सेल में हुए करोड़ों के घोटाले पर चर्चा जरूरी : मोदी सरकार में लगातार अपराध और घोटाले हो रहे, अजय कुमार ने कहा- देश की नवरत्न कंपनी सेल में कई सौ करोड़ रुपए का घोटाला हुआ
सरकार इन सब पर चुप्पी साधे
कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. अजय कुमार ने मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार में लगातार अपराध और घोटाले हो रहे हैं और सरकार इन सब पर चुप्पी साधे है
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि स्टील अथारिटी आफ इंडिया- सेल में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है और इसमें शामिल कंपनियों की जांच कराने के बजाय इसे उजागर करने वाले ईमानदार अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर उसे ही नौकरी से निकाला गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. अजय कुमार ने मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार में लगातार अपराध और घोटाले हो रहे हैं और सरकार इन सब पर चुप्पी साधे है। उनका कहना था कि हाल ही में 4 हजार करोड़ रुपए का स्टील घोटाला सामने आया है, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई करने के बजाय घोटाले को उजागर करने वाले अधिकारी को ही नौकरी से निकाल दिया गया है। डॉ कुमार ने कहा कि इस घोटाले को लेकर मीडिया घरानों को चर्चा करानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश की नवरत्न कंपनी सेल में कई सौ करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। यह घोटाला सेल ढांचागत विकास की परियोजनाओं के लिए सस्ते में दिए जाने वाले स्टील को महंगे दाम पर बेचने में हुआ है। सेल ने सस्ते दाम में 11 लाख टन स्टील 100 कंपनियों को बेच दिया। इसमें बहुत घोटाला हुआ है। उनका कहना था कि सेल में ढांचागत विकास की परियोजनाओं की मदद के लिए सस्ते में स्टील देने का प्रावधान है जिसके तहत कम दाम पर स्टील बेचने के नियम हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सामान्य परिवार में जन्मे राजीव भाटिया सेल में जनरल मैनेजर बने और ईमानदारी से काम करते हुए इस पद पर पहुंचे। जीएम बनने के बाद उन्होंने पाया कि सेल ने 11 लाख टन स्टील 100 कंपनियों को सस्ते में दिया गया है, लेकिन उस स्टील को ढांचागत विकास में लगाने के बजाय इन्हीं कंपनियों ने स्टील महंगे दामों पर बेच दी। इसमें एक कंपनी वेंकटेश इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड है जिसकी प्रमुख एकता अग्रवाल हैं।
उन्होंने कहा कि कमाल की बात यह है कि कंपनी का गठन एक अक्टूबर 2020 में और कंपनी गठन करने के कुछ ही दिनों बाद उनकी कंपनी को सेल की तरफ से 750 करोड़ रुपए का ठेका दिया गया। सेल में भ्रष्टाचार की परतें खालने वाले भाटिया को पुरस्कृत करने की बजाय उन्हीं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया। उन्होंने कहा कि “घोटाले के उजागर करने वाले राजीव भाटिया ने 2 बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखी लेकिन उन्हें निलम्बित कर दिया गया। इतना ही नहीं भाटिया की वीआरएस में लिखा गया है कि वह भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं। यानी- जिसने बताया कि किन लोगों ने घोटाले को अंजाम दिया गया, उसे ही करप्ट बता दिया गया। फिर जब राजीव भाटिया ने सीवीसी को चिट्ठी लिखी तो उन्होंने जांच शुरू की। इस जांच के बाद 26 लोगों को निलंबित किया गया लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद इन सभी को वापस उन्हीं पदों पर बैठा दिया गया। ”
डॉ अजय कुमार ने कहा कि “जिस कंपनी ने भाजपा को 30 करोड़ का चंदा दिया, उसने कई सारे प्रोजेक्ट किए, उससे किसी ने पूछताछ नहीं की। यहां तक कि इस कंपनी के मालिक को गिरफ्तार तक नहीं किया गया। मोदी सरकार बेहद भ्रष्ट है लेकिन घोटालों के बारे में मीडिया आवाज नहीं उठा रहा है । सोचिए- एक व्यक्ति जो ईमानदार है, देश के बारे में सोचता है और घोटाले को उजागर करता है, उसे ही कमरे में बंद करके जबरदस्ती वीआरएस दे दिया जाता है-यही मोदी सरकार की असलियत है।”

Comment List