पांच साल में ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की संख्या हुई दोगुनी

हर महीने 200 नए मरीज अस्पताल पहुंच रहे

पांच साल में ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की संख्या हुई दोगुनी

कोटा में प्रतिवर्ष केंसर की बीमारी के लगभग 2400 नए मरीज मिल रहे है। पिछले पांच साल में स्तन कैंसर के मरीजों की संख्या दोगुनी बढ़ी है। हर रोज आठ से दस मरीज केंसर रोग के आ रहे है।

 कोटा। कोटा सहित देशभर में स्तन कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली रही हैं। देशभर में एक लाख 80 हजार महिलाओं को स्तन कैंसर की समस्या हर वर्ष हो रही हैं। वहीं 90 हजार की मौत भी स्तन कैंसर के कारण हो रही है। शहर के कैंसर रोग विशेषज्ञों के मुताबिक महिलाओं में मोटापा व हार्मोनल असंतुलन के कारण स्तन कैंसर के मामले बढ़े हैं। कोटा में प्रतिवर्ष केंसर की  बीमारी के लगभग 2400 नए मरीज मिल रहे है। पिछले पांच साल में स्तन कैंसर के मरीजों की संख्या दोगुनी बढ़ी है। हर रोज आठ से दस मरीज केंसर रोग के आ रहे है। वहीं महीने में 200   मरीज नए आ रहे है। वर्तमान में महिलाओं में 2.2 से 4.7 प्रतिशत की दर से स्तन कैंसर बढ़ा है। शहर में मिल रहे मरीजों में 25 साल से 34 साल के महिलाओं को स्तन कैंसर के मामले भी बढ़ रहे हैं। 

पुरूषों की तुलना में महिलाओं में कैंसर के ज्यादा 
मामले सामने आ रहे हैं। कुल कैंसर के मामलों में करीब 4 फीसदी मामले 14 साल की उम्र तक के बच्चों में सामने आए हैं। तंबाकू से होने वाले कैंसर,पेंट सें संबंधित और स्तन कैंसर के मामले सबसे ज्यादा सामने आए हैं कोटा में 25 से 35 साल के युवाओं में तेजी से केंसर बढ़ रहा है। केंसर विशेषज्ञों के अनुसार कैंसर अब धीरे-धीरे देश में एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। अनुमान के मुताबिक 2025 तक देश में 15 लाख से ज्यादा कैंसर के मरीज होंगे। यही नहीं पुरूषों की तुलना में महिलाओं में कैंसर के ज्यादा मामले आ रहे हैं। नैशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में 13.92 लाख कैंसर के मरीज रजिस्टर्ड थे। रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में देश में  712758 महिलाएं कैंसर से पीड़ित थी। वहीं कैंसर से पीड़ित पुरूषों की संख्या 679421 थी। यानी देश के कुल कैंसर मरीजों में करीब 51 फीसदी महिलाएं हैं। जबकि 49 फीसदी पुरूषों की संख्या है। परेशान करने वाली बात यह है कि 2025 तक भी ऐसी ही स्थिति रहने वाली है। उस समय देश में कुल 15.69 लाख लोग कैंसर से पीड़ित होंगे। इसमें 806218 लाख मामले महिलाओं से संबंधित होंगे। जबकि 763575 मामले पुरूषों से संबंधित होंगे। पिछले पांच साल मेंकोटा में केंसर रोग के मरीजों में लगातार इजाफा हो रहा है। जिसमें सबसे ज्यादा युवा वर्ग चपेट में आ रहा है। धूम्रपान का शौक युवाओं को भारी पड़ रहा है।

अब 35 साल की महिलाओं को भी ब्रेस्ट कैंसर
वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ डॉ. आर के तंवर ने बताया कि  पहले जहां 45 साल की उम्र के बाद महिलाओं में स्तन कैंसर होता था, वहीं अब 35 साल से कम उम्र की महिलाओं को भी इस तरह का कैंसर हो रहा है। इस प्रकार के कैंसर में शुरुआत में गठान दर्द नहीं करती है। इसकी वजह से कई महिलाएं उसे अनदेखा कर देती है। किसी भी महिला को स्तन पर गठान महसूस हो जो दर्द न भी करे तो भी विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए। कम उम्र में मेमोग्राफी करना उचित नहीं है। इससे शरीर को एक्सरे किरणे मिलती है, जो कि सुरक्षित नहीं। हार्मोनल असंतुलन, व्यायाम कम करने, फास्ट फूड का सेवन एवं कुछ हद तक मांसाहारी भोजन के कारण स्तन कैंसर के केस बढ़े हैं। पहले कैंसर के मरीज की शल्य चिकित्सा कर पूरा स्तन निकालना पड़ता था, विज्ञान ने इतनी तरक्की कि है कि यदि गठान छोटी हो तो आपेरशन कर पूरे स्तन को निकाले बिना सफलतापूर्वक सर्जरी की जा रही हैं। 

पैसिव स्मोकिंग के कारण 70 फीसदी तक बढ़ा खतरा
केंसर विशेषज्ञों के अनुसार प्रदूषण बढ़ने के कारण वायुमंडल में पालीसिस्टिक एरोमेटिक हाइड्रो कार्बन बढ़ गए है। इसके कारण भी स्तन कैंसर के मरीज बढ़े है। महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के कारण भी इस तरह के मरीजों की संख्या ज्यादा हो रही है। पहले के मुकाबले अब महिलाओं की शारीरिक गतिविधि कम हुई है, इसके कारण मोटापा बढ़ा। यह भी एक प्रमुख वजह है।  यदि किसी युवा महिला का पति या मित्र सिगरेट का सेवन करते है तो पैसिव स्मोकिंग के कारण उन्हें स्तन कैंसर का खतरा 70 फीसद तक रहता है।

Read More पुलिस की बड़ी कार्रवाई : मंदिरों में चोरी करने वाला गिरोह गिरफ्तार, 1.25 किलो चांदी के छत्र बरामद

महिलाएं अपने स्तर पर जांच कर पता कर सकती हैं लक्षण
  स्तन कैंसर के शुरुआती स्टेज के कम मरीज मिल रहे है। ज्यादातर महिलाएं स्तन कैंसर की एडवांस स्टेज में सामने आती है। 45 साल की बाद महिलाओं को चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। यदि आपको अपने स्तर पर जांच में स्तन पर गांठ या चमड़ी में गड्ढा, त्वचा का रंग लाल हो, स्तन के निप्पल धंस रहे हो तो यह कैंसर के लक्षण हो सकते है। ऐसी महिलाओं को एक्सरे मेमोग्राफी, सोनो मेमोग्राफी और एमआरआई जांच से शुरूआती स्तर पर कैंसर का पता चल सकता है। हमारे अस्पताल में एक साल में साढ़े तीन हजार कैंसर के मरीज आते हैं। इनमें आठ प्रतिशत स्तन कैंसर के मरीज होते है। शहर में प्रतिवर्ष स्तन कैंसर के 200 से 300 नए मरीज मिलते है। इसमें 50 फीसद मरीज एडवांस स्टेज में आते हैं। ऐसे मरीजों को दवाईयां व पेलेटिव रेडियोथेरेपी के माध्यम से उपचार करते है। वर्तमान में यह जरुरत है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य सामाजिक संगठनों को कैंसर पहचान व उपचार संबंधित प्रारंभिक ट्रेनिंग दी जाए ताकि उपखंड स्तर पर मरीजों को कैंसर का उपचार शुरूआती स्तर पर ही मिल सके। इससे मरीज गंभीर स्थिति तक पहुंचने से बचेंगे।

Read More आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन : वर्धमान ग्रुप के आधा दर्जन ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों की मिली नगदी

बच्चों में भी मामले बढ़े
नैशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की साल 2021 की रिपोर्ट के अनुसार 0-14 साल के बच्चों में भी कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। और कुल मामलों में इनकी संख्या करीब 4 फीसदी है। यानी कैंसर से पीड़ित हर 100 व्यक्ति में से 4 बच्चे हैं। बच्चों में पाए जाने वाले कैंसर में सबसे ज्यादा मामले ल्यूकोमिया, हड्डियों में ट्यूमर के पाए जाते हैं। जहां तक सबसे ज्यादा कैंसर के मामले किस उम्र के लोगों में पाए जाते हैं, तो उसमें 45-64 की उम्र के लोग सबसे ज्यादा पीड़ित हैं।

Read More अंतर्राज्यीय नकबजन गैंग के 3 शातिर आरोपी गिरफ्तार : उपकरण व लाखों के आभूषण बरामद, दर्जनों सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण पर आरोपी चिन्हित

ब्रेस्ट कैंसर के कारण
- महिलाओं में कमर के नीचे का मोटापा
- घरों में काम न करने की आदत, मशीनों पर निर्भरता बढ़ना
- विवाह देरी से होना
- पहली संतान देर से होना
- बच्चों को दुग्धपान नहीं करवाना या कम समय करवाना
- एक ही संतान होना
- तंबाकू व शराब का सेवन
- पैसिव स्मोकिंग

सरकार की ओर से चिरंजीव योजना के बाद से अस्पताल में केंसर के उपचार कराने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। सरकार की ओर से केंसर की महंगी दवाएं और निशुल्क उपलब्ध कराने और केंसर के इलाज की सुविधा बढ़ने के बाद से एमबीएस अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी है। पिछले पांच साल में स्तन केंसर मरीजों की संख्या में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है। हर माह केंसर 200 नए मरीज आ रहे है। वहीं हर रोज आठ से दस मरीज इलाज के अस्पताल में आते है। 
- डॉ. आर के तंवर, आचार्य व एचओडी कैंसर यूनिट एमबीएस अस्पताल 

Post Comment

Comment List

Latest News

रेल्वे ग्रुप डी भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट गैंग का भंडाफोड़ : दो शातिर गिरफ्तार, परीक्षा के दौरान बायोमैट्रिक जांच में सामने आया फर्जीवाड़ा रेल्वे ग्रुप डी भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट गैंग का भंडाफोड़ : दो शातिर गिरफ्तार, परीक्षा के दौरान बायोमैट्रिक जांच में सामने आया फर्जीवाड़ा
जयपुर दक्षिण पुलिस ने रेल्वे ग्रुप डी भर्ती परीक्षा में शातिर डमी कैंडिडेट को गिरफ्तार किया है। आरोपी ऋषभ रंजन...
दिल्ली में एक्यूआई बहुत खराब : शहर के कई हिस्सों में कोहरे से दृश्यता कम, लोगों को सांस लेने में परेशानी
सूरत की केमिकल फैक्ट्री में भीषण आग, बचाव राहत कार्य जारी
IndiGo ने जारी की एडवाइजरी, यात्रा के दौरान इन बातों का ध्यान रखने की दी सलाह, जानें
Weather Update : प्रदेश में कोहरे का असर, घना कोहरा रहने का अलर्ट जारी
असर खबर का - सिलेहगढ़ रोड का मरम्मत कार्य शुरू
‘ऑस्कर 2026’ में बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटिगरी में शॉर्टलिस्ट हुई करण जौहर की फिल्म ‘होमबाउंड’, फिल्म ने टॉप 15 फिल्मों में बनाई अपनी जगह