संवैधानिक आदर्शों को अपनाएं देश के लोग, विकसित भारत बनाने में दें योगदान : मुर्मु

संविधान बनाने का बड़ा काम पूरा किया था

संवैधानिक आदर्शों को अपनाएं देश के लोग, विकसित भारत बनाने में दें योगदान : मुर्मु

हमारा संविधान हमारे लोकतांत्रिक गणराज्य की मजबूत आधारशिला है। हमारा संविधान हमारी सामूहिक और व्यक्तिगत गरिमा सुनिश्चित करता है।

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने देशवासियों से संवैधानिक आदर्शों को आचरण में लाने तथा मौलिक कर्तव्यों का पालन करने की अपील करते हुए विकसित भारत बनाने का राष्ट्रीय लक्ष्य हासिल करने को कहा है। मुर्मु ने संविधान को अंगीकार किये जाने के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर यहां संविधान सदन के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 75 वर्ष पहले, संविधान सदन में, संविधान सभा ने एक नए स्वतंत्र देश के लिए संविधान बनाने का बड़ा काम पूरा किया था। उस दिन संविधान सभा के माध्यम से, हम, भारत के लोगों ने, इस संविधान को अपनाया, अधिनियमित किया और खुद को समर्पित किया। हमारा संविधान हमारे लोकतांत्रिक गणराज्य की मजबूत आधारशिला है। हमारा संविधान हमारी सामूहिक और व्यक्तिगत गरिमा सुनिश्चित करता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा संविधान एक जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज है। देश के दूरदर्शी संविधान निर्माताओं ने बदलते समय की आवश्यकताओं के अनुरूप नये विचारों को अपनाने की व्यवस्था प्रदान की थी। देश ने संविधान के माध्यम से सामाजिक न्याय और समावेशी विकास से संबंधित कई महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि एक नए ²ष्टिकोण के साथ, भारत विदेशी राष्ट्रों के समुदाय में एक नई पहचान अर्जित कर रहा है।  संविधान निर्माताओं ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का निर्देश दिया था और आज भारत एक अग्रणी अर्थव्यवस्था होने के साथ-साथ 'विश्व-बंधु की भूमिका भी बखूबी निभा रहा है।

मुर्मु ने कहा कि लगभग तीन-चौथाई सदी की संवैधानिक यात्रा में, देश संविधान निर्माताओं की अपेक्षा के अनुसार क्षमताओं को दिखाने और परंपराओं को विकसित करने में हद तक सफल हुआ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमने जो सबक सीखा है, उसे अगली पीढिय़ों तक पहुंचाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2015 से हर साल 'संविधान दिवस मनाने से  युवाओं के बीच संविधान के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद मिली है। उन्होंने सभी साथी नागरिकों से संवैधानिक आदर्शों को अपने आचरण में अपनाने का आग्रह करते हुए मौलिक कर्तव्यों का पालन करने और विकसित भारत के निर्माण के राष्ट्रीय लक्ष्य के प्रति समर्पण के साथ आगे बढने को कहा। 

राष्ट्रपति ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर सभी देशवासियों ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाया। उन्होंने कहा कि इस तरह के समारोह हमें अब तक की यात्रा की समीक्षा करने  और आगे की यात्रा के लिए बेहतर योजना बनाने का अवसर प्रदान करते हैं। ऐसे समारोह हमारी एकता को मजबूत करते हैं और दिखाते हैं कि राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के अपने प्रयासों में हम सभी एक साथ हैं। मुर्मु ने कहा कि एक मायने में, भारत का संविधान कुछ महान विचारकों के लगभग तीन वर्षों के विचार-विमर्श का परिणाम था। लेकिन, सही मायने में यह  लंबे स्वतंत्रता संग्राम का परिणाम था। उस अतुलनीय राष्ट्रीय आंदोलन के आदर्शों को संविधान में प्रतिष्ठापित किया गया। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में  न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल्यों को संक्षेप में शामिील किया गया है। ये आदर्श युगों-युगों से भारत को परिभाषित करते आए हैं। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में रेखांकित आदर्श एक-दूसरे के पूरक हैं। साथ मिलकर, वे एक ऐसा वातावरण बनाते हैं जिसमें प्रत्येक नागरिक को फलने-फूलने, समाज में योगदान करने और साथी नागरिकों की मदद करने का अवसर मिलता है।

Read More यूनेस्को की विरासत की सूची में शामिल हुई दीपावली, PM Modi ने दी देशवासियों को बधाई, कहा-ये पर्व हमारी सभ्यता की आत्मा

राष्ट्रपति ने कहा कि संवैधानिक आदर्शों को कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के साथ-साथ सभी नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से ताकत मिलती है। उन्होंने कहा कि संविधान में प्रत्येक नागरिक के मौलिक कर्तव्यों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। भारत की एकता और अखंडता की रक्षा करना, समाज में सछ्वाव को बढ़ावा देना, महिलाओं की गरिमा सुनिश्चित करना, पर्यावरण की रक्षा करना, वैज्ञानिक सोच विकसित करना, सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना और राष्ट्र को उपलब्धियों के उच्च स्तर पर ले जाना नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों में शामिल है। .

Read More राजस्थान उच्च न्यायालय को आज फिर मिली बम की धमकी, जांच एजेंसियां एक्शन मोड़ में

मुर्मु ने कहा कि संविधान की भावना के अनुरूप कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका की जिम्मेदारी है कि वे आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं को संसद द्वारा अधिनियमित कई कानूनों में अभिव्यक्ति मिली है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान सरकार ने समाज के सभी वर्गों, विशेषकर कमजोर वर्गों के विकास के लिए कई कदम उठाए हैं। ऐसे फैसलों से लोगों का जीवन बेहतर हुआ है और उन्हें विकास के नये अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने इस बात पर खुशी जतायी कि उच्च न्यायालय के प्रयासों से देश की न्यायपालिका हमारी न्यायिक प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने का प्रयास कर रही है। इस अवसर पर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, संसदीय कार्य मंत्री किरेण रिजिजू, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, केन्द्रीय मंत्री, सांसद और विदेशी राजनयिक भी मौजूद थे। 

Read More कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाहा को धमकी देने वाले ने किया आत्मसमर्पण, आपराधिक मामले में चल रहा था फरार

Tags: murmu

Post Comment

Comment List

Latest News

पहले झुकी और अगले ही पल चूमने लगी जमीन, तेज हवा से तिनके की तरह उड़ गई स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की रेप्लिका, मूर्ति के गिरते ही मची भगदड़ पहले झुकी और अगले ही पल चूमने लगी जमीन, तेज हवा से तिनके की तरह उड़ गई स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की रेप्लिका, मूर्ति के गिरते ही मची भगदड़
ब्राजील के गुआइबा शहर में सोमवार, 15 दिसंबर 2025 को आए तेज आंधी-तूफान ने भारी तबाही मचाई। इस दौरान लगभग...
नेशनल हेराल्ड मामला: अदालत ने गांधी परिवार को एफआईआर की कॉपी देने से किया इनकार
UNSC में भारत की पाकिस्तान का दो टूक, कहा-जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न हिस्सा थे और रहेंगे…’ सिंधु जल संधि और इमरान खान को लेकर बोला तीखा हमला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इथियोपिया के आधिकारिक दौरे पर, इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
सोनिया गांधी ने उठाया संसद में महिला कर्मियों का मुद्दा, मानदेय बढाने और सामाजिक सुरक्षा की मांग की
ग्लोबल वायदा बाजार की नरमी के असर : दोनों कीमती धातुओं में गिरावट, जानें क्या है भाव
विपक्ष के विरोध के बीच "बीमा विधि संशोधन विधेयक-2025" लोकसभा में पेश