हीटवेव : भीषण गर्मी और लू कर रही बीमार, झुलस रही त्वचा, हीट स्ट्रोक डिहाइड्रेशन, डायरिया और वायरल के मरीजों की अस्पतालों में भीड़
हार्ट, किडनी, ब्रेन और लिवर पर भी पड़ रहा है गंभीर असर
मनोचिकित्सकों के मुताबिक बाइपोलर डिसऑर्डर, घबराहट, अनिद्रा और बेचैनी के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या में इन दिनों इजाफा हुआ है।
जयपुर। प्रदेश में एक बार फिर से आग उगलती गर्मी और लू का दौर शुरू हो गया है। तापमान फिर से 47 डिग्री के पार पहुंच गया है। ऐसे में आमजन की सेहत का मिजाज बार बार बिगड़ रहा है और घर घर में लू लगने, डायरिया, तेज सिरदर्द, हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, वायरल फीवर, त्वचा और किडनी से जुड़ी समस्याएं प्रमुख रूप से सामने आने लगी हैं। बच्चों और बुजुर्गों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है।
एसएमएस अस्पताल, जेके लोन और अन्य प्रमुख अस्पतालों की ओपीडी में इन बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या 25-30 फीसदी तक बढ़ गई है। सरकारी और निजी अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मामले भी अचानक से बढ़ गए हैं।
डॉक्टर्स की मानें तो लू लगना या हीट स्ट्रोक कई गंभीर बीमारियों का कारण बन रहा है। लू लगने पर अगर समय से इलाज नहीं कराया तो यह हार्ट, किडनी और लिवर को फेल करने के साथ ही कोमा, ब्रेन में सूजन, एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम, मेटाबॉलिक डिस्फंक्शन, नर्व डैमेज आदि का कारण बन सकता है। वहीं भीषण गर्मी का असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। मनोचिकित्सकों के मुताबिक बाइपोलर डिसऑर्डर, घबराहट, अनिद्रा और बेचैनी के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या में इन दिनों इजाफा हुआ है।
तेज धूप के कारण जल रही है त्वचा
बरस रही आग और लू के कारण इन दिनों त्वचा पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। एसएमएस अस्पताल की ओपीडी में इन दिनों त्वचा संबंधी बीमारी से पीड़ित होकर प्रतिदिन 1500 से 1700 मरीज पहुंच रहे हैं। चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहित पंजाबी ने बताया कि गर्मी में ज्यादा पसीना निकलना, चिपचिपाहट और नमी के कारण त्वचा को नुकसान हो रहा है। इनमें फंगल इंफेक्शन, सनबर्न, एग्जिमा, स्किन इंफेक्शन जैसी बीमारियां प्रमुख हैं।
हीट स्ट्रोक-लू से बचने के लिए क्या करें
हर समय हाइड्रेटेड रहें। दिनभर पर्याप्त पानी पिएं, भले ही प्यास न लगे।
इलेक्ट्रोलाइट्स वाले ड्रिंक्स जैसे ओआरएस या नारियल पानी का सेवन करें।
दिन में 11 बजे से शाम 4 बजे तक जरूरी हो तो ही बाहर निकलें।
घर से बाहर निकलते समय छाते, टोपी या सनग्लासेस का उपयोग करें।
सूती, हल्के रंग के और हवादार कपड़े पहनें।
मौसमी फल जैसे तरबूज, खीरा, नींबू पानी, बेल का शरबत आदि का सेवन करें।
अगर चक्कर, उल्टी, बुखार या बेहोशी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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