राजस्थान में नागालैंड के विद्यार्थियों का सम्मेलन संपन्न
राजस्थान और नागालैंड के मध्य सांस्कृतिक सामाजिक जुड़ाव के इस प्रयास की सभी ने सराहना की
पीयूसीएल के प्रदेश अध्यक्ष भंवर मेघवंशी ने राजस्थान और नागालैंड के इस मिलन को देश की एकता और बहुलतावादी संस्कृति के लिए आशाजनक बताया और कहा कि नागालैंड के स्टूडेण्ट्स के मानवाधिकार राजस्थान में सुरक्षित रहे इसके लिए वे प्रतिबद्ध हैं।
जयपुर। नागा स्टूडेंट यूनियन राजस्थान का पहला सम्मेलन तक्षशिला ऑडिटोरीयम मानसरोवर में जियोलोज़िकल सर्वे ऑफ़ इंडिया के निदेशक जॉन कीवी अंगामी के मुख्य आतिथ्य और पीपुल्स यूनियन फ़ॉर सिविल लिबर्टीज के प्रदेश अध्यक्ष भंवर मेघवंशी के विशिष्ट आतिथ्य में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर नागालैंड के पर्यटन विभाग की तरफ़ से वहाँ के दर्शनीय स्थलों के बारे के बताया गया। राजस्थान के विभिन्न ज़िलों से यहाँ आए प्रतिभागियों ने नागालैण्ड की प्रत्येक जनजाति के बारे में प्रस्तुतियाँ दी।
इस मौक़े पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। नागामिज गानों के अलावा केसरिया तेरा इश्क़ है पिया जैसे फिल्मी गाने गाए गाए जिस पर लोग जमकर झूमे। सुदूर उत्तर पूर्व के गायकों ने जब हिंदी और वहाँ की भाषा में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी तो लोग मस्ती से झूम उठे। सुतान, इमरोंग और बेहद पॉप्युलर नागा रैपर मोकोकोज़ा ने बेमिसाल गीत प्रस्तुत किए।
नागालैंड स्टूडेण्ट्स यूनियन राजस्थान के निवर्तमान अध्यक्ष असीम्बे जो आजकल दिसोम द लीडरशिप स्कूल के फेलो भी है उन्होंने संगठन द्वारा कोविड के दौरान किए गए जानकारियाँ प्रदान की। वर्तमान अध्यक्ष चांग वासी ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया. महासचिव विसेडेल शोसाहिए ने तीन साल का लेखा-जोखा सामने रखा।
मुख्य अथिति जॉन कीवी अंगामी ने स्टूडेण्ट्स को उच्च शिक्षा के लिए लक्ष्यबद्ध होने के लिए प्रेरित किया और हर प्रकार की सहायता के किए आश्वस्त किया।
पीयूसीएल के प्रदेश अध्यक्ष भंवर मेघवंशी ने नागा विद्यार्थियों का राजस्थान में पधारो म्हारे देश से स्वागत करते हुए कहा कि जिस तरह नागालैंड विविध संस्कृतियों और समृद्ध भौगोलिक स्थलों की जगह है वैसी ही सांस्कृतिक समृद्धि राजस्थान की भी है। यहाँ रेगिस्तान है,अरावली जैसा प्राचीन विराट पहाड़ है और चम्बल जैसी सदानीरा नदियाँ हैं। मेघवंशी ने राजस्थान और नागालैंड के इस मिलन को देश की एकता और बहुलतावादी संस्कृति के लिए आशाजनक बताया और कहा कि नागालैंड के स्टूडेण्ट्स के मानवाधिकार राजस्थान में सुरक्षित रहे इसके लिए वे प्रतिबद्ध हैं।
फ़र्स्ट नागा मीट का विषय- “कनेक्टिंग द पास्ट: स्ट्राइविंग थ्रू कल्चरल डायवर्सिटी टूवर्ड्स बिल्डिंग पीस” था। राजस्थान और नागालैंड के मध्य सांस्कृतिक सामाजिक जुड़ाव के इस प्रयास की सभी ने सराहना की।

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