डिजिटल अरेस्ट का नया जाल : 75 वर्षीय बुजुर्ग से 23.56 लाख रुपए की ठगी
2.80 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग
इस सुनियोजित जाल में फंसकर पीड़ित ने 26 मई, 2025 को कृष्णा सर्जिकल नाम के आईसीआईसीआई बैंक खाते में 23.56 लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए।
जयपुर। साइबर क्राइम पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर एक 75 वर्षीय बुजुर्ग से 23.56 लाख रुपए की ठगी करने वाले मुख्य खाताधारक सुरेश कुमार जाट उर्फ सुरेंद्र निवासी अलसीसर झुंझुनूं हाल रोहणी नई दिल्ली को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार ने बताया कि पीड़ित ने 27 मई को जयपुर साइबर क्राइम पुलिस थाने में शिकायत दी कि 23 मई को उन्हें दो अलग-अलग मोबाइल नंबरों से कॉल आए थे। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन से संजय कुमार बताया। ठग ने पीड़ित को डराया कि उनके नाम से खरीदे गए एक मोबाइल नंबर का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और आपत्तिजनक संदेश भेजने के लिए किया गया है। उसे बताया गया कि उसके खाते में 2.80 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है और उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हो चुका है।
एसपी कुमार ने बताया कि ठगों ने मामले को और विश्वसनीय बनाने के लिए पीड़ित की बात सीबीआई के मुख्य जांच अधिकारी रोहित कुमार गुप्ता से करवाई। इस नकली अधिकारी ने भी वही बातें दोहराई और पीड़ित को एक वीडियो कॉल पर एक अदालत का दृश्य दिखाया, जिसमें एक न्यायाधीश डेस्क पर बैठकर आदेश देते हुए दिख रहे थे। न्यायाधीश ने कथित तौर पर आदेश दिया कि यदि पीड़ित जिनका नाम संतोष कुमार भार्गव बताया गया, राशि जमा नहीं करते हैं तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाए और उनके सभी खाते फ्रीज कर दिए जाएं।
इस सुनियोजित जाल में फंसकर पीड़ित ने 26 मई, 2025 को कृष्णा सर्जिकल नाम के आईसीआईसीआई बैंक खाते में 23.56 लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए। शिकायत मिलने के बाद साइबर क्राइम पुलिस ने आईसीआईसीआई बैंक खाते की जांच में पता चला कि 26 मई को इस खाते में पीड़ित सहित विभिन्न व्यक्तियों से लगभग तीन करोड़ रुपए जमा हुए थे और उसी समय नेट बैंकिंग के माध्यम से अन्य खातों में स्थानांतरित कर दिए गए थे। यह जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत खाताधारक की पहचान कर ली और दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।
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