महिलाओं को नहीं मिला बराबरी का अधिकार : गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिला सशक्तीकरण पर बल दिया है। गहलोत ने कहा कि महिलाओं की योग्यता है, लेकिन अभी भी उन्हें बराबरी का अधिकार नहीं मिला है।
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिला सशक्तीकरण पर बल दिया है। गहलोत ने कहा कि महिलाओं की योग्यता है, लेकिन अभी भी उन्हें बराबरी का अधिकार नहीं मिला है। गहलोत ऑनलाइन महिला नीति 2021 के लोकार्पण के अवसर पर महिला सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अमेरीका में संविधान बनने के 144 साल बाद महिलाओं को वोट का अधिकार मिला। इंग्लैंड में संविधान बनने के सौ साल बाद महिलाओं को मताधिकार का अधिकार मिला, जबकि भारत में संविधान बनने के साथ ही महिलाओं को बराबरी के अधिकार मिले।
इस मामले में हमारा देश आगे रहा, लेकिन फिर भी दुर्भाग्य है कि जिस तरह महिलाओं को आगे आना चाहिए था। वैसे नहीं हो सका। महिला सशक्तीकरण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने महिला शिक्षा पर जोर दिया है। वह जब पहली बार मुख्यमंत्री बने, तब स्थिति खराब थी। अब काफी आगे बढ़े है। सरकार ने निर्णय लिया है कि जहां स्कूल में 500 बच्चियां पढ़ती हो। वहां महिला कॉलेज खोल दिया जाये। महिला शिक्षा पर सरकार का बड़ा जोर है। हम सब चाहते हैं कि महिलाओं का सशक्तीकरण हो। उन्हें प्रौत्साहन मिले,बराबरी का सम्मान मिले।
मुख्यमंत्री ने शिशु मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर पर जोर देने की आवश्कता बताते हुए कहा कि इसमें कमी लानी होगी। सरकार इस दिशा में पूरी ताकत लगा रही। महिलाओं को लेकर सोच बदलनी होगी। उन्होंने कहा कि देश में शासन में भी महिलाओं को भागीदारी मिली और उनमें योग्यता भी है, लेकिन अभी भी उन्हें बराबरी का अधिकार नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि घूंघट की प्रथा के प्रति सोच बदलनी चाहिए। महिलाओं के प्रति भेदभाव नहीं हो और वह चाहे किसी भी धर्म एवं जाति की हो। आगे आये और शासन में भागीदारी निभाये तभी महिला का सशक्तीकरण होगा।
उन्होंने कहा कि वर्ष हमने बालिका नीति बनाई थी। महिला नीति में बालिका नीति को एकीकृत किया गया है। इस नीति में हमारे कार्यक्रम सरकार की सोच बताते है और यह महिलाओं के लिए नई क्रांति होगी। उन्होंने कोरोना को लेकर कहा कि इसके प्रति सावधानी रखने की आवश्यकता है। कोरोना टीका लगने के बाद भी कोविड हो सकता है। कोरोना की रफ्तार दोगुनी और मरने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। लॉकडाउन में लोगों को बहुत परेशानी हुई थी। हमने लोगों की मदद में कोई कमी नहीं छोड़ी थी।
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