पौधों की सुरक्षा पर हर साल लाखों की सिंचार्ई, फिर भी नजर नहीं आ रहे पौधे

पौधों की सुरक्षा के लिए संस्थाओं व जनप्रतिनिधियों को होंगे आवंटित

पौधों की सुरक्षा पर हर साल लाखों की सिंचार्ई, फिर भी नजर नहीं आ रहे पौधे

नगर निगम की ओर से लाखों रुपए से बनवाए जा रहे ट्री गार्ड।

कोटा। मानसून का सीजन शुरु होते ही जहां शहर को हरा भरा बनाने के लिए लाखों पौधे हर साल लगाए जा रहे हैं। वहीं सिलसिला इस बार भी शुरु हो गया है। इतना ही नहीं नगर निगम की ओर से उन पौधों की सुरक्षा पर भी ट्री गार्ड के रूप में लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। उसके बाद भी शहर में पौधे नजर नहीं आ रहे।  शहर में पिछले कई सालों से हर बार मानसून में सरकार की ओर से पौधारोपण का अभियान चलाया जाता है।  जिसमें वन विभाग के अलावा सभी सरकारी विभागों को पौधे लगाने का लक्ष्य दिया जाता है। उसके हिसाब से सभी विभाग अपने-अपने स्तर पर निर्धारित व चिन्हित स्थानों पर पौधारोपण करते हैं। इस बार भी इस अभियान की शुरुआत एक दिन पहले वन महोत्सव के माध्यम से हो चुकी है। उसके अलावा क्लब, स्वयंसेवी व सामाजिक संस्थाएं समेत व्यक्तिगत स्तर पर भी हजारों लाखों पौधे लगाए जा रहे हैं। पिछले कुछ समय से पौधों की सुरक्षा व उन्हें पेड़ बनाने को भावनात्मक रूप से जोड़ते हुए पौधारोपण को एक पेड़ मां के नाम दिया गया है। जिसमें पौधे लगाने से लेकर उसे बड़ा करने तक की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति को दी जा रही है। 

कोटा उत्तर में 69 लाख के बनेंगे ट्री गार्ड
नगर निगम कोटा दक्षिण की तरह ही कोटा उत्तर में भी इस बार करीब 69 लाख रुपए के ट्री गार्ड बनवाए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार यहां करेब एक हजार ट्री गार्ड पहले के ही रखे हुए हैं। जबकि करीब 18 सौ नए ट्री गार्ड बनवाए जाएंगे। जिनका कार्यादेश होने वाला है। 

कोटा दक्षिण में ढाई से तीन हजार ट्री गार्ड
नगर निगम कोटा दक्षिण में इस बार करीब ढाई से तीन हजार ट्री गार्ड बनवाए जा रहे हैं। हालांकि यहां कई ट्री गार्ड तो पूर्व के भी बचे हुए बताए जा रहे हैं।  जानकारों के अनुसार करेब 30 लाख की लागत से इन ट्री गार्ड को बनवाया जा रहा है। हालांकि इस बार ट्री गार्ड बनवाने का टेंडर 30 फीसदी कम दर पर हुआ है। पार्षदों को 15 से 20, महापौर व उप महापौर को इससे दो से तीन गुना अधिक  और विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों को भी उनके क्षेत्र के लिए ट्री गार्ड निगम द्वारा दिए जाएंगे। इनके अलावा भी यदि कोई संस्था नगर निगम में लेटर हैड पर ट्री गार्ड की डिमांड करती है तो उन्हें भी निगम द्वारा ये उपलब्ध करवाए जाते हैं।

पुरानों का पता नहीं कहां गए
नगर निगम की ओर से हर साल लाखों रुपए खर्च कर ट्री गार्ड बनवाकर शहर में पौधों की सुरक्षा के लिए लगवाए जा रहे हैं। लेकिन हालत यह है कि उनमें से न तो अधिकतर ट्री गार्ड नजर आ रहे हैं और न ही वे पौधे नजर आ रहे हैं। जिनके सुरक्षा के लिए ये ट्री गार्ड लगाए गए थे। नगर निगम की ओर से पूर्व में दशहरा मैदान फेज दो पुराना पशु मेला स्थल व निगम कार्यालय के सामने डिवाइडर पर लगाए पौधे व ट्री गार्ड या तो गायब हो गए हैं या क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ऐसी ही हालत शहर में अन्य स्थानों पर ही है। 

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निगम हर साल बनवाता है ट्री गार्ड
शहर में नगर निगम के अलावा जनप्रतिनिधियों और अन्य संस्थाओं की ओर से होने वाले पौधारोपण में लगाए गए पौधों की सुरक्षा के लिए नगर निगम द्वारा हर साल ट्री गार्ड बनवाए जाते हैं। उन ट्री गार्ड को पार्षद, महापौर, उप महापौर, नेता प्रतिपक्ष के माध्यम से वितरित किया जाता है। जिससे वे अपने-अपने वार्ड व क्षेत्रों में लगाए गए पौधों की सुरक्षा के लिए उन ट्री गार्ड का उपयोग कर सके। इस बार भी नगर निगम की ओर से ट्री गार्ड बनवाए जा रहे हैं। 

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ट्री गार्ड का हिसाब रखा जाए
जानकारों का कहना है कि जिस तरह से नगर निगम द्वारा अन्य बजट का लेखा जोखा रखा जाता है। उसी तरह से ट्री गार्ड के वितरण का भी हिसाब रखा जाना चाहिए। भीमगंजमंडी निवासी महेश गौतम का कहना है कि जब निगम इतनी अधिक राशि खर्च कर रहा है तो उनका हिसाब भी रखा जाना चाहिए कि उन ट्री गार्ड का कहां उपयोग हो रहा है। उपयोग हो भी रहा है या नहीं। यदि हो रहा है तो बार-बार एक ही जगह पत तो ट्री गार्ड नहीं लग रहे।  खेड़ली फाटक निवासी जगदीश लोधा का कहना है कि ट्री गार्ड लगाने के बाद भी पौधे सुरक्षित हैं या नहीं इसकी भी जानकारी निगम अधिकारियों को होनी चाहिए। 

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इनका कहना है
नगर निगम कोटा दक्षिण द्वारा इस बार करीब 25 सौ से अधिक ट्री गार्ड बनवाए जा रहे हैं। जिनका काम शुरु हो गया है। कई तो बनकर तैयार हो रहे हैं और शेष बन रहे हैं। जैसे-जैसे तैयार होते रहेंगे वैसे-वैसे उनका उपयोग किया जाएगा।  हालांकि अभी इनके वितरण के संबंध में निर्णय नहीं हुआ है। उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार ही इनका वितरण किया जाएगा। नगर निगम द्वारा संस्थाओं को उनके लेटर हैड पर डिमांड अनुसार ही ट्री गार्ड का वितरण किया जाता है। लेकिन उनकी मॉनिटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। 
- ए.क्यू कुरैशी, एक्सईएन, नगर निगम कोटा दक्षिण 

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