नीरजा मोदी स्कूल में दर्दनाक हादसा : बिल्डिंग से नीचे गिरी छात्रा की मौत, जांच में जुटी पुलिस
हादसे के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके
घटना की जानकारी मिलते ही संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू भी मौके पर पहुंचे और स्कूल प्रशासन से घटना की पूरी जानकारी ली।
जयपुर। नीरजा मोदी स्कूल में हुआ हादसा अब पूरे शहर के दिल को दहला गया है। 12 साल की छात्रा अमायरा विजय देव की मौत ने उस दर्द को फिर से जगा दिया है, जो हर अभिभावक के भीतर कहीं छिपा रहता है, क्या हमारा बच्चा स्कूल में सुरक्षित है? छठी कक्षा की छात्रा अमायरा सुबह स्कूल पहुंची थी, लेकिन दोपहर तक उसका घर लौटना एक खबर बन गया। बताया गया कि वह स्कूल की 5वीं मंज़िल से नीचे झाड़ियों में गिरी और सिर दीवार से टकराया। स्टाफ जब तक पहुँचा, स्थिति गंभीर हो चुकी थी। अमायरा को मेट्रो मास अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
अस्पताल में ममता की चीख, “मेरी बच्ची को लौटा दो”
अस्पताल में अमायरा की माँ शिबानी देव का विलाप सुनकर हर किसी की आंख नम हो गई। वे डॉक्टरों से बार-बार कहती रहीं, “मेरी बच्ची को मेरी गोद में दे दो, मुझे घर जाना है… मेरी बच्ची को कुछ नहीं हुआ।” पिता विजय देव खामोशी में डूबे रहे, जिन्हें सांत्वना देने की कोशिश में डॉक्टर और परिजन भी असहाय नजर आए।
स्कूल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप
परिजनों का आरोप है कि घटना के बाद स्कूल प्रबंधन ने मौके की सफाई करवा दी और खून के निशान मिटा दिए। कानून के तहत किसी भी दुर्घटना स्थल को जांच पूरी होने तक यथावत रखना जरूरी होता है। सवाल यह है कि क्या स्कूल प्रशासन किसी सच्चाई को छिपाने की कोशिश कर रहा है?
सरकार ने दिए जांच के आदेश
राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस घटना पर दुख जताया और शिक्षा अधिकारियों को विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। सुरक्षा मानकों की हकीकत कुछ और ही कहती है। सीसीटीवी लगे हैं, लेकिन क्या वे निगरानी के काम आते हैं? इतने ऊँचे फ्लोर पर बच्चों के लिए सुरक्षा बैरियर क्यों नहीं थे? अमायरा की मौत सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि एक चेतावनी है, अगर स्कूल ही बच्चों के लिए असुरक्षित हो जाएँ, तो अभिभावक भरोसा कहाँ रखें।

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