28 फीसदी आवासीय व 36 फीसदी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों ने जमा कराया यूडी टैक्स, फर्म ने नए सिरे से किया सर्वे
4062 सम्पतियों में 1554 आवासीय व 949 व्यवसायिक प्रतिष्ठान है टैक्स के दायरे में
नगर निगम की ओर से जहां वर्ष 2007 के सर्वे के आधार पर ही टैक्स वसूल किया जा रहा था।
कोटा। नगर निगम की ओर से हर साल वसूल किया जाने वाला नगरीय विकास कर(यूडी टैक्स) जमा करवाने में पहले जहां बहुत कम लोग रूचि लेते थे। वहीं अब इसमें पहले की तुलना में बढ़ोतरी तो हुई है लेकिन अभी भी टैक्स जमा करवाने वालों की संख्या एक चौथाई से तीन चौथाई ही है। नगर निगम कोटा द्वारा आवासीय व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से वर्ष 2007 में नगरीय विकास कर वसूल करना शुरु किया था। पहले यह काम नगर निगम के राजस्व अनुभाग के माध्यम से किया जा रहा था। लेकिन विभाग द्वारा लक्ष्य से काफी कम टैक्स जमा किया जा रहा था। उसे देखते हुए नगर निगम अधिकारियों द्वारा टैक्स वसूली का काम निजी फर्म को दे दिया गया। पहले कोटा दक्षिण ने और उसके बाद कोटा उत्तर में निजी फर्म ने यह काम शुरु किया। हालांकि नगर निगम की बोर्ड बैठकों में निजी फर्म से यूडी टैक्स वसूल करने का विरोध भी जताया गया। लेकिन उसके बाद भी सरकार ने बोर्ड के निर्णय को न मानते हुए निजी फर्म से ही टैक्स वसूल करने का आदेश जारी किया था। पिछले काफी से यूडी टैक्स निजी फर्म द्वारा ही वसूल किया जा रहा है। हालांकि आवासीय व व्यवसायिक दोनों श्रेणियों में टैक्स का दायरा अलग -अलग है। जो सम्पतियां इस दायरे में आ रही है। उनसे ही यह टैक्स वसूल किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार कुल सर्वे में से 38 फीसदी सम्पति आवासीय और 23 फीसदी व्यवसायिक सम्पतियां टैक्स के दायरे में आई है। उनमें से आवासीय में 28 फीसदी व व्यवसायिक में 36 फीसदी ने टैक्स जमा कराया है।
फर्म ने नए सिरे से किया सर्वे
नगर निगम की ओर से जहां वर्ष 2007 के सर्वे के आधार पर ही टैक्स वसूल किया जा रहा था। लेकिन निजी फर्म को यह काम मिलने के बाद फर्म ने नए सिरे से सभी सम्पतियों का सर्वे किया। आवासीय व व्यवसायिक समेत अन्य श्रेणियों में आने वाले सम्पतियों में यदि निर्माण होने से बहलाव हुआ है तो उसका टैक्स बढ़ाया गया है। यदि पूर्व में गलत टैक्स लिया जा रहा था तो उसे सही भी किया गया है।
शहर में 4062 सम्पतियों का सर्वे
निजी फर्म द्वारा शहर में किए गए नए सिरे से सर्वे में कुल 4062 सम्पतियों का सर्वे किया गया है। फर्म के प्रतिनिधियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा उत्तर में 1635 और कोटा दक्षिण निगम में 2427 यानि कुल 4062 सम्पतियों का अभी तक सर्वे किया जा चुका है।
38 फीसदी आवासीय व 23 फीसदी व्यवसायिक सम्पतियां
निजी फर्म से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में किए गए सर्वे में से करीब 38 फीसदी आवासीय व 23 फीसदी व्यवसायिक प्रतिष्ठान ऐसे हैं जो यूडी टैक्स के दायरे में आए हैं। शहर में हुए कुल 4062 सर्वे में दोनों निगम क्षेत्र में कुल 1554 आवासीय जिनमें 517 कोटा उत्तर में और 1037 कोटा दक्षिण निगम क्षेत्र में है। इसी तरह से कोटा उत्तर निगम क्षेत्र में 441 और कोटा दक्षिण क्षेत्र में 506 व्यवसायिक प्रतिष्ठान टैक्स के दायरे में आए हैं।
यह है आवासीय व व्यवसायिक टैक्स की स्थिति
निजी फर्म से प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों निगम क्षेत्रों में आवासीय प्रतिष्ठानों से कुल 4 करोड़ 31 लाख 71 हजार 951 रुपए और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से 5 करोड़ 59 लाख 30 हजार 705 रुपए टैक्स जमा किया गया। कुल जमा टैक्स में से आवासीय भवनों से जहां 28 फीसदी टैक्स वसूल किया गया वहीं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का प्रतिशत 36 रहा।
15.60 करोड़ से अधिक जमा हुआ टैक्स
नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण की ओर से बोर्ड की बजट बैठकों में वित्त वर्ष का यूडी टैक्स वसूली का लक्ष्य 10-10 करोड़ यानि कुल 20 करोड़ रखा गया था। जिसमें से निजी फर्म द्वारा कुल 15 करोड़ 60 लाख 58 हजार 973 रुपए टैक्स वसूल किया गया। जिसमें से कोटा उत्तर में 5 करोड़ 79 लाख 14 हजार 694 रुपए है। वहीं कोटा दक्षिण में 9 करोड़ 81 लाख 44 हजार 279 रुपए है।
ये सम्पतियां भी हैं टैक्स के दायरे मे
आवासीय व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के अलावा शहर में कई ऐसी सम्पतियां भी हैं जो यूडी टैक्स के दायरे में आती है। जिनमें इंस्टीट्यूशनल, इंडस्ट्रीयल व अन्य सम्पतियां भी है। कोटा उत्तर में 232 व दक्षिण में 192 इंस्टीट्यूशनल, कोटा उत्तर में 32 व दक्षिण में 29 इंडस्ट्रीयल और कोटा उत्तर में 411 व दक्षिण में 663 अन्य सम्पतियां हैं जो टैक्स के दारे में आती है। उनसे भी करोड़ों रुपए टैक्स वसूल किया गया है।
पहले से काफी सुधार हुआ है
इधर निजी फर्म के प्रतिनिधियों का कहना है कि यूडी टैक्स की वसूली में पहले से काफी सुधार हुआ है। पहले टैक्स का लक्ष्य कम था वह भी वसूल नहीं हो पा रहा था या बहुत कम लोग जमा करवाते थे। जिसके लिए निगम को सख्ती करनी पड़ती थी। सीजिंग तक की कार्रवाई करने पर टैक्स बहुत कम जमा होता था। जबकि इस बार बिना सख्ती किए ही अच्छा टैक्स जमा हुआ है। हालांकि कुल सम्पतियों के सर्वे में आवासीय व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की संख्या टैक्स के दायरे में आने वालों की कम है। उनमें से भी अधिकतर लोगों से टैक्स वसूल किया गया है।
नगर निगम उत्तर नगर निगम दक्षिण
कुल सम्पति 1635 2428
आवासीय सम्पति 517 1037
संस्थानिक सम्पति 232 192
औद्योगिक सम्पति 32 29
अन्य सम्पति 411 663
व्यवसायिक सम्पति 443 506
कुल जमा टैक्स 57914694 98144279
आवासीय टैक्स 16766224 26405721
व्यवसायिक टैक्स 19037725 36892980
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