राजस्थान में लागू हुआ धर्मांतरण विरोधी कानून : लव जिहाद पर 20 साल की सजा, धर्म परिवर्तन के लिए सरकारी मंजूरी जरूरी
समस्त जिला कलक्टर और जिला मजिस्ट्रेट को लिखा पत्र
राजस्थान सरकार ने जबरन या बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन रोकने के लिए कड़ा कानून लागू कर दिया । गृह विभाग ने राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलिजन एक्ट 2025 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गया। गृह विभाग ने महानिदेशक पुलिस, समस्त जिला कलक्टर और जिला मजिस्ट्रेट को इस संबंध में पत्र लिखा। नए कानून के तहत जबरन, लालच या धोखे से धर्म परिवर्तन कराने पर कड़ी सजा और गैर-जमानती धाराएं लगेंगी। लव जिहाद के मामलों में अधिकतम 20 साल की कैद का प्रावधान।
जयपुर। राजस्थान सरकार ने जबरन या बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन रोकने के लिए कड़ा कानून लागू कर दिया है। गृह विभाग ने राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलिजन एक्ट 2025 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। गृह विभाग ने महानिदेशक पुलिस, समस्त जिला कलक्टर और जिला मजिस्ट्रेट को इस संबंध में पत्र लिखा है। नए कानून के तहत जबरन, लालच या धोखे से धर्म परिवर्तन कराने पर कड़ी सजा और गैर-जमानती धाराएं लगेंगी। लव जिहाद के मामलों में अधिकतम 20 साल की कैद का प्रावधान है। साथ ही केवल धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से की गई शादी कोर्ट से रद्द करवाई जा सकेगी। जो व्यक्ति अपनी मर्जी से धर्म बदलना चाहता है, उसे कम से कम 90 दिन पहले कलक्टर या एडीएम को आवेदन देना होगा। धर्म परिवर्तन कराने वाले धर्माचार्य को 60 दिन पूर्व नोटिस देना होगा। प्रशासन इन घोषणाओं को सार्वजनिक कर दो महीने तक आपत्तियां मांगेगा।
घर वापसी पर कानून लागू नहीं: कानून में यह भी प्रावधान है कि सामूहिक धर्मांतरण कराने वाली संस्थाओं की इमारतों को सील या तोड़ा जा सकेगा। प्रशासन जांच के बाद बुलडोजर कार्रवाई करेगा। घर वापसी को धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा। यानी मूल धर्म में लौटने वालों पर यह कानून लागू नहीं होगा।
कानून के मुख्य प्रावधान
लव जिहाद पर अधिकतम 20 साल की सजा
धर्म परिवर्तन से पहले सरकारी अनुमति अनिवार्य
गैर-जमानती अपराध के रूप में दर्ज होगा मामला
सामूहिक धमांर्तरण पर बुलडोजर कार्रवाई
घर वापसी धर्म परिवर्तन नहीं मानी जाएगी
र्म परिवर्तन के उद्देश्य से की गई शादी रद्द

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