पेपर लीक गैंग के मास्टरमाइंड की संदिग्ध हालत में मौत : परिजनों ने जताई हत्या की आशंका
आरके सिंह बिहारी ने दी अस्पताल में भर्ती होने की सूचना
जानकारी के अनुसार, परिजनों ने रिपोर्ट में बताया कि शनिवार को आरके सिंह बिहारी नामक शख्स ने फोन कर अमृतलाल के अस्पताल में भर्ती होने की सूचना दी थी।
जयपुर। आरपीएससी की परीक्षाओं के पेपर लीक गैंग का सरगना और करौली निवासी अमृतलाल मीणा की (56) रविवार तड़के संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है। पुलिस ने जीरो नंबर एफआईआर दर्ज कर मामला वाराणसी यूपी के सिगरा थाना पुलिस को जांच के लिए भेजा है। जानकारी के मुताबिक, अमृतलाल 21 से 23 अगस्त तक वाराणसी के एक निजी अस्पताल में भर्ती था। 23 अगस्त को छुट्टी मिलने के बाद परिजन उसे जयपुर ला रहे थे, तभी आगरा के पास अचानक उसकी मौत हो गई। परिजन शव को हिडौन सिटी जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां पोस्टमार्टम के बाद शव सौंप दिया गया।
आरके सिंह बिहारी ने दी अस्पताल में भर्ती होने की सूचना
जानकारी के अनुसार, परिजनों ने रिपोर्ट में बताया कि शनिवार को आरके सिंह बिहारी नामक शख्स ने फोन कर अमृतलाल के अस्पताल में भर्ती होने की सूचना दी थी। यह व्यक्ति भी लंबे समय से पेपर लीक गिरोह से जुड़ा माना जा रहा है। घटना के बाद से उसका फोन बंद आ रहा है।
अमृतलाल मीणा
पुराने काले कारनामे
लेक्चरर से पेपर माफिया तक
करौली के सरकारी कॉलेज में व्याख्याता रहते हुए पेपर लीक का नेटवर्क खड़ा किया।
2009-2014
5 साल में 100 से ज्यादा उम्मीदवारों को गजटेड अफसर बनवाया।
2013 आरएएस पेपर लीक
एक अभ्यर्थी को प्री और मेंस पास कराने के लिए 30 लाख रुपए में सौदा किया।
रिश्तेदारों को फायदा
5 रिश्तेदारों को पेपर मुफ्त में उपलब्ध कराया।
मेरिट में रिश्तेदारों का कब्जा
आरएएस 2013 की टॉप-50 में 20 उम्मीदवार सीधे रिश्तेदार निकले।

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