21 टैंकरों से छह इलाकों में 5.55 लाख लीटर पानी प्रतिदिन सप्लाई, फिर भी डिमांड से कम

पानी के लिए दिनभर तेज धूप में भटक रहे लोग

21 टैंकरों से छह इलाकों में 5.55 लाख लीटर पानी प्रतिदिन सप्लाई, फिर भी डिमांड से कम

पार्षद बोले-डिमांड के अनुरूप नहीं मिल रहा पानी।

कोटा। गर्मी के तेवर तीखे होने के साथ ही चंबल किनारे बसे इलाकों मे पानी के टैंकर दौड़ने लगे हैं। जल संकट से जूझ रहे 6 इलाकों में जलदाय विभाग की ओर से प्रतिदिन 5 लाख लीटर से ज्यादा पानी टैंकरों से सप्लाई किया जा रहा है। लेकिन, क्षेत्र की आबादी के हिसाब से पानी पर्याप्त नहीं है। लोग दिनभर पानी के लिए तेज धूप में भटक रहे हैं। कहीं टैंकरों के पीछे दौड़ते तो कहीं दूर दराज से नलकूपों से पानी जुटाने की मशक्कत करते नजर आ रहे हैं।  हालांकि, जल अधिकारियों का कहना है कि गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी के टैंकर बढ़ाए जाएंगे। 

कहां कितने टैंकरों से हो रही सप्लाई
जलदाय विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, टेल क्षेत्र बरड़ा व क्रेशर बस्ती और सुभाष नगर में कुल 5 टैंकरों से दिनभर में 28 बार पानी की सप्लाई की जा रही है। प्रत्येक टैंकर 5 हजार लीटर क्षमता का है। ऐसे में इन इलाकों में एक दिन में कुल 1 लाख 40 हजार लीटर टैंकरों के माध्यम से सप्लाई किया जा रहा है। इसी तरह नयागांव, आंवली रोजड़ी इलाके में 16 टैंकरों से 83 बार पानी पहुंचाया जा रहा है, यानी 4 लाख 15 हजार लीटर शुद्ध पानी प्रतिदिन लोगों को उपलब्ध करवाया जा रहा है। 

जल संकट से जूझ रहे यह इलाके
नगर निगम कोटा दक्षिण के एक दर्जन से  अधिक इलाके हर साल जल संकट से जूझते हैं। जिसमें नयागांव, आवंली, रोजड़ी, दौलतगंज, सुभाष नगर, बरड़ा व क्रेशर बस्ती, जगपुरा, रानपुर, बंधा धर्मपुरा, हाड़ौती कॉलोनी, देवनारायण आवासीय योजना, सैनिक कॉलोनी सहित कई क्षेत्र शामिल हैं। हालात यह हैं, नगर नगर के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक इन इलाकों में पाइप लाइन नहीं बिछी है। हर वर्ष यहां पानी के लिए मारामारी मचती है। गर्मियों में लोगों की दिनचर्या पानी का जुगाड़ करने में बदल जाती है। 

आंख खुलते ही पानी की तलाश, टैंकर आते ही दौड़भाग
आंवली, रोजड़ी व दौलतगंज के बाशिंदों का कहना है कि बूंद-बूंद पानी के लिए चिलचिलाती धूप में दौड़-भाग करनी पड़ती है। सुबह ही खाली चरे, बाल्टियां लेकर पानी के जुगाड़ के लिए निकलना पड़ता है। हालात यह है कि सुबह आंख खुलने ही पानी का जुगाड़ करने की चिंता सताने लगती है। 42 डिग्री के तापमान में भी कोसों दूर नलकूपों से पानी लाना पड़ता है। जलदाय विभाग हर साल पाइप लाइन बिछाकर नलों में पानी आने की बात कहता है लेकिन पिछले 6 साल से अब तक नल तो छोड़ा पाइप लाइन तक नहीं बिछी। जबकि, यह इलाके नगर निगम में आते हैं। इसके बावजूद इन क्षेत्रों का विकास तक नहीं हो पाया। 

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हमारे इलाके में जलदाय विभाग के टैंकर आते हैं लेकिन पानी का वितरण सही नहीं होने से जरूरतमंदों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता। एक बार टैंकर आने के बाद दो घंटे तक टैंकर नहीं आता। पानी के लिए दिनभर टैंकर का इंतजार करना पड़ता है। घर के जरूरत के कार्य भी पूरे नहीं हो पाते। इंसान ही नहीं पशुओं के लिए भी पानी जुटाना मुश्किल हो गया है। इलाके में पाइप लाइन बिछाएं ताकि हमें नलों से पानी मिल सके। 
- कैलाश, नरोत्तम गुर्जर, यादराम गुर्जर, आवंली रोजड़ी 

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पानी का जुगाड़ करने में कई घंटे तो कभी पूरा दिन ही बीत जाता है। टैंकर आते ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता है। चंद मिनटों में ही पांच हजार लीटर क्षमता का टैंकर खाली हो जाता है। खाना बनाने व पीने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता। पानी का जुगाड़ करने के चक्कर में कई लोगों की मजदूरी तक छूट जाती है।  
- सूर्या कुमार, अशोक नागर, पवन सौलंकी, सुभाष नगर 

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टैंकर तो आ रहे हैं लेकिन पानी पर्याप्त नहीं मिल रहा। अभी तीन टैंकर 35 बार पानी लेकर आता है लेकिन इलाका इतना बड़ा है कि एक गली में ही एक टैंकर खत्म हो जाता है फिर भी गली के पूरे बाशिंदों को पानी नहीं मिल पाता। मजबूरन निजी नलकूपों से मोल पानी भरकर लाना पड़ता है। परिवार में 6 सदस्य हैं, 300 लीटर ही पानी मिल पाता है, जो जरूरत के हिसाब से कम हैं।  
- शंभु दयाल गुर्जर, सुरेंद्र भील, नयागांव

पार्षद का कहना है
आवंली रोजड़ी, रतकांकरा, दौलतगंज, नयागांव वाला इलाके में करीब 60 से 70 हजार की आबादी है। यहां पानी के लिए हर रोज संघर्ष करना पड़ता है। इलाके में जो टैंकर आ रहे हैं वो पर्याप्त नहीं है। लोगों को जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिल रहा। मजबूरन उन्हें मोल खरीदना पड़ता है। महिलाएं पानी के लिए परेशान हो रहीं हैं। यह समस्या टैंकरों से खत्म होने वाली नहीं है। आबादी के लिहाज से यहां पानी की टंकी का निर्माण करवाकर पाइप लाइन बिछानी चाहिए ताकि बाशिंदों को सुचारू रूप से पानी मिल सके।
- धनराज गुर्जर, पार्षद वार्ड-29

गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी की डिमांड बढ़ती जा रही है। लेकिन जलदाय विभाग द्वारा टैंकरों की संख्या नहीं बढ़ाई गई। 60 हजार की आबादी वाले इलाके में 5 टैंकरों से 35 बार पानी की सप्लाई हो रही है, जो बिलकुल भी र्प्याप्त नहीं है। विभाग को टैंकरों व ट्रिप की संख्या में बढ़ोतरी करनी चाहिए। लोग पानी के लिए दिनभर परेशान हो रहे हैं। 
- सोनू भील, पार्षद वार्ड-7

प्रभावित इलाकों में वास्तविक डिमांड के अनुरूप टैंकरों से नियमित पानी की सप्लाई की जा रही है। गर्मी बढ़ने के साथ ही टैंकरों व ट्रिप की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। लोगों से अपील है कि पानी का महत्व समझे और सद्पुयोग करें। पानी व्यर्थ बहाने से बचाए ताकि जरूरतमंद लोगों के घरों में पानी पहुंचा सकें। जलदाय विभाग पूरी क्षमता के साथ जल संकट से प्रभावित इलाकों में पानी पहुंचा रहा है।
- प्रकाशवीर नथानी, एक्सईएन जलदाय विभाग 

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