प्रदेश के बड़े अस्पतालों में जयपुरिया अस्पताल की तर्ज पर होगा क्यू मैनेजमेंट सिस्टम एवं हेल्प डेस्क व्यवस्था
प्रमुख चिकित्सा शिक्षा सचिव ने किया जयपुरिया अस्पताल का निरीक्षण
प्रदेश के सभी बड़े अस्पतालों में रोगियों को सुगम, त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए जयपुरिया अस्पताल की तर्ज पर क्यू मैनेजमेंट सिस्टम एवं हेल्प डेस्क व्यवस्था शुरू की जाएगी
जयपुर। प्रदेश के सभी बड़े अस्पतालों में रोगियों को सुगम, त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए जयपुरिया अस्पताल की तर्ज पर क्यू मैनेजमेंट सिस्टम एवं हेल्प डेस्क व्यवस्था शुरू की जाएगी, ताकि रोगियों को कतारों से मुक्ति मिले और उन्हें इलाज के लिए एक काउंटर से दूसरे काउंटर पर चक्कर नहीं काटने पड़ें। उनकी सहायता के लिए अस्पतालों में एक प्रभावी तंत्र विकसित किया जाएगा, जो पूरी संवेदनशीलता के साथ रोगियों की मदद करेगा।
चिकित्सा शिक्षा विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने शुक्रवार को जयपुरिया अस्पताल के औचक निरीक्षण के दौरान इस संबंध में दिशा—निर्देश दिए। उन्होंने जयपुरिया अस्पताल के निरीक्षण के दौरान क्यू मैनेजमेंट सिस्टम एवं हेल्प डेस्क व्यवस्था का गहन निरीक्षण किया और पूरी प्रक्रिया की जानकारी ली। उन्होंने इन दोनों नवाचारों के लिए प्रसन्नता व्यक्त की और अन्य अस्पतालों में भी यह मैकेनिज्म अपनाने पर बल दिया।
सभी बड़े अस्पताल हासिल करें एएनक्यूएस सर्टिफिकेट:
राठौड़ ने जयपुरिया अस्पताल में सुविधाओं के विकास पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सभी बड़े अस्पताल नेशनल क्वालिटी एश्यारेंस स्टेण्डर्ड को पूरा करें और एनक्यूएएस प्रमाण पत्र प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि बड़े अस्पताल स्वास्थ्य सुविधाओं के उच्चतम मानकों को पूरा करने की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ेंं। उन्होंने अस्पताल परिसर में रोगियों एवं परिजनों के फीडबैक के लिए सुझाव पेटिका स्थापित करने तथा क्यूआर कोड सिस्टम लागू करने के भी निर्देश दिए।
जयपुरिया में सुदृढ़ होंगी न्यूरो एवं कार्डियक सुविधाएं:
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि अस्पताल में न्यूरो एवं कार्डियक सुविधाओं को सुदृढ़ बनाया जाए, ताकि सवाई मानसिंह अस्पताल में रोगी भार कम हो। उन्होंने इसके लिए जरूरी मानव संसाधन का प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल में आपातकालीन इकाई एवं ट्रोमा सेंटर के विकास एवं वहां उपलब्ध सुविधाओं पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने अस्पताल में ओपीडी, इनडोर, ब्लड बैंक, आपातकालीन इकाई, दवा काउंटर, जांच लैब सहित अन्य विभागों का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल में साफ—सफाई एवं रोगी केन्द्रित सेवाओं के लिए अस्पताल प्रशासन की प्रशंसा की।
रोगियों ने कहा — निजी अस्पताल जैसी सुविधाएं:
राठौड़ ने इस दौरान रोगियों से भी संवाद किया और उनसे चिकित्सा सुविधाओं के बारे में फीडबैक लिया। रोगियों ने कहा कि अस्पताल में क्यू मैनेजमेंट व्यवस्था प्रांरभ होने से अब उन्हें कतारों में खड़ा नहीं रहना पड़ता। साथ ही, पारदर्शी तरीके से उपचार मिलता है। एक रोगी ने कहा कि जयपुरिया अस्पताल में साफ—सफाई एवं अन्य सुविधाएं निजी अस्पताल की तरह मिल रही हैं।
अस्पताल के अधीक्षक डॉ. महेश मंगल ने क्यू मैनेजमेंट सिस्टम एवं हेल्प डेस्क व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अस्पताल में हर प्रमुख विभाग एवं स्थान पर हेल्प डेस्क स्थापित की जा रही है, ताकि रोगी को संबंधित विभाग में उपचार, जांच एवं दवा आदि प्राप्त करने की जानकारी एवं जरूरी सहायता वहीं मिल सके। रोगी को अनावश्यक रूप से अस्पताल में भटकना नहीं पड़े। ये हेल्प डेस्क काउंटर जनसहयोग के माध्यम से प्राप्त किए गए हैं।

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