140 साल पुरानी इमारत में आज भी ऋषि-मुनी कर रहे योग
6 शोकेसों में प्रदर्शित मिट्टी से बनी 114 मूर्तियां
संग्रहालय के प्रथम तल पर 19वीं शताब्दी में मिट्टी से बनाई गई ऋषि और मुनियों की विभिन्न योगासनों में बनी मूर्तियां डिस्प्ले है।
जयपुर। राजकीय संग्रहालय अल्बर्ट हॉल के प्रथम तल पर करीब 6 शोकेसों में मिट्टी से बनी ऋषि-मुनियों की मूर्तियों को विभिन्न योगासनों में दिखाया गया है। खासकर योग जैसी एक्टिविटी में रूचि रखने वाले देशी और विदेशी पर्यटक यहां आकर इन्हें देख उत्साहित नजर आते हैं।
19वीं शताब्दी में बनाई गई थी
यहां 19वीं शताब्दी पश्चिम बंगाल के विष्णु नगर में बनाई गई मिट्टी की की मूर्तियां हैं। मूर्तियों में विभिन्न योगासनों के दृश्य हैं, जो विभिन्न हिन्दू सम्प्रदायों में प्रचलित हैं। संग्रहालय के शोकेसों में करीब 114 योग आधारित मूर्तियां पर्यटकों के अवलोकनार्थ प्रदर्शित हैं। योग की विभिन्न मुद्राओं में सहज आसन, कुबरी आसन, बद्ध आसन, कप्यासन, अर्द्ध गरूड़, वृक्षासन, वज्रासन, कुक्कुटासन, घनुर्आसन, सिद्धासन, स्वस्तिकासन, वृक्षासन, मत्स्यासन, उत्कात आसन, मंडूक आसन, कप्यासन, अर्द्धकपाली, मकरासन, कमलासन, गोमुख आसन सहित अन्य योग आसन शामिल हैं।
संग्रहालय के प्रथम तल पर 19वीं शताब्दी में मिट्टी से बनाई गई ऋषि और मुनियों की विभिन्न योगासनों में बनी मूर्तियां डिस्प्ले है। पर्यटकों के अवलोकनार्थ ये करीब 6 शोकेसों में प्रदर्शित हैं। यहां भी देसी और विदेशी पर्यटकों को विभिन्न योगासनों के बारे में जानकारी मिलती है।
महेन्द्र निम्हल, अधीक्षक, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय
Comment List