फ्लैट का तय समय में कब्जा नहीं देने का मामला : बिल्डर पर लगाया 5.20 लाख रुपए का हर्जाना, कोर्ट ने कहा- परिवादी की जमा राशि ब्याज सहित लौटाएं
बिल्डर ने न तो कब्जा सौंपा
आयोग अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीणा और सदस्य हेमलता अग्रवाल ने यह आदेश पवन चोपड़ा और अन्य के परिवाद पर दिए।
जयपुर। जिला उपभोक्ता आयोग, द्वितीय ने फ्लैट का तय समय में कब्जा नहीं देने पर मैसर्स सिद्धा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट प्रा. लि. और अन्य पर 5.20 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है। आयोग ने परिवादी की ओर से जमा कराई गई राशि सहित कुल 36.58 लाख रुपए की राशि 9 फीसदी ब्याज सहित लौटाने को कहा है। आयोग अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीणा और सदस्य हेमलता अग्रवाल ने यह आदेश पवन चोपड़ा और अन्य के परिवाद पर दिए।
परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने विपक्षी बिल्डर सिद्धा के अजमेर रोड़ स्थित प्रोजेक्ट सिद्धा आंगन फेज-2 में निर्मित किए जा रहे आवासीय अपार्टमेंट मयूर योजना में एक फ्लैट खरीदा था। जिस संबंध में विपक्षीगण के साथ 17 सितम्बर, 2018 को एक करार किया गया था। जिसका कब्जा करार की शर्तों के अनुसार बिल्डर को 2019 में फ्लैट का कब्जा सौंपा जाना था, लेकिन बिल्डर ने परिवादी को नियत समय तक कब्जा नहीं सौंपा। परिवादी ने बिल्डर को कई बार लिखित नोटिस दिए, लेकिन बिल्डर ने न तो कब्जा सौंपा और ना ही जमा राशि लौटाई। परिवादी की ओर से उपभोक्ता आयोग में परिवाद पेश कर कहा गया कि उसने बिल्डर को 26.21 लाख रुपए अग्रिम और होम लोन के ब्याज के तौर पर बैंक को 5.27 लाख रुपए का भुगतान किया है।
इसके अलावा फ्लैट के अन्य मदों पर भी खर्च हुआ है। इसलिए उसे जमा राशि दिलाने और मानसिक संताप के तौर पर मुआवजा राशि दिलाने की गुहार की। जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने बिल्डर का सेवा दोष और अनुचित व्यापार प्रथा मानते हुए हर्जाना लगाया है।
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