बेघर लोगों को छत देने की तैयारी
सभी जिलों में 75-75 की क्षमता के 45 आवासों का निर्माण किया जाएगा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार बेघर, वृद्धजन, कामकाजी महिलाओं एवं असहाय-निराश्रित व्यक्तियों को रहने के लिए छत देने की तैयारी कर रही है।
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार बेघर, वृद्धजन, कामकाजी महिलाओं एवं असहाय-निराश्रित व्यक्तियों को रहने के लिए छत देने की तैयारी कर रही है। सभी जिलों में 75-75 की क्षमता के 45 आवासों का निर्माण किया जाएगा। गृह निर्माण के लिए अब जिलों में भूमि आवंटन की तैयारी है। अपना घर संस्था की तर्ज पर मुख्यमंत्री पुनर्वास गृह योजना के तहत जयपुर, भरतपुर संभाग में दो-दो, शेष संभागों पर तीन-तीन तथा शेष 26 जिलों के लिए एक-एक गृह की स्थापना की जाएगी। एक गृह की क्षमता 75 होगी, जिसके लिए न्यूनतम भूमि 3000 वर्गमीटर आवंटित होगी। नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग ने गृह निर्माण के लिए सभी स्थानीय निकायों, प्राधिकरण और यूआईटी से भूमि आवंटन के प्रस्ताव मांगे है ताकि शीघ्र भूमि देने की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके। योजना के तहत भवन निर्माण के लिए 90 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। मुख्यमंत्री ने इसकी बजट में घोषणा की थी।
संस्थाओं का चयन:एसजेई विभाग ने आवासों का संचालन करने वाली संस्था, कंपनी, आवेदनकर्ता, आवंटन की शर्तों व उप-विधियों आदि की समस्त शर्तें पुणत: पालना करेगा। शर्त की अवेहलना करने पर आवंटन करने वाला शहरी निकाय आवंटन निरस्त करने, भवन, भूमि पर बने अन्य निर्माण को कब्जे में लेने के लिए स्वतंत्री रहेगी।
किस जिले में कितने गृह बनेंगे
योजना के तहत जोधपुर में 3, बीकानेर 3, अजमेर 3, कोटा 3, जयपुर 2, भरतपुर 2, अलवर, बाड़मेर, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर, पाली, सीकर, गंगानगर, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, टोंक, नागौर, दौसा, प्रतापगढ़ बांसवाड़ा, झालावाड़, बूंदी, झुंझुनूं, जालोर, बारां, चूरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, राजसमंद, और सिरोही में एक-एक गृह बनाया जाएगा।
सीएम पुनर्वास गृह योजना के अन्तर्गत गृह स्थापित करने के लिए भूमि आवंटन करने के संबंध में तीनों प्राधिकरण और 14 यूआईटी से प्रस्ताव भिजवाने को कहा गया है।
- नवनीत कुमार, जेएस यूडीएच
सभी जिलों में 25 गृहों की स्थापना की जाएगी। यूडीएच को जमीन आवंटन के लिए कहा गया है, ताकि मौके पर शीघ्र निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सके।
- डॉ. समित शर्मा, शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग

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