ना पटवारी ना पटवार घर, कैसे हो किसानों की समस्या का हल?
शाहाबाद में पटवारी के 35 पद लेकिन 14 ही कार्यरत, पटवार घर भवन बैठने लायक तक नहीं
सरकार किसानों को मजबूत करने के लिए तरह-तरह की योजनाएं लाती है वहीं दूसरी तरफ किसानों को नकल इत्यादि के लिए भटकना पड़ता है। शाहबाद तहसील में एक भी पटवार घर ऐसा नहीं है जो सही स्थिति में हो।
शाहाबाद। शाहाबाद तहसील में 35 पटवारी के पद है लेकिन 14 ही पद पर पटवारी कार्यरत है। कानूनगो के भी 10 पदों में से 7 पद खाली पड़े है। शाहाबाद तहसील में पटवार घर कहीं बने हुए नहीं हैं तो जहां बने हुए वे बैठने लायक तक नहीं है। पटवार घरों के भवन जर्जर अवस्था में हैं। ऐसे में पटवार घर पर बैठकर पटवारियों का काम करना मुश्किल हो जाता है। अभी ज्यादातर पटवारी केलवाड़ा शाहाबाद कस्बा थाना बैठ कर अपना काम कर रहे हैं जिसमें पटवारियों को भी समस्या होती है और सबसे अधिक समस्या किसानों की होती है क्योंकि किसानों को नकल नामांतरण एवं कृषि संबंधित जरूरी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर एवं कई बार सरकारी आवेदनों में भी पटवारियों की सिग्नेचर की आवश्यकता पड़ती है ऐसे में क्षेत्र के लोगों को सबसे अधिक परेशानियां उठानी पड़ती हंै।
एक पटवारी पर तीन से चार हल्के का काम
पटवारी संघ अध्यक्ष तहसील शाहाबाद नवल सिंह मेहता का कहना है कि शाहबाद तहसील में कुल 35 पटवारी के पद हैं परंतु 14 पटवारियों द्वारा 35 पटवारियों का काम किया जा रहा है । इस कारण से सबसे अधिक समस्या होती है और आजकल काम मुआवजा आदि काफी बढ़ गया है। इसलिए मजबूरी बस अतिरिक्त कर्मचारी लगाकर भी कई बार काम कराना पड़ता है।
जर्जर अवस्था में पटवार घर
शाहबाद तहसील में एक भी पटवार घर ऐसा नहीं है जो सही स्थिति में हो। जहां पटवार घर हैं और जर्जर अवस्था में हैं और यह बिल्कुल नहीं है। जर्जर पटवार घरों की वजह से कई बार पटवारियों का रिकॉर्ड भी खराब हुआ है। इसलिए मजबूरी वश ऐसे पटवार घरों में बैठकर काम करना पटवारियों के लिए संभव नहीं हो पाता। वहीं क्षेत्र के लोगों ने कहा एक तब तो सरकार किसानों को मजबूत करने के लिए तरह-तरह की योजनाएं लाती है वहीं दूसरी तरफ किसानों को नकल इत्यादि के लिए भटकना पड़ता है। सरकार से मांग करते हैं कि पटवार घर को ठीक किया जाए एवं पटवारियों की पूरी व्यवस्था की जाए जिससे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के लोगों को किसानों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े।
कानूनगो के 10 पद हैं जिसमें 7 खाली
कानूनगो के 7 पद खाली हैं और तीन भरे हुए हैं जिसमें नामांतरण आदि निकलने में भी कई बार परेशानियां आती हैं। सबसे अधिक परेशानी तो क्षेत्र में पटवार घर नहीं होने से आ रही है। शाहाबाद क्षेत्र के मथुरालाल सहरिया रामनिवास शर्मा , मुकेश शर्मा, जोखा सुंदरा रघुवीर सहरिया आदि ने सरकार से मांग की है कि शाहाबाद क्षेत्र में खाली पटवारी के पदों को भरा जाए जिससे किसानों को भूमि पैमाइश एवं अधिकारियों में परेशानियों का सामना ना करना पड़े।
इनका कहना है
शाहबाद तहसील में पटवारघर जर्जर अवस्था में है एवं कहीं बिल्कुल ही नहीं है ऐसे में जर्जर पटवार घरों में बैठना मुश्किल है। साथ ही एक पटवारी पर तीन से चार हल्के हैं। इसलिए मजबूरी वश जिस कस्बे से सबसे अधिक जुड़े गांव रहते हैं वहां बैठना पड़ता है।
-नवल सिंह मेहता, अध्यक्ष पटवारी शाहबाद
क्षेत्र में पटवारियों की कमी के चलते लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। पटवार मंडल पर पटवारी बैठ नहीं सकते। पटवारियों को ढूंढने में किसानों को परेशानी आती है तथा केलवाड़ा शाहाबाद किसानों के लिए जाना मजबूरी बना हुआ है।
-केशव प्रसाद गोस्वामी, किसान समाजसेवी
क्षेत्र में सरकार द्वारा कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जाती हैं जिसमें जमाबंदी नकल एवं आय प्रमाण पत्र आदि में जाति मूल निवासी में पटवारी आदि के हस्ताक्षर की जरूरत पड़ती है। ऐसे में कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। पटवार घरों की हालत खराब बनी हुई है
-कुबेर सिंह यादव
पटवारियों की कमी का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। समय पर काम नहीं हो पाते नकल आदि निकलवाने में परेशानी आती है
-दिनेश वैष्णव, किसान
जब मासिक बैठक होती है। उसमें रिपोर्ट उसमें पद खाली ,जर्जर पटवार घर आदि की सूचना भेजी जाती है। पटवारी कम होने के कारण पटवारियों पर अतिरिक्त भार भी है। इसलिए काम में पटवारी कोई परेशानियां आती हैं।
- शिवनारायण रावत, तहसीलदार शाहाबाद

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