500 करोड़ का 7-डिजिट नंबर घोटाला! अब बड़े अफसरों पर गिरेगी गाज, होंगी एफआईआर, ईडी भी हुई एक्टिव
जयपुर में 7 अंकों वाले नंबर घोटाले पर एफआईआर के निर्देश
परिवहन विभाग में पुराने 7 डिजिट हैरिटेज नंबरों की फर्जी बैकलॉग प्रविष्टियों के खुलासे के बाद कार्रवाई तेज हो गई है। डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने दोषी कार्मिकों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। जांच में 8,500 नंबर गलत बैकलॉग मिले और 500 करोड़ का नुकसान सामने आया।
जयपुर। परिवहन विभाग में पुराने 7 डिजिट हैरिटेज नंबरों को गलत तरीके से बैकलॉग कर महंगी दरों पर बेचने का खुलासा अब बड़े एक्शन की ओर बढ़ चुका है। डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने इस पूरे फर्जीवाड़े में दोषी पाए गए कार्मिकों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दे दिए हैं। विभागीय जांच में सामने आया कि राजस्थान भर में करीब 8,500 नंबर गलत तरीके से बैकलॉग किए गए, जिनमें से करीब 2,000 वाहनों का रिकॉर्ड तक गायब है।
इस घोटाले का पर्दाफाश सबसे पहले जयपुर आरटीओ प्रथम में हुआ था, जहां बाबू सुरेश तनेजा और सहायक प्रोग्रामर रामजीलाल की भूमिका संदिग्ध पाई गई। जांच आगे बढ़ी तो झुंझुनूं और राजसमंद के डीटीओ सहित कई निरीक्षकों पर भी कार्रवाई हुई। बाद में विभाग ने अपर परिवहन आयुक्त रेणु खंडेलवाल को पूरे मामले की जांच सौंपी, जिसमें राज्यभर से भारी गड़बड़ियां सामने आईं।
जांच रिपोर्ट के अनुसार—
-करीब 400 अधिकारी-कर्मचारी इस गड़बड़झाले में शामिल
-2 से 3 आरटीओ और लगभग 35 डीटीओ के नाम जांच के दायरे में
-सिर्फ जयपुर आरटीओ प्रथम में 32 कार्मिक शामिल
-रिन्युअल फीस और ट्रांसफर फीस नहीं लेने से विभाग को लगभग 500 करोड़ का नुकसान
अब विभाग जल्द ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर संबंधित जिलों में डीटीओ या आरटीओ के माध्यम से FIR दर्ज कराएगा।
ईडी की एंट्री ने बढ़ाई हलचल
ईडी ने इस घोटाले से जुड़े तीन बिंदुओं पर परिवहन विभाग से जवाब मांगा है। जयपुर आरटीओ प्रथम के बाबू सुरेश तनेजा द्वारा किए गए करीब 80 पंजीयनों की रिपोर्ट, राज्यभर में हुई वित्तीय अनियमितताओं और पहले वित्त विभाग को भेजी गई रिपोर्ट की कॉपी ईडी ने तलब की थी। विभाग सभी तीन बिंदुओं पर जवाब भेज चुका है और अब ईडी के अगले कदम पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।

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