माॅनसून सीजन में कुंभलगढ़, बांसवाड़ा, माउंट आबू और उदयपुर पर्यटकों की पहली पसंद
किले-महलों के साथ पर्यटक अब प्रकृति के करीब भी रहना कर रहे पसंद
पर्यटन विशेषज्ञ संजय कौशिक का कहना है कि राजस्थान में माउंट आबू हिल स्टेशन के रूप में शुमार है।
जयपुर। प्रदेश में किले, महल, संग्रहालय के साथ ही पर्यटक अब मानसून में प्रकृति से जुड़ी जगहों को भी एक्सप्लोर करना पसंद कर रहे हैं। खासकर मानसून सीजन में पर्यटकों को राजस्थान का वो अलौकिक स्वरूप देखने को मिलता है, जिसे देख पर्यटक यह नहीं कहेंगे, कि राजस्थान की पहचान मात्र रेगिस्तान है। इस सीजन में पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठाने के लिए बांसवाड़ा, माउंट आबू, उदयपुर और कुंभलगढ़ जैसी जगहों का रूख करने लगे हैं। पर्यटन विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर दलीप सिंह राठौड़ के अनुसार राज्य में अब वर्ष पर्यन्त पर्यटन है। राज्य में मानूसन पर्यटन की अच्छी संभावनाएं हैं और यह चौंकाने वाली बात नहीं हैं, क्योंकि राजस्थान का चेरापूंजी कहलाने वाला बांसवाड़ा सौ टापूओं का शहर कहलाता है।
गुजरात से पर्यटक करते हैं माउंट आबू का रुख
पर्यटन विशेषज्ञ संजय कौशिक का कहना है कि राजस्थान में माउंट आबू हिल स्टेशन के रूप में शुमार है। मानसून में इस जगह की खूबसूरती देखने लायक होती है। यहां वैसे तो पर्यटकों की अच्छी खासी संख्या देखने को मिलती है, लेकिन मानसून सीजन में गुजरात और आस-पास के क्षेत्र से पर्यटक इस ओर रूख करते हैं। माउंट आबू की खड़ी चट्टानों, शांत झीलों के साथ ही अच्छा मौसम पर्यटकों को आनन्दित कर देता है।
इंक्वायरी के लिए पर्यटकों के आ रहे फोन
अब मानसून सीजन का लुत्फ उठाने के लिए पर्यटक किले-महलों के अतिरिक्त ऐसी जगह भी जा रहे हैं, जो प्रकृति के करीब हो। इसके लिए पर्यटक पैकेज आदि की जानकारी के लिए ट्रेवल्स कम्पनियों से सम्पर्क करते हैं। पर्यटन विशेषज्ञ नरेन्द्र सिंह राठौड़ का कहना है कि मानसून सीजन में कुंभलगढ़ की खूबसूरती और उदयपुर की विभिन्न लेक्स को देखना भी पर्यटकों की पहली प्राथमिकता बन गई है। उदयपुर की पिछोला झील नाव की सवारी सुबह जहां आनंद की अनुभूति कराती है। वहीं ढलती शाम में पहाड़ों और महलों से घिरी यह झील रोमांच से भर देती है। पिछोला के अलावा उदयपुर की दूसरी बड़ी झील फ तेह सागर है।

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