से दो खिताबों पर कब्जा जमाया है। रोहित शर्मा इस दौरान इन सभी मैचों में भारत के कप्तानी रहे हैं। चैंपियन्स ट्रॉफी में खिताबी जीत के बाद पत्रकारों से बात करते हुए रोहित ने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो यह एक बड़ी उपलब्धि है। इससे पता चलता है कि हम किस तरह की टीम हैं। हमें पता है कि वनडे विश्व कप के फाइनल में हमें हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इसके बाद से टी-20 विश्व कप और यहां भी हमने एक भी मैच नहीं हारा और खिताब जीतकर आ रहे हैं। इससे टीम की गहराई के बारे में पता चलता है। इस ग्रुप में एक-दूसरे के प्रति समझ है और इसी तरह की क्रिकेट हम खेलना चाहते हैं। इसी के बारे में हमने टूनार्मेंट से पहले भी बात की थी कि बाहर से बहुत कुछ दबाव है। अगर हम एक भी मैच हारते तो ढेर सारी बातें होने लगती। लड़कों ने इन सबको पीछे छोड़ सिर्फ मैच जीतने और खेल का लुत्फ उठाने पर अपना ध्यान लगाया।
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