भारी बारिश और जलभराव से निपटने की करें ठोस प्लानिंग : महापौर हेरिटेज
अधिकारी और चेयरमैन करें फील्ड में निरीक्षण
बैठक में निगम हेरिटेज आयुक्त अरुण हसीजा ने सभी निगम अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी संसाधनों को अलर्ट मोड पर रखा जाए।
जयपुर। आगामी मानसून के दौरान आमजन को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए नगर निगम जयपुर हेरिटेज की महापौर कुसुम यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए है, कि भारी बारिश और जलभराव से निपटने की अधिकारी ठोस प्लानिंग करें। साथ ही उन्होंने नालों की सफाई के लिए नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। निगम हेरिटेज मुख्यालय में मंगलवार को आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यादव ने मानसून आने से पहले ही आपदा प्रबंधन की ठोस प्लानिंग करने के निर्देश दिए। जयपुर शहर में भारी बारिश होने पर सड़कों पर जल भराव हो जाता है। साथ ही निचली बस्तियों में घरों में पानी भर जाता है, अब ऐसे स्थानों पर बारिश से जल भराव नहीं हो और आमजन परेशान नहीं होनी चाहिए, इसके लिए अधिकारी अभी से इसकी तैयारियां शुरू कर दें।
महापौर ने नालों की सफाई पर विशेष जोर देते हुए कहा कि बड़े नालों की सिर्फ एक बार ही सफाई नहीं हो, बल्कि कचरा जमा होने पर नियमित सफाई की जाए, जिससे नालों में जाम की स्थिति नहीं हो और पानी का सही निकास हो सके। क्षतिग्रस्त नालों की मरम्मत करने के साथ ही इसकी नियमित मॉनिटरिंग हो। बैठक में हेरिटेज आयुक्त अरूण कुमार हसीजा ने कहा कि क्षतिग्रस्त नालों की मरम्मत, सफाई के साथ ही शहर की भी नियमित सफाई हो, सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करने वालों पर भी कार्रवाई की जाए। शहर में कचरा फैलाने वालों पर भी सख्ती की जाए और उनसे जुर्माना वसूल किया जाए।
सभी संसाधन को रखें अलर्ट मोड पर: आयुक्त
बैठक में निगम हेरिटेज आयुक्त अरुण हसीजा ने सभी निगम अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी संसाधनों को अलर्ट मोड पर रखा जाए। किसी भी समस्या पर तुरंत राहत प्रदान दी जा सके। बाढ़ एवं आपदा नियंत्रण कक्ष में भी निगम कर्मी 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहे।
अधिकारी और चेयरमैन करें फील्ड में निरीक्षण
महापौर यादव ने बताया कि मानसून से पूर्व निगम को तैयारियों की समीक्षा की जाएं। इसके लिए निगम के चेयरमैन और निगम अधिकारी समन्वय के साथ काम करें। फील्ड में जाकर कार्यों का अवलोकन करें। शहर में कुछ स्थानों पर थोड़ी ही बारिश में जलभराव हो जाता है। ऐसे में वहां पर मड़पंप लगाए जाएं। पार्कों के पास जलभराव होने पर वाटर रिचार्ज करने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाएं जाएं।
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