खस्ताहाल शिक्षा का मंदिर: मासूमों की जिंदगी पर संकट

खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर नौनिहाल, शिक्षा विभाग बेपरवाह

खस्ताहाल शिक्षा का मंदिर: मासूमों की जिंदगी पर संकट

स्कूल भवन की छत की हालत इतनी ज्यादा खराब है कि यहां के शिक्षक बच्चों की क्लास बाहर ही लगाते हैं।

मनोहरथाना। मनोहरथाना ब्लॉक में शिक्षा के मंदिर पूरी तरह से बदहाली का शिकार हो चुके हैं। मनोहरथाना ब्लॉक स्थिति राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय हरिपुरा में बने कमरों और बरामदों की छत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। छत कब गिर जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है जिससे  मासूमों की जिंदगी पर मौत का संकट मंडरा रहा है लेकिन शिक्षा विभाग के अफसरों का  इस ओर कोई ध्यान नहीं है। इस सरकारी स्कूल में शिक्षा के नाम पर मासूमों को मौत के मुंह में धकेलने का काम चल रहा है लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी आंख मूंद कर बैठे है। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय हरिपुरा में  छात्रों से जब जर्जर छत के नीचे बैठकर पढ़ने के बारे में पूछा गया तो बच्चों ने सहम कर जबाब दिया डर तो बहुत लगता है लेकिन क्या करें पढ़ना तो पड़ेगा। अनदेखी से हो सकता है बड़ा हादसा: राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय हरिपुरा की जर्जर इमारत होने की वजह से कभी भी हादसा हो सकता है जिसका खामियाजा ग्रामीण बच्चों को भुगतना पड़ रहा है  लेकिन  शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों  को इसकी कोई परवाह नहीं है। इसी वजह से ग्रामीणों को जर्जर विद्यालय में  मासूम छात्रों को भेजने में डर सताने लगा है। ग्रामीण का कहना है कि बिल्डिंग के अंदर छत से सीमेंट के टुकड़े गिरते हैं और प्लास्तर भी पूरी तरह से उखड़ गया है। नीचे से छत नही आसमान देख सकते है वही बिल्डिंग के सरिए साफ नजर आ रहे है। यह भवन काफी साल पुराना बताया जा है और इसका मेंटेनेंस भी नहीं किया जा रहा है। बच्चों को यहां भेजना खतरे से खाली नहीं है। स्कूल भवन की छत की हालत इतनी ज्यादा खराब है कि यहां के शिक्षक बच्चों की क्लास बाहर ही लगाते हैं।

इनका कहना है 
हमारे विद्यालय की  बिल्डिंग की दशा हमसे नही देखी जा रही है हमारे बच्चे बाहर बैठकर पढ़ते हैं। बरसात आने पर बच्चे भीगकर घर पहुंचते हैं बच्चों को घर वाले समझाकर भेजते हैं की बिल्डिंग के अंदर नहीं जाना है स्कूल को 2 साल हो गए क्षतिग्रस्त हुए कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है।
- पप्पू लाल, ग्रामीण हरिपुरा

विद्यालय ने अध्यापक बच्चो को बाहर पढ़ाते हैं यहा पर बहुत समस्या है। बच्चे के माता पिता बच्चे को डर कर स्कूल भेजते है। बोलते हैं ध्यान रखना क्षतिग्रस्त कमरों की तरफ मत जाना सरकार का इस और कोई ध्यान नही है। आकर नही देखता है। 
- कुशाल सिंह ग्रामीण हरिपुरा

2 साल से छत गिरी हुई है और इसका मटेरियल जमीन पर ही पड़ा हुआ है। बच्चे स्कूल भेजने पर डर लगता है बच्चों को बाहर ही बिठाया जाता है जिस कारण से बच्चों की पढ़ाई भी खराब हो रही है हम सरकार से नई बिल्डिंग बनाने की मांग करते हैं।
-भारतसिंह, ग्रामीण हरिपुरा

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विद्यालय क्षतिग्रस्त हुए 3 साल हो गए कोई अधिकारी हमारी नहीं सुनता बच्चे भवन गिरने के डर की वजह से स्कूल नहीं आते। हम सरकार से नई भवन बनाने की मांग करते हैं। 
- मांगीलाल, ग्रामीण हरिपुरा

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ग्राम पंचायत द्वारा भी कई बार शिक्षा विभाग  को अवगत करवा दिया लेकिन उसके बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ और ग्राम पंचायत द्वारा भी भवन के लिए प्रस्ताव भिजवा रखा है। अगर वहां से सेक्शन हो जायेगा तो हमारे द्वारा बनवा दिया जायेगा।
- दयाराम प्रजापति, सरपंच ग्राम पंचायत खाताखेड़ी

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हरिपुरा स्कूल का मामला मेरे संज्ञान में है।  पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा इसका सर्वे कर लिया गया है। पूरी बिल्डिंग नहीं उसके दो कमरे क्षतिग्रस्त हुए हैं। उसे जमींदोज करने का प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक भिजवा दिए गए। जैसे ही वहां से आदेश जारी हो जाएगा। आगे की कार्यवाही की जाएगी रही।
- चंद्रशेखर लुहार, कार्यवाहक ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मनोहरथाना

अगर स्कूल भवन जीर्ण शीर्ण भवन है तो बच्चे उसमे नही बिठाया जाएं  और उसका प्रस्ताव हमे भिजवाया जावे ताकि उसको जीर्ण शीर्ण है तो उसको डेमेज घोषित की जा सके और नए भवन के प्रस्ताव भिजवाए जा सके ताकि नया भवन वहां बन सके। 
- हंसीराज मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी झालावाड़

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