सेबी के नाम पर साइबर धोखाधड़ी का नया जाल : राजस्थान पुलिस ने निवेशकों को चेताया
कैसे बिछाया जा रहा है ये जाल
एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार ने बताया कि साइबर अपराधी इन दिनों निवेशकों को ऐसे संदेश या आदेश भेज रहे हैं, जो देखने में बिल्कुल सेबी से जारी हुए लगते हैं।
जयपुर। साइबर अपराधी लगातार अपनी चालें बदल रहे हैं। अब उन्होंने निवेशकों को ठगने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) जैसे प्रतिष्ठित वित्तीय नियामक का नाम इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने एक गंभीर चेतावनी जारी करते हुए आम जनता और निवेशकों को इस नए धोखाधड़ी के जाल से सावधान रहने को कहा है। पुलिस ने साफ किया है कि धोखेबाज सेबी के फर्जी लेटरहेड, रिकवरी सर्टिफिकेट और यहां तक कि सील का भी इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि वे सेबी अधिकारी बनकर लोगों को ठग सकें।
कैसे बिछाया जा रहा है ये जाल
एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार ने बताया कि साइबर अपराधी इन दिनों निवेशकों को ऐसे संदेश या आदेश भेज रहे हैं, जो देखने में बिल्कुल सेबी से जारी हुए लगते हैं। इन फर्जी दस्तावेजों में सेबी के लेटरहेड और रिकवरी सर्टिफिकेट की हूबहू नकल होती है, जिससे पहली नजर में इन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है। वे खुद को सेबी का अधिकारी बताते हैं और निवेशकों को विभिन्न बहाने बनाकर झांसे में लेते हैं। उनका मकसद निवेशकों की मेहनत की कमाई को हड़पना होता है।
ऐसे करें सेबी के आदेशों और नोटिसों की पहचान
सेबी ने इस धोखाधड़ी से बचाव के लिए कुछ अहम तरीके बताए हैं, जिनकी मदद से आप किसी भी आदेश या नोटिस की प्रामाणिकता की पुष्टि कर सकते हैं।
-सेबी द्वारा पारित हर आदेश उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर देखें। अगर आपको कोई आदेश मिलता है, तो उसे सेबी की वेबसाइट पर जाकर सत्यापित करें।
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