शहर में खड़ी हैं लापरवाही की सैकड़ों बहुमंजिला इमारतें, फायर अनुभाग भी नोटिस देकर कर रहा इतिश्री
दीपश्री मल्टीस्टोरी में भी नहीं है 5 साल से फायर एनओसी
मल्टी स्टोरियों में आग से सुरक्षा के इंतजाम तक नहीं।
कोटा । अनंतपुरा थाना क्षेत्र स्थित ट्रांसपोर्ट नगर की जिस दीपश्री मल्टीस्टोरी के फ्लैट में आग लगी और दम घुटने से दो बच्चों की मौत हुई। उस मल्टी स्टोरी में पिछले करीब 5 साल से अधिक समय से फायर एनओसी तक नहीं ली गई है। उसके बाद भी वहां किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इतना ही नहीं शहर में लापरवाही की ऐसी सैकड़ों बहुमंजिला इमारतें खड़ी हैं जिनमें आग से सुरक्षा के नाम पर कोई व्यवस्था तक नहीं है। नगर निगम का फायर अनुभाग भी जांच के बाद केवल नोटिस देकर इतिश्री कर रहा है। जिसका खामियाजा आमजन को जान गंवाने के रूप में भुगतना पड़ रहा है। शिक्षा नगरी कोटा में जहां हर साल लाखों बच्चे कोचिंग के लिए आते हैं। वहां बच्चों के कोचिंग से लेकर उनके रहने के लिए हॉस्टलों की व्यवस्था तक की गई। ऐसे में शहर के हर क्षेत्र में बहुमंजिला हॉस्टल बनने की शुरुआत हुई। इस शुरुआत ने इतना बड़ा रूप ले लिया कि अब कोटा में भी महानगरों की तर्ज पर जहां देखो वहां मल्टी स्टोरी ही नजर आने लगी है। वह भी 8 से 18 मंजिला तक की बिल्डिंगें है। आवासीय सोसायटी हो या हॉस्टल। व्यवसायिक बिल्डिंग हो या मॉल। उन्हें बनाने में बिल्डर लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं और उनसे कमाई भी कर रहे हैं। लेकिन हालत यह है कि उन बिल्ड़िंग में सुरक्षा के नाम पर कोई व्यवस्था या सुविधा नहीं की जा रही है। फायर सेफ्टी के नाम पर सिर्फ दिखावा और औपचारिकता की जा रही है। नए कोटा शहर में तलवंडी से लेकर राजीव गांधी नगर,इंद्र विहार, महावीर नगर विस्तार योजना, महावीर नगर प्रथम, जवाहर नगर डिस्ट्रिक्ट सेंटर,विज्ञान नगर, दादाबाड़ी, कोरल पाकर, नया नोहरा, बोरखेड़ा, नदी पार लैंडमार्क सिटी, बूंदी रोड समेत कई जगह पर एक से बढ़कर एक बहुमंजिला इमारतें खड़ी हो गई है। जिनमें से अधिकतर में या तो फायर उपकरण ही नहीं है। या फिर फायर एनओसी नहीं है।
पहले भी हो चुके कई हादसे
मल्टी स्टोरी के फ्लैट में आग लगने का यह पहला मामला नहीं है। इस तरह के हादसे शहर में कई बार हो चुके हैं। हालांकि आग लगने के बाद धुएं से दम घुटने पर दो बच्चों की मौत का संभवत: यह पहला मामला है। कुन्हाड़ी क्षेत्र स्थित हॉस्टल, बोरखेड़ा रोड स्थित कोरल पार्क, तलवंडी स्थित हॉस्टल,जवाहर नगर समेत शहर में अन्य जगहों पर पूर्व में कई हॉस्टलों में आग लगने की घटनाएÞं हो चुकी है। जिनमें से अधिकतर में फायर अनुभाग ने नोटिस देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। उसके बाद उन पर ध्यान तक नहीं दिया। हालांकि कई हॉस्टलों को निगम के फायर अनुभाग ने सीज भी किया है।
12 सौ से अधिक को नोटिस जारी
शहर में जहां सैकड़ों बहुमंजिला इमारतें हैं और लगातार नई बनती जा रही है। उनमें से अधिकतर में फायर सिस्टम तक नहीं है। शहर में कोई भी बड़ा हादसा होने के बाद ही प्रशाशन हरकत में आता है। पूर्व में हॉस्टल व मल्टी स्टोरी में आग लगने की घटनाएं होने के बाद नगर निगम के फायर अनुभाग द्वारा मल्टी स्टोरी बिल्डिंग का सर्वे कराया गया। नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण क्षेत्र में सर्वे के दौरान कमियां पाए जाने पर निगम की ओर से करीब 12 सौ से अधिक मल्टी स्टोरी संचालकों को नोटिस जारी किए गए। जिनमें उनके यहां लायर सिस्टम लगाने, उन्हें कार्यशील करने और फायर एनओसी लेने के लिए पाबंद किया गया। लेकिन निगम के नोटिस के बावजूद बहुत कम लोग ऐसे हैं जिन्होंने उन नोटिस को गम्भीरता से लेते हुए उनके यहां सिस्टम में सुधार किया। वरना निगम प्रशासन नोटिस देता रहता है और संबंधित सोसायटी व संचालक उस पर ध्यान तक नहीं देते। जिसके कारण होने वले हादसों का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
नियमानुसार होगी कार्रवाई
मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में फायर सिस्टम लगा होना व एनओसी लेना आवश्यक है। लेकिन यदि दीपश्री बिल्ड़िंग में फायर एनओसी नहीं होने की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तोे सीएफओ से पता कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
- ओम प्रकाश मेहरा, आयुक्त नगर निगम कोटा दक्षिण
नियम पालन नहीं तो करेंगे निरस्तीकरण
बच्चों की मौत जलने से नहीं दम घुटने से हुई है। हालांकि एफएसएल की टीम जांच कर रही है। मल्टी स्टोरी में फायर सिस्टम व एनओसी होना आवश्यक है। सभी सोसायटी व बिल्डरों को आग से सुरक्षा के सिस्टम लगाने के नियमों की पालना करना आवश्यक है। यदि कोई ऐसा नहीं कर रहा है तो उनके संबंध में नगर निगम व केडीए अधिकारियों से उन बिल्ड़िंग के निरस्तीकरण की कार्यवाही करवाई जाएगी।
- तेजस्विनी गौतम, पुलिस अधीक्षक, कोटा शहर
फायर सिस्टम है लेकिन एनओसी नहीं
ट्रांसपोर्ट नगर की जिस मल्टी स्टोरी के फ्लैट में देर रात को आग लगी। उसके बारे में फायर अनुभाग को न तो पुलिस ने सूचना दी और न ही सोसायटी या अन्य लोगों ने सूचना दी। जिससे मौके पर फायर बिग्रेड नहीं पहुंची। सुबह जानकारी मिलने पर मौके पर जाकर देखा तो हादसा काफी दर्दनाक लगा। बच्चों की मौत जलने से नहीं दम घुटने से होना बताया गया है। बिल्ड़िंग पुरानी है। जिसमें मौके पर जाकर देखा तो फायर सिस्टम लगे हुए हैं और कार्यशील भी है। आग लगने पर उसी सिस्टम से उसे काबू किया गया था। लेकिन पिछले करीब 5 साल से अधिक समय से सोसायटी ने फायर एनओसी नहीं ले रखी है। ऐसे में सोसायटी को नोटिस जारी किया जाएगा।
- राकेश व्यास, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, नगर निगम कोटा उत्तर दक्षिण

Comment List