आगजनी करने वाले फायर स्टेशन के 2 कर्मचारी गिरफ्तार, आर्थिक फायदे के लिए खुद ही लगाते थे फैक्ट्रियों में आग
डीजल को फायर ब्रिगेड की गाड़ी से निकालकर अन्य लोगों को बेचकर आर्थिक फायदा लेते है
राहुल यादव को दस्तयाब कर घटना के बारें में पूछताछ की, तो दोनों युवकों ने 3 अलग-अलग जगहों पर आगजनी की घटना करना स्वीकार किया।
जयपुर। करधनी थाना पुलिस ने षड्यंत्र रचकर फैक्ट्री एरिया में आगजनी करने वाले अस्थाई फायरमैन व अस्थाई ड्राईवर को गिरफ्तार किया है। आरोपी के कब्जे से घटना में प्रयुक्त बाइक बरामद की है। पुलिस उपायुक्त पश्चिम अमित कुमार ने बताया कि पिछले कुछ समय से रिको एरिया सरना डूंगर में हो रही आगजनी की घटनाओं को बाइक सवार 2 अज्ञात युवकों द्वारा किया जा रहा है, जो वर्तमान में फायर स्टेशन में काम करते है। इस रिपोर्ट पर एक विशेष टीम का गठन किया गया। गठित टीम ने मुखबीरों की सहायता से एवं घटनास्थल के आस पास लगे सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन से घटना के संबंध में जानकारी जुटाई, तो घटनास्थल के पास एक बाइक पर 2 युवक घटना करने के लिये आते व जाते हुये दिखाई दिए।
सीसीटीवी फुटेज से इन अज्ञात आरोपियों का रूट मेप तैयार किया गया, तो बाइक सवारों का सरना डुगर के फायर स्टेशन की तरफ जाना पाया गया। बाइक को काम में लेने वाले 2 युवक विजय शर्मा और राहुल यादव को दस्तयाब कर घटना के बारें में पूछताछ की, तो दोनों युवकों ने 3 अलग-अलग जगहों पर आगजनी की घटना करना स्वीकार किया। आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि वे दोनों सरना डुगंर के फायर स्टेशन में अस्थाई कर्मचारी के रूप में काम करते है। फायरमैन व ड्राईविंग के अनुभव के प्रमाण-पत्र होने पर प्राईवेट ठेकेदार के द्वारा अस्थाई फायरमैन व अस्थाई ड्राईवर के रूप में नियुक्ति होती है। आगजनी की सूचना मिलने पर मौके पर आग बुझाने का काम करते है। आग बुझाने के दौरान फायर ब्रिगेड की गाड़ी से जितना डीजल खर्च होता है, उससे ज्यादा डीजल खर्च होना बताकर अधिक खर्च बताये डीजल को फायर ब्रिगेड की गाड़ी से निकालकर अन्य लोगों को बेचकर आर्थिक फायदा लेते है। आगजनी की जितनी ज्यादा सूचनाएं प्राप्त होती है। इस तरह के कार्यों से उन्हें उतना ही ज्यादा आर्थिक फायदा होता है।
डीजल चोरी कर बेचकर आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिये दोनों ने योजना बनाकर अलग-अलग फैक्ट्रीयों के अन्दर आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया। घटना को अंजाम देने के लिये वे दोनों बाइक पर सवार होकर किसी फैक्ट्री में लगाकर पुनः फायर स्टेशन पर आ जाते थे तथा उन्हें आग लगने की सूचना प्राप्त होती, तो वे फायर ब्रिगेड की गाड़ी लेकर मौके पर आग बुझाने का काम करते।
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