नाम हाउसिंग बोर्ड, 22 साल से कोटा में नहीं बनाया एक भी नया मकान

हाउसिंग बोर्ड के पास कोटा में जमीन का टोटा : बोर्ड का काम कर रहा नगर विकास न्यास

नाम हाउसिंग बोर्ड, 22 साल से कोटा में नहीं बनाया एक भी नया मकान

पहले जहां कोटा शहर में जमीनें हाउसिंग बोर्ड के पास थी। वहीं अब अधिकतर जमीनें नगर विकास न्यास के पास हैं। आवासन मंडल सूत्रों के अनुसार रानपुर व बोरखेड़ा में हाउसिंग बोर्ड को कुछ जमीन मिलने वाली थी। लेकिन बाद में वे दोनों जमीन भी न्यास के खाते में चली गई। वहीं हाउसिंग बोर्ड की जगह अब भूखंड बेचने व मकान बनाकर बेचने का काम भी नगर विकास न्यास कर रहा है।

कोटा। कोटा शहर में पहले  जहां मकान बनाने का अधिकतर काम हाउसिग बोर्ड(आवासन मंडल) करता था।  लेकिन अब हालत यह है कि बोर्ड ने करीब 22 साल से शहर में कोई नया मकान या कॉलोनी नहीं बनाई है। हाउसिग बोर्ड के पास शहर में जमीन का टोटा होने से उनका यह काम अब नगर विकास न्यास कर रहा है। हाउसिंग बोर्ड के नाम से ही जाहिर हो रहा है कि मकान बनाने वाला विभाग। कोटा शहर में पहले सस्ते मकान बनाने का काम भी आवासन मंडल ही करता था। शहर के अधिकतर क्षेत्रों में हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनियां बनी हुई हैं। हालांकि उस समय बोर्ड के मकान सस्ते भी होते थे। लेकिन हाउसिंग बोर्ड ने करीब 22 साल पहले वर्ष 2001 में अंतिम कॉलोनी स्वामी विवेकानंद नगर में बनाई थी। उसके बाद से अभी तक हाउसिंग बोर्ड ने शहर में न तो कोई नया मकान बनाया है और न ही कॉलोनी। 

यहां हैं हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी
शहर में हाउसिंग बोर्ड की 17 कॉलोनियां हैं। जिनमें दादाबाड़ी, दादाबाड़ी विस्तार, अम्बेडकर नगर कुन्हाड़ी, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी कुन्हाड़ी, महावीर नगर विस्तार, महावीर नगर परिजात कॉलोनी, रंगबाड़ी, सकतपुरा, वल्लभबाड़ी व स्वामी विवेकानंद नगर की कॉलोनियां शामिल हैं। अधिकतर कॉलोनियां नगर निगम को हस्तांतरित हो चुकी हैं। जिनमें विकास कार्य करवाने के लिए बोर्ड निगम को बजट उपलब्ध करवाता है। सिर्फ दो कॉलोनियां अभी तक निगम को हस्तांतरित नहीं हो सकी हैं। हालांकि बोर्ड की अधिकतर कॉलोनियों में आवासीय मकान व्यवसायक बन चुके हैं। हर मकान में दुकान संचालत हो रही हैं। जिससे उन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। 

संभाग के अन्य जिलों में मकान
आवासन मंडल के पास कोटा शहर में जमीन का टोटा हैं जिससे यहां तो मकान नहीं बन पा रहे हैं जबकि संभाग के अन्य जिलों बारां, छबड़ा, शाहबाद  और झालावाड़ में आवासन मंडल के मकान बने हुए हैं। जहां मंडल द्वारा समय-समय पर मकानों की नीलामी की जा रही है। मंडल के सूत्रों के अनुसार हालांकि जहां मकान हैं वहां भी कम ही नीलाम हो रहे हैं। बोर्ड द्वारा पुराने मकानों की देखभाल व मरम्मत का ही काम कराया जा रहा है। 

अधिकतर जमीन नगर विकास न्यास की
पहले जहां कोटा शहर में जमीनें हाउसिंग बोर्ड के पास थी। वहीं अब अधिकतर जमीनें नगर विकास न्यास के पास हैं।  आवासन मंडल सूत्रों के अनुसार रानपुर व बोरखेड़ा में हाउसिंग बोर्ड को कुछ जमीन मिलने वाली थी। लेकिन बाद में वे दोनों जमीन भी न्यास के खाते में चली गई। वहीं हाउसिंग बोर्ड की जगह अब भूखंड बेचने व मकान बनाकर बेचने का काम भी नगर विकास न्यास कर रहा है। न्यास द्वारा कई आवासीय योजनाएं बनाई गई हैं।  न्यास में एक शाखा हाउसिग की ही संचालित हो रही है। सिर्फ चौपाटी बना रहा बोर्डहाउसिंग बोर्ड द्वारा कोटा शहर में मकान व नई कॉलोनी तो नहीं बनाई गई। लेकिन कुन्हाड़ी क्षेत्र में एक चौपाटी बनाने का काम किया जा रहा है। जिसका अधिकतर काम तो पूरा हो गया है। इस चौपाटी के तैयार होने के बाद नदी पार क्षेत्र के लोगों को भी चौपाटी की सौगात जरूर मिल जाएगी।  इसके अलावा सीएडी रोड स्थित उप आवासन आयुक्त कार्यालय जो पूर्व में काफी जर्जर हालत में था करीब 50 लाख की लागत से उस कार्यालय की दशा जरूर सुधारी गई है। 

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स्टाफ की कमी
कोटा में आवासान मंडल का उप आवासन आयुक्त कार्यालय है। सीएडी रोड स्थित कार्यालय में उप आयुक्त समेत अधिशाषी अभियंता व स्टाफ बैठता है। हालांकि यहां स्टाफ व कर्मचारियों की कमी है। लेखा शाखा से लेकर इंजीनियर तक की कमी से विभाग जृूझ रहा है। कोटा में आवासान मंडल का उप आवासन आयुक्त कार्यालय है। सीएडी रोड स्थित कार्यालय में उप आयुक्त समेत अधिशाषी अभियंता व स्टाफ बैठता है। हालांकि यहां स्टाफ व कर्मचारियों की कमी है। लेखा शाखा से लेकर इंजीनियर तक की कमी से विभाग जृूझ रहा है। 

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इनका कहना है
हाउसिंग बोर्ड जब पहले कोटा में मकान बना सकता है तो अब भी बना सकता है। लेकिन हालत यह है कि कोटा शहर में हाउसिंग बोर्ड के पास जमीन ही नहीं है। ऐसे में बिना जमीन के न तो कॉलोनी काटी जा सकती है और न ही नए मकान बनाए जा सकते हैं। विभाग की अधिकतर कॉलोनी भी नगर निगम को हस्तांतरित हो चुकी हैं। विभाग बारां व झालावाड़ में बनी कॉलोनियों के मकानों को नीलाम करने व वहां का काम कर रहा है। हालांकि विभाग में स्टाफ की काफी कमी है। स्टाफ की कमी के कारण भी काम में परेशानी हो रही है। स्टाफ के लिए मुख्यालय को कई बार  लिखित में अवगत भी कराया जा चुका है। साथ ही जमीन की भी तलाश की जा रही है। विभाग  द्वारा फिलहाल कुन्हाड़ी में चौपाटी बनाने का काम किया जा रहा है। 
-अनिल सक्सेना, उप आवासन आयुक्त, राजस्थान आवासन मंडल, कोटा

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