गंगा पूजन के साथ 3 दिवसीय जागो-जगाओ एकता पदयात्रा का शुभारंभ : कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने किया उद्घाटन, कहा- समाज की मजबूती के लिए हर वर्ग को सम्मान और समान अवसर मिले
यूनिटी मार्च टी-शर्ट बनी आकर्षण
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर की तीन दिवसीय जागो-जगाओ एकता पदयात्रा का शुभारंभ सोमवार को धार्मिक वातावरण में हुआ। ग्राम पंचायत जुल्मी स्थित पाटली नदी के घाट पर मंत्रोच्चार, गंगा पूजन और मंगलाचरण के साथ यात्रा का आगाज हुआ। कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने किया।
रामगंजमंडी। शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर की तीन दिवसीय जागो-जगाओ एकता पदयात्रा का शुभारंभ सोमवार को धार्मिक वातावरण में हुआ। ग्राम पंचायत जुल्मी स्थित पाटली नदी के घाट पर मंत्रोच्चार, गंगा पूजन और मंगलाचरण के साथ यात्रा का आगाज हुआ। कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने किया। शुभारंभ के क्षणों में बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे और पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ पदयात्रा का स्वागत किया। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्वच्छकारों, श्रमिकों, किसानों और अनुसूचित वर्ग के लोगों का सम्मान किया। उन्होंने कहा कि समाज की मजबूती तभी संभव है जब हर वर्ग को सम्मान और समान अवसर मिले। उपस्थित ग्रामीणों ने इस संदेश का तालियों से स्वागत किया।
यात्रा अपने निर्धारित मार्ग पर आगे बढ़ी तो विभिन्न गांवों में लोगों ने मंत्री और यात्रादल का स्वागत किया। महिलाओं ने मंगल कलश के साथ अभिनंदन किया। वहीं युवाओं ने तिरंगे के साथ नारे लगाकर माहौल को जोशीला बनाया। यात्रा का पहला चरण जुल्मी की पाटली नदी से प्रारंभ होकर लखारिया चौराहा, कुंभकोट, लक्ष्मीपुरा, दुर्जनपुरा और सातलखेड़ी होते सुकेत में समाप्त हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में बच्चे, महिलाएं, युवा और वरिष्ठजन शामिल हुए। पहले दिन का रात्रि विश्राम सुकेत में रखा गया है।
यूनिटी मार्च टी-शर्ट बनी आकर्षण
यात्रा में शामिल सभी प्रतिभागी सरदार पटेल यूनिटी मार्च की टी-शर्ट और टोपी पहनकर चल रहे हैं। हाथों में तिरंगा लहराते ये प्रतिभागी एकता, राष्ट्रभक्ति और सामाजिक सद्भाव का संदेश दे रहे हैं। भारत सरकार की ओर से सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे। दूसरे दिन यात्रा सुकेत से प्रारंभ होकर मोड़क पहुंचेगी। जहां रात्रि विश्राम होगा। अंतिम दिन 26 नवंबर को यात्रा मोड़क से रवाना होकर विभिन्न गांवों से होती हुई खैराबाद, रामगंजमंडी में भव्य समापन के साथ समाप्त होगी। पदयात्रा प्रतिदिन लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करेगी।

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