असर खबर का - अब तीसरी आंख से होने लगी निगरानी, खराब पड़े 32 सीसीटीवी कैमरों को अब ठीक कर दिया गया
थोक फल सब्जीमंडी - ढाई लाख रुपए में खराब कैमरों को करवाया ठीक
मंडी परिसर की कैमरों से हो रही मॉनिटरिंग।
कोटा। शहर के धानमंडी क्षेत्र स्थित थोक फल-सब्जी मंडी में फिर तीसरी आंख से निगरानी शुरू हो गई है। मंडी में काफी समय से खराब पड़े 32 सीसीटीवी कैमरों को अब ठीक कर दिया गया है और इनके माध्यम से परिसर की मॉनिटरिंग भी शुरू कर दी गई है। सीसीटीवी कैमरों को ठीक करने के लिए वित्त विभाग ने ढाई लाख का बजट मंजूर किया था। बजट स्वीक़ृत होने के बाद मंडी प्रशासन ने टैंडर प्रक्रिया कर एक फर्म को इसका कार्य सौंपा गया था। ठेकेदार फर्म ने गत दिनों कैमरों के खराब हो रहे पैनल को ठीक कर कैमरों का संचालन शुरू कर दिया गया है। इससे अब मंडी परिसर की आसानी से मॉनिटरिंग होने लगी है। कैमरों के खराब होने से आपराधिक वारदातों की आशंका बनी हुई थी। वहीं मंडी परिसर में होने वाली गतिविधियों की भी निगरानी नहीं हो पा रही थी। अब कैमरों की मरम्मत होने से राहत मिली है।
चूहों ने खराब कर दिया था पैनल
जानकारी के अनुसार यह शहर की प्रमुख फल सब्जीमंडी है और इससे हजारों किसान एवं कई राज्यों के व्यापारी जुड़े हुए हैं। ऐसे में थोक फलसब्जी मंडी में सुरक्षा की दृष्टि से 32 सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हैं। इसके लिए मंडी के दुकानदारों की ओर राशि उपलब्ध कराई गई थी। कुछ माह पहले सीसीटीवी कैमरे के पैनल को चूहे ने नुकसान पहुंचा दिया था। इसके बाद सभी कैमरे बंद पड़े हुए थे। मंडी प्रशासन ने पैनल को दिखवाया तो उसके ठीक करने के लिए ढाई लाख का खर्चा बताया था। इसके बाद मंडी प्रशासन ने ढाई लाख का एस्टीमेट बनवाकर कृषि निदेशालय जयपुर को भेज दिया था, लेकिन काफी समय तक उक्त बजट को मंजूरी नहीं मिली। बाद में ढाई लाख का बजट मिलने पर खराब कैमरों को ठीक करवा उनका संचालन शुरू कर दिया गया है।
नवज्योति ने प्रमुखता से उठाया था मामला
थोक फल मंडी में सभी 32 सीसीटीवी कैमरे खराब होने के सम्बंध में दैनिक नवज्योति के 2 मार्च के अंक में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया था। जिसमें बताया था कि काफी समय से सीसीटीवी कैमरे खराब होने से दुकानदार और ग्राहक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। थोक फल सब्जी मंडी में करीब 150 दुकानें है और हर माह करोड़ों रुपए का कारोबार होता है। इसके बावजूद मंडी में सीसीटीवी कैमरों को अभी तक ठीक नहीं करवाया गया है। मंडी प्रशासन की ओर से कैमरों की मरम्मत के लिए करीब ढाई लाख के बजट की फाइल कृषि निदेशालय को भेज रखी है, लेकिन बजट को हरी झंडी नहीं मिल रही थी। समाचार प्रकाशित होने के बाद मंडी प्रशासन ने फिर से बजट के सम्बंध में रिमांइडर भेजा था। इसके बाद बजट जारी होने पर कैमरे शुरू कर दिए गए हैं।
सुबह के समय मंडी में काफी भीड़ रहती है। इस दौरान जेबकट भी घूमते रहते हैं। मंडी के कैमरे खराब होने से वारदात का अंदेशा ज्यादा बना रहता था। अब मंडी प्रशासन द्वारा कैमरों को शुरू करवाने से खतरा नहीं रहेगा।
- सुनीता देवी, ग्राहक
थोक मंडी में सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हैं। चूहों के कारण इसका पैनल खराब हो गया था। ठेकेदार फर्म से खराब कैमरों को ठीक करवा कर उनका संचालन शुरू कर दिया है।
- विश्वजीत सिंह, सचिव, थोक फल-सब्जी मंडी कोटा

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