नाबालिग पुत्री के साथ अनेकों बार दुष्कर्म करने वाले को आजीवन कारावास
अभियुक्त पर चार लाख रुपए का जुर्माना भी
दूसरी ओर पॉक्सो मामलों की एक अन्य अदालत ने साथ रहने वाली नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले 21 वर्षीय अभियुक्त को बीस साल की सजा सुनाई हैं।
जयपुर। जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग पुत्री के साथ कई बार दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त कलयुगी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैं। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर चार लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पीठासीन अधिकारी केसी अटवासिया ने अपने आदेश में कहा कि पिता अपनी संतान का रक्षक होता है, लेकिन इस मामले में प्राकृतिक पिता ही अपनी अवयस्क बेटी का भक्षक बन बैठा। अभियुक्त ने नीचता का पराकाष्ठा का कृत्य कर पिता-पुत्री के रिश्ते को ही तार-तार कर दिया। यदि पिता की भक्षक बन जाएगा तो नाबालिग अन्य आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से अपनी सुरक्षा कैसे करेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने बताया कि 21 सितंबर, 2022 को 14 साल की पीड़िता की मां ने रेनवाल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि उसका अभियुक्त के साथ साल 2005 में विवाह हुआ और साल 2008 में उसने पुत्री को जन्म दिया। जब पीड़िता 13 साल की हुई तो अभियुक्त उसकी बेटी को गलत नजरों से देखने लगा। अभियुक्त आए दिन उसके साथ अश्लील हरकते करने लगा।
कई बार जब वह और पीड़िता सुबह सोकर उठते तो उनका सिर भारी रहता। बाद में पता चला कि अभियुक्त उन्हें नशीला पेय पिलाता और उसकी बेटी से संबंध बनाता। इस दौरान उसकी बेटी के पेट दर्द हुआ और चिकित्सकों ने उसे गर्भवती बताया। इसे लेकर उसका अभियुक्त से झगड़ा हुआ। जब पीड़िता ने बीच बचाव किया तो अभियुक्त ने उसे धक्का मारा और वह पेट के बल गिर गई। इस पर उसने पीड़िता के नाना को घटना की जानकारी दी और बाद में चिकित्सक ने पीड़िता को बचाने के लिए उसकी डीएनसी की। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया।
अभियुक्त को सजा: दूसरी ओर पॉक्सो मामलों की एक अन्य अदालत ने साथ रहने वाली नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले 21 वर्षीय अभियुक्त को बीस साल की सजा सुनाई हैं। अदालत ने पीड़िता के बच्चों के जैविक पिता बने इस अभियुक्त पर साठ हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया हैं।
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