सेना ने तय लक्ष्यों पर सटीक निशाना साध केवल आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त किया, कार्रवाई बेहद सोच-समझकर और सधे हुए तरीके से की गई : राजनाथ
केवल उन्हीं को मारा जिन्होंने हमारे निर्दोष लोगों को मारा
सिंह ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर पर पहली प्रतिक्रिया में जोर देकर कहा कि इस कार्रवाई में किसी भी नागरिक के ठिकाने को जरा सा भी नुकसान नहीं पहुंचाया गया है
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर सटीकता, सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ योजना के अनुसार पहले से तय किए गए आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर इतिहास रचा है। सिंह ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर पर पहली प्रतिक्रिया में जोर देकर कहा कि इस कार्रवाई में किसी भी नागरिक के ठिकाने को जरा सा भी नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। इसका उद्देश्य आतंकवादियों को ठिकाने लगाकर आतंकवाद की कमर तोड़ना था।
रक्षा मंत्री ने बुधवार को यहां सीमा सड़क संगठन की विभिन्न परियोजनाओं के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि सेना ने केवल उन्हीं को मारा है जिसने भारत को आहत किया था। सिंह ने कहा कि “ जैसा कि आप सबको जानकारी है कि कल रात भारतीय सेनाओं ने अपने शौर्य एवं पराक्रम का परिचय देते हुए एक नया इतिहास लिख दिया है। भारत की सेना ने सटीकता, सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ करवाई की है। हमने जो लक्ष्य तय किए थे, उन्हें ठीक तय योजना के अनुसार सटीकता से ध्वस्त किया है। किसी भी नागरिक ठिकाने को या आबादी को जरा भी प्रभावित न होने की संवेदनशीलता दिखाई है। जिसके लिए मैं हमारे सेना के जवानों और अधिकारियों को पूरे देश की ओर से साधुवाद देता हूं।”
उन्होंने कहा कि “ हमने हनुमान जी के उस आदर्श का पालन किया है, जो उन्होंने अशोक वाटिका उजाड़ते समय किया था ‘‘जिन मोहि मारा, तिन मोहि मारे’’ अर्थात केवल उन्हीं को मारा जिन्होंने हमारे निर्दोष लोगों को मारा”।
रक्षा मंत्री ने कहा कि सेनाओं ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पहले की तरह ही, इस बार भी, आतंकियों को प्रशिक्षण देने वाले शिविरों को तबाह करके करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी सरजमीं पर हुए हमले का जवाब देने के लिए, अपने ‘जवाब देने के अधिकार’ का इस्तेमाल किया है। हमारी यह कार्रवाई, बेहद सोच-समझकर, सधे हुए तरीके से की गई है। आतंकियों के हौंसले पस्त करने के उद्देश्य से, यह कार्रवाई, महज़ उनके शिविर और अन्य बुनियादी ढांचों तक ही सीमित रखी गई है। मैं पुनः हमारी सशस्त्र सेनाओं के शौर्य को नमन करता हूँ।

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