लो जी आ गया मानसून : केरल में समय से पहले दी दस्तक, पूरे भारत में इसके आगे बढ़ने की उम्मीद
किसानों के चेहरे खिले
दक्षिण-पश्चिम मानसून ने शनिवार को केरल में सामान्य समय से एक सप्ताह पहले ही दस्तक दे दी
पुणे/तिरुवनंतपुरम। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने शनिवार को केरल में सामान्य समय से एक सप्ताह पहले ही दस्तक दे दी। मौसम विज्ञान केंद्र ने शनिवार को बताया कि मानसून दक्षिण अरब सागर के शेष हिस्सों, पश्चिम-मध्य और पूर्व-मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों, पूरे लक्षद्वीप, केरल, पुड्डुचेरी के माहे, कर्नाटक के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु के कई हिस्सों, दक्षिण-पश्चिम और पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के बाकी हिस्सों, पश्चिम मध्य और उत्तर बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और मिजोरम के कुछ हिस्सों में और आगे बढ़ चुका है।
मौसम विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के जल्दी आने से किसानों और आम लोगों में खुशी का माहौल है, क्योंकि यह वर्षाऋतु के प्रारंभ होने का संकेत है, जो पूरे देश में कृषि एवं जल संसाधनों के लिए बहुत लाभदायक है।
आगे बढ़ने की स्थिति अनुकूल
मौसम विभाग ने अपनी दैनिक मौसम रिपोर्ट में कहा है कि अगले दो-तीन दिनों में मानसून के आगे बढ़ने की अनुकूल स्थिति बनी हुई हैं। मानसून के मध्य अरब सागर के अधिक भागों, संपूर्ण गोवा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के कुछ भागों, कर्नाटक और तमिलनाडु के अतिरिक्त क्षेत्रों तथा पश्चिम-मध्य और उत्तरी बंगाल की खाड़ी के अन्य क्षेत्रों में पहुंचने की उम्मीद है। मानसून कुछ पूर्वोत्तर राज्यों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ हिस्सों तक भी पहुंचेगा।
कल बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित होने का अनुमान
इसके अलावा, 27 मई के आसपास पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तरी बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित होने का अनुमान है, जो मानसून की आगे की गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है।
आठ दिन पूर्व ही केरल में दी दस्तक, कोंकण में मानसून पूर्व की बारिश
अगले दो-तीन दिनों में मानसून के कोंकण में पहुंचने का अनुमान है। कोंकण में इस समय मानसून आने से पहले होने वाली भारी बारिश हो रही है और मुंबई में मानसून के एक जून तक पहुंचने के आसार हैं। आमतौर पर, मानसून एक जून को केरल पहुंचता है, लेकिन इस साल यह एक सप्ताह पहले ही पहुंच गया है।
1972 में सबसे देरी से केरल पहुंचा था
आंकड़ों के मुताबिक, बीते 150 साल में मानसून के केरल पहुंचने की तारीखें काफी अलग रही हैं। 1918 में मानसून सबसे पहले 11 मई को केरल पहुंच गया था, जबकि 1972 में सबसे देरी से 18 जून को केरल पहुंचा था।
अल नीनो की संभावना नहीं
मौसम विभाग ने अप्रैल में कहा था कि 2025 के मानसून सीजन के दौरान अल नीनो की संभावना नहीं है। यानी इस साल सामान्य से ज्यादा बारिश होगी। कम बारिश की आशंका न के बराबर है।
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