अमेरिका-भारत व्यापार तनाव: राजस्थान के निर्यातकों और आमजन पर गहराते संकट की आहट
निर्यातकों पर सीधा असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ का असर अब राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ राजस्थान के व्यापार और आमजन पर भी दिखना शुरू हो गया है
जयपुर। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ का असर अब राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ राजस्थान के व्यापार और आमजन पर भी दिखना शुरू हो गया है। ऑल राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन (आरतियां) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरिराज खंडेलवाल ने चेतावनी दी है कि इस फैसले से राज्य के निर्यातकों और छोटे व्यापारियों को गंभीर नुकसान होगा, जिसका सीधा असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और आम जनता पर पड़ेगा।
निर्यातकों पर सीधा असर
आरतिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरिराज खंडेलवाल ने कहा कि अमेरिका द्वारा 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाए जाने का फैसला, जो अब कुल मिलाकर 50% हो चुका है, राजस्थान के उन उद्योगों के लिए बड़ा झटका है, जिनका एक बड़ा हिस्सा अमेरिका को निर्यात होता है। इनमें मार्बल, हैंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल, मसाले, जेम्स-ज्वेलरी और इंजीनियरिंग गुड्स शामिल हैं। इस बढ़ोतरी के कारण, ये भारतीय उत्पाद अमेरिकी
बाजार में अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता खो देंगे।
खंडेलवाल ने इस बात पर चिंता जताई कि इस स्थिति से छोटे और मध्यम व्यापारियों (MSMEs) की कमर टूट जाएगी। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र पहले से ही कच्चे माल और ट्रांसपोर्ट की बढ़ती लागत से जूझ रहा है। अब टैरिफ के दबाव के कारण अमेरिकी ऑर्डर्स के रद्द होने या स्थगित होने की पूरी आशंका है, जिससे हजारों व्यापारिक इकाइयां संकट में आ सकती हैं।
वैकल्पिक बाजार खोजना चुनौती
गिरिराज खंडेलवाल ने कहा कि अमेरिका के स्थान पर नए बाजार खोजना आसान नहीं होगा। उन्होंने बताया कि ट्रेड रिलेशन, भुगतान की सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स की लागत जैसी बड़ी रुकावटें हैं, जो तुरंत नए विकल्प तलाशने में बाधा बनेंगी।
आमजन पर भी पड़ेगा सीधा प्रभाव
आरतिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने यह भी कहा कि इस व्यापारिक तनाव का सीधा असर राजस्थान के आम लोगों पर भी पड़ेगा:
बेरोज़गारी में बढ़ोतरी: निर्यात में गिरावट से उत्पादन में कमी आएगी, जिससे मजदूरों की छंटनी हो सकती है। इससे राज्य में बेरोजगारी की दर और बढ़ सकती है।
महंगाई का बोझ: डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट और तेल की कीमतों में उछाल से ट्रांसपोर्ट और रोजमर्रा की वस्तुएं महंगी हो सकती हैं, जिससे आमजन का जीवन प्रभावित होगा।
घरेलू व्यापार पर असर: निर्यातक व्यापारियों को होने वाले नुकसान का असर स्थानीय बाजारों पर भी पड़ेगा। इससे भुगतान चक्र धीमा होगा और व्यापारिक विश्वास कमजोर होगा।
भारत-रूस संबंधों पर अमेरिकी हस्तक्षेप
खंडेलवाल ने अमेरिका के इस रुख को भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता पर एक प्रहार बताया। उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीद को लेकर अमेरिका का यह कदम भारत की संप्रभुता और आर्थिक नीति में हस्तक्षेप का प्रयास है।
सरकार से मांग
ऑल राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन ने भारत सरकार से इस मुद्दे पर तुरंत कदम उठाने की मांग की है:
राजनयिक समाधान: अमेरिका के साथ इस मुद्दे को राजनयिक स्तर पर तुरंत सुलझाया जाए।
राहत पैकेज: राज्य स्तर पर प्रभावित व्यापारियों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की जाए।
नए बाजार: यूरोप, अफ्रीका और खाड़ी देशों जैसे वैकल्पिक बाजारों के साथ तेजी से व्यापार समझौते किए जाएं।
सब्सिडी और टैक्स राहत: MSME सेक्टर को निर्यात में हुए नुकसान की भरपाई के लिए सब्सिडी और टैक्स में राहत दी जाए।

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