मिड-डे-मील की गुणवत्ता चेक करने का आया नया आदेश
औचक सघन निरीक्षण किया जाएगा
मिड-डे-मील योजनान्तर्गत मध्यान्ह भोजन, खाद्यान्न एवं मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना का औचक सघन निरीक्षण किया जाएगा।
जयपुर। राजस्थान के सरकारी स्कूल में मिड-डे-मील की गुणवत्ता चेक करने का नया आदेश आया है। नया नियम जानकर आप चौंकेंगे। सरकारी विद्यालयों में बन रहे दोपहर के भोजन (मिड-डे मील) को अब विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के परिजन चे करेंगे। मिड-डे-मील आयुक्तालय ने सभी स्कूलों को आदेश जारी किए हैं कि मिड-डे-मील में प्रतिदिन 5 परिजनों को भोजन चेक कराकर गुणवत्ता परखी जाए। आदेश के अनुसार अब मिड-डे-मील के निरीक्षण व भोजन की पौष्टिकता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिदिन उस स्कूल में पढ़ने वाले 5 विद्यार्थियों के परिजनों को को बारी-बारी से विद्यालय में बुलाया जाएगा। यह निरीक्षण महिलाओं के लिए एच्छिक होगा। 27-28 मार्च को मिड-डे-मील योजनान्तर्गत मध्यान्ह भोजन, खाद्यान्न एवं मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना का औचक सघन निरीक्षण किया जाएगा।
यह मिल रहा मिड-डे-मील में
प्राथमिक स्तर पर सौ ग्राम गेहूं, सौ ग्राम चावल प्रति विद्यार्थी सरकार उपलब्ध करवाती है, जबकि 5.45 पैसे कुकिंग कनर्वजन राशि मिलती है। इसमें मिर्च-मसाला, तेल वगैरह की खरीद होती है। छठी से आठवीं तक 8.17 रुपए कुकिंग कन्वर्जन राशि के मिलते हैं, जबकि डेढ़ सौ ग्राम गेहूं, सौ ग्राम चावल सरकार उपलब्ध करवाती है।
भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए देखरेख
मिड-डे-मील में गड़बड़ी करने वालों की अब खैर नहीं है। पीएम पोषण योजना की रियल टाइम देखरेख के लिए मिड-डे-मील आयुक्तालय ने एप्लिकेशन तैयार की है। राजकॉम्प के सहयोग से तैयार किए गए इस एप्लिकेशन से प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और स्कूलों को जोड़ा गया है। पीएम पोषण योजना के अंतर्गत सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी से कक्षा 8 के विद्यार्थियों को गर्म भोजन दिया जाता है। कई जगह पर इसमें गड़बड़ी के मामले सामने आए थे।

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