राजस्थान में हाईवे क्रांति : 701 करोड़ से 4 नए प्रोजेक्ट, नई कनेक्टिविटी से विकास को मिलेगी रफ्तार
EPC मॉडल: तेज़ और गुणवत्ता युक्त निर्माण
राजस्थान में हाईवे नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 701 करोड़ की लागत से चार नए प्रोजेक्ट्स का निर्माण किया जाएगा
जयपुर। राजस्थान में हाईवे नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 701 करोड़ की लागत से चार नए प्रोजेक्ट्स का निर्माण किया जाएगा। कुल 270.10 किमी लंबाई के लिए डीपीआर तैयार हो चुकी है। इन प्रोजेक्ट्स के जरिए गांव और शहरों के बीच की दूरी कम होगी और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
EPC मॉडल: तेज़ और गुणवत्ता युक्त निर्माण
पीडब्ल्यूडी के अनुसार EPC मॉडल के तहत 54 प्रोजेक्ट पूरे किए गए हैं। इनकी कुल लागत ₹27,381 करोड़ रही और 3406 किमी लंबाई के हाईवे बनाए गए। प्रमुख प्रोजेक्ट्स में चित्तौड़गढ़-कोटा, कोटा-बारां और अजमेर-नसीराबाद शामिल हैं। उदयपुर-चित्तौड़गढ़ का 113.38 किमी लंबा सेक्शन EPC मॉडल का सबसे महंगा प्रोजेक्ट रहा, जिसकी लागत ₹1244.1 करोड़ रही।
HAM मॉडल: सार्वजनिक और निजी भागीदारी का नतीजा
HAM मॉडल से अब तक 7 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं, जिनकी कुल लंबाई 841 किमी और लागत 6894 करोड़ रही। इस मॉडल ने निजी क्षेत्र की भागीदारी से निर्माण गुणवत्ता में सुधार और सरकार को वित्तीय राहत प्रदान की है।
प्रगति की रफ्तार तेज़:-
- कुल 50+ बड़े प्रोजेक्ट्स पूरे
- दिसंबर तक निर्माण कार्य और तेज़ी से होगा
- 2025-26 तक ₹22,940.96 करोड़ का अवार्ड लक्ष्य
- हर जिले में कनेक्टिविटी विस्तार
राजस्थान: देश का अग्रणी राज्य
राजस्थान में कोटा, उदयपुर और अजमेर जैसे क्षेत्रों में हाईवे नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा है। कोटा में 1200 करोड़ रुपए से अधिक के 4 EPC प्रोजेक्ट्स, और उदयपुर जोन में 9 प्रोजेक्ट्स सफलता से पूरे हो चुके हैं। सरकार का फोकस गति, गुणवत्ता और पारदर्शिता पर है, जो प्रदेश को सड़कों के मामले में अग्रणी बना रहा है।

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