भजनलाल की हरियाणा सीएम से फोन पर वार्ता : भिवाड़ी में जल निकासी की समस्या के समाधान और यमुना जल समझौते की प्रगति पर चर्चा
दोनों राज्यों के बीच सकारात्मक सहमति
लगभग 250 एमसीएफटी भराव क्षमता वाली इस संग्रहण प्रणाली के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण एवं उपादेयिता रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के बीच मंगलवार को फोन पर भिवाड़ी में पानी निकासी की समस्या के समाधान तथा यमुना जल समझौते की प्रगति पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई। इसे देखते हुए यमुना जल लाने की योजना के तहत इसी माह राजस्थान व हरियाणा की ओर से संयुक्त रूप से पाइपलाइन के लिए जमीनी अलाइनमेंट सर्वे कार्य प्रारंभ कर दिए जाने की संभावना बनी है। इसी तरह भिवाड़ी क्षेत्र में बांधों में वर्षा जल संग्रहण और शोधित जल को पृथक रूप से भिवाड़ी इंटीग्रेटेड डवलपमेंट की ओर से उपयोग में लिए जाने पर भी काम किया जाएगा।
दोनों राज्यों के बीच सकारात्मक सहमति
सीएम ने कहा कि भिवाड़ी क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के कारण वर्षा ऋतु में जल निकासी की समस्या उत्पन्न होती है, क्योंकि प्राकृतिक बहाव हरियाणा की दिशा में होता है। इस पर दोनों राज्यों में सकारात्मक सहमति बनी है और समस्या के समाधान की दिशा में ठोस प्रगति हुई है। औद्योगिक इकाइयों से प्राप्त शोधित स्वच्छ जल का सदुपयोग सुनश्चित करने के लिए भिवाड़ी इंटीग्रेटेड डवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से डीपीआर तैयार की जा रही है। बारिश के दौरान इस जल के साथ वर्षा जल भी मिल जाता है, जिससे जल भराव की स्थिति उत्पन्न होती है।
250 एमसीएफटी भराव क्षमता वाली संग्रहण प्रणाली
मुख्यमंत्री ने कहा कि भिवाड़ी क्षेत्र में वर्षा जल की निकासी एवं संग्रहण के लिए जल संसाधन विभाग ने पांच ऐसे बांधों की पहचान की गई है, जिनमें स्वयं के जलग्रहण क्षेत्र से वर्षा जल नहीं आता है, लेकिन इन्हें जल भण्डारण के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। लगभग 250 एमसीएफटी भराव क्षमता वाली इस संग्रहण प्रणाली के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण एवं उपादेयिता रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
छह माह में डीपीआर तैयार
दोनों मुख्यमंत्रियों के मध्य हथनीकुंड बैराज से यमुना जल राजस्थान लाने की योजना पर भी चर्चा हुई। इस विषय पर पहले से दोनों राज्यों के बीच समझौता हो चुका है कि एक संयुक्त डीपीआर तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री ने संयुक्त डीपीआर के लिए कंसल्टेंट का चयन कर कार्यादेश इस माह के अंत तक जारी किए जाने के लिए निर्देशित किया है ताकि मानसून काल का उपयोग वास्तविक रूप से अलाइनमेंट सर्वे आदि के लिए किया जा सके। उन्होंने आगामी छह माह में डीपीआर तैयार कर इस काम की ठोस कार्य योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं।

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