शहर में हर घंटे हो रही एक गाय की मौत, दिन में पांच से ज्यादा हो रही वाहनों से चोटिल

अधिकतर हादसे में घायल व बीमारी के चलते जान गंवा रही गाय

शहर में हर घंटे हो रही एक गाय की मौत, दिन में पांच से ज्यादा हो रही वाहनों से चोटिल

जानकारी के अनुसार वर्तमान में शहर में रोजाना करीब 20 से 22 गायों की मौत हो रही है।

कोटा। हिन्दू धर्म में जिसे माता के रूप में पूजा जाता है। उसके दूध को अमृत समझा जाता है। उसी गाय की इन दिनों दुर्दशा हो रही है। हालत यह है कि देखरेख के अभाव में अधिकतर गाय लावारिस हालत में सड़कों पर घूमती देखी जा सकती है। जिससे पॉलिथीन युक्त खाद्य पदार्थ खाने से बीमार होने और हादसों में घायल होने से शहर में हर घंटे एक गाय की मौत हो रही है। सड़कों पर खड़े रहने से हर चार घंटे में एक गाय घायल हो रही है। घायल गाय का कोई धणी धोरी नहीं है। कोई उन्हें अस्पताल तक नहीं पहुंचाता।

जो लोग गाय को पाल भी रहे है तो उनमें से अधिकतर लोग सुबह-शाम दूध निकालने के बाद उन्हें सड़कों पर चरने के लिए छोड़ देते है। जिससे वे या तो हादसों का शिकार हो रही है या फिर पॉलिथीन में फेके जा रहे खाद्य पदार्थ खाने से बीमार हो रही है। वहीं दूध नहीं देने वाली गायों को तो कोई पाल भी नहीं रहा। उन्हें लावारिस हालत में छोड़ा जा रहा है। जिन्हें नगर निगम की गौशाला में रखा जा रहा है। वहां बीमार व घायल गायों की मौत हो रही है। जानकारी के अनुसार वर्तमान में शहर में रोजाना करीब 20 से 22 गायों की मौत हो रही है। यानि हर एक घंटे में एक गाय की मौत हो रही है। इसी तरह पांच से ज्यादा गायं हर दिन घायल हो रही हैं।  

गाय पूजनीय, उसकी सुरक्षा होनी चाहिए
न्यू गोपाल विहार निवासी मेघना सक्सेना ने बताया कि घर में खाना बनाते समय सबसे पहली रोटी गाय के नाम की निकाली जाती है। घर के दरवाजे पर आने वाली गाय को रोटी खिलाते है। घर नहीं आने पर पहले उसे रोटी खिलाने के बाद ही खाना खाते है। समय-समय पर गायों को चारा डालते है। ऐसे में उन गायों की सुरक्षा व देखभाल होनी चाहिए।  तलवंडी निवासी राजेश गुप्ता ने बताया कि गाय के दूध देने तक तो लोग उसकी सेवा व खानपान अच्छा रखते है। दूध देना बंद करने पर उसे लावारिस छोड़ देते है। जिससे उन्हें सड़कों पर पड़ी चीजे ही खानी पड़ रही है। ऐसे में पॉलिथीन में खाद्य सामग्री होने से वह उस समेत खा रही है। जिससे उनकी मौत अधिक हो रही है। ऐसे में गायों की रक्षा के लिए खाद्य पदार्थ को पॉलिथीन में डालना बंद करना होगा।  

वर्तमान में क्षमता से अधिक गौवंश से बढ़ा आंकड़ा
नगर निगम कोटा दक्षिण गौशाला समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने बताया कि वर्तमान में जिला कलक्टर के निर्देश पर नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण की ओर से घेरे डालकर गौवंश को पकड़ा जा रहा है। जिन्हें पहले कायन हाउस में रख रहे हैं। वहां से कैटल वेन से उन्हें बंधा धर्मपुरा स्थित गौशाला में पहुंचाया जा रहा है।   रोजाना करीब 80 से 100 गौवंश को गौशाला में लाया जा रहा है। सिंह ने बताया कि गौशाला में गायों की क्षमता करीब एक से डेढ़ हजार है। लेकिन वहां वर्तमान में 27 सौ से अधिक गौवंश है। ऐसे में यहां बीमार व कमजोर गायों को सांड द्वारा व पुरानी गायों द्वारा मारने से उनकी मौत हो रही है। कुछ दिन पहले जहां गायों की मौत का आंकड़ा कम हो गया था। वह फिर से बढ़कर रोजाना 10 से अधिक हो गया है। गायों की मौत का अधिकतर कारण उनके बीमार व कमजोर हालत में आना है। जिससे वे बैठक ले लेती है। उसके बाद दोबारा उठ नहीं पाती और उनकी मौत हो जाती है। लम्पी रोग से भी कई गायों की मौत हुई है। 

Read More डिप्टी सीएम दिया ने किया विद्याधर नगर क्षेत्र का दौरा, एक विकसित वैकल्पिक मार्ग की योजना तैयार करने के भी निर्देश

पहले सौ-सौ मरती थी अब कम हुई है संख्या
नगर निगम के मुर्दा मवेशी उठाने वाले संवेदक बाबू भाई का कहना है कि शहर में पहले से गायों की मौत की संख्या कम हुई है। पहले जहां रोजाना 80 से 100 गायों तक की मौत हो रही थी। वहीं अब इनकी संख्या कम हुई है। बरसात में यह संख्या बढ़ जाती है। वर्तमान में निगम की गौशाला व शहर में अन्य स्थानों पर मिलाकर कुल 20 से 22 गायों की मौत हो रही है। निजमें गाय, बछड़े, शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पहले सड़कों पर लावारिस गाय अधिक रहती थी। लेकिन देव नारायण योजना बनने से अधिकतर वहां शिफ्ट हो गई है। वहां  उनकी देखभाल होने व खाना अच्छा मिलने से मृत्युदर कम हुई है। गायों के हादसों के मामले भी अधिकतर हाइवे पर ही होते है। जिनमें गायों की मौत होती है। 

Read More सीबीआई की कार्रवाई : उज्जैन के नीमच कार्यालय में तैनात है इंस्पेक्टर, मांगी थी एक करोड़ की रिश्वत, नारकोटिक्स इंस्पेक्टर दलाल संग 3 लाख लेते गिरफ्तार

व्यवस्था सुधरने से कम हुई मृत्युदर
नगर निगम कोटा दक्षिण के उपायुक्त व गौशाला प्रभारी महावीर सिंह सिसोदिया ने बताया कि निगम की गौशाला में पहले से व्यवस्थाओं में काफी सुधार किया गया है। भूसा, चारा, चापड़ के अलावा साफ सफाई व छाया पानी की भी व्यववस्था सुधरी है। बीमार पशुओं के लिए चिकित्सा व उपचार की सुविधा भी की है। लेकिन जो अधिक बीमार व बैठक लेने के बाद उठ नहीं पाती उनकी मौत होना तो स्वाभाविक है। 

Read More घिनौनी करतूत : कक्षा 6-7 के स्टूडेंट्स के साथ बनाए अश्लील वीडियो, शिक्षा मंत्री की कड़ी प्रतिक्रिया ये शिक्षक इंसान कहलाने लायक नहीं

हादसों में घायल का उपचार कर पहुंचाते हैं गौशाला
शहर में अधिकतर गायों की मौत का कारण बीमार व कमजोर हालत होना है। वैसे शहर में घायल गाय की सूचना पर उन्हें वाहन के माध्यम से पशु चिकित्सालय लाया जाता है। यहां से उपचार करके उन्हें कायन हाउस व गौशाला में पहुंचा जाता है। पहले घायल गायों की संख्या अधिक रहती थी लेकिन अब यह कम हुई है। 
- डॉ. अखिलेश पांडे, उप निदेशक पशु चिकित्सालय  मोखापाड़ा 

लम्पी से नहीं हुई कोई मौत
शहर में पशुओं में लम्पी रोग फिर से आया है। वर्तमान में अब तक कुल 108 पशु इसकी चपेट में आ चुके है। जिनमें से 60 ठीक हो चुके है। लम्पी की चपेट में आने वाले अधिकतर बढ़डे है। इनकी संख्या कम होने से पहले निगम के किशोरपुरा स्थित कायन हाउस में आईसोलेशन सेंटर बनाया था। संख्या बढ़ने पर बंधा धर्मपुरा गौशाला में भी एक सेंटर बनाया है। शहर में इस बार लम्पी से एक भी गाय की मौत नहीं हुई है। यह इस बार उतना अधिक खतरनाक भी नहीं है। 
- डॉ. चम्पालाल मीणा, संयुक्त निदेशक, पशु पालन विभाग 

Post Comment

Comment List

Latest News

8 करोड़ की साइबर ठगी में पहली बार कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद : कंबोडिया से व्हाट्सएप पर चल रहा था फर्जी गिरफ्तारी रैकेट, 29 गवाहों ने दिया बयान 8 करोड़ की साइबर ठगी में पहली बार कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद : कंबोडिया से व्हाट्सएप पर चल रहा था फर्जी गिरफ्तारी रैकेट, 29 गवाहों ने दिया बयान
पश्चिम बंगाल की कल्याणी अदालत ने 'डिजिटल अरेस्ट' घोटाले में दोषसिद्धि के पहले मामले में 9 लोगों को आजीवन कारावास...
जयपुर में एजीटीएफ की सूचना पर जालूपुरा पुलिस का बड़ा एक्शन : अवैध सिम, ATM कार्ड का पार्सल जब्त 
माणक चौक थाना पुलिस की बड़ी कार्रवाई : शातिर मोटरसाइकिल चोर गिरफ्तार, चोरी की बाइक बरामद
डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर साइबर ठगी, राजस्थान साइबर पुलिस की एडवाइजरी
वायदा बाजार की तेजी का असर : शुद्ध सोना 400 रुपए और चांदी सौ रुपए महंगी 
शेखावाटी अंचल को मिलेगा यमुना से जल : यमुना नदी जलग्रहण क्षेत्र में हो रहा बांधों का निर्माण, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का बड़ा निर्णय
छोटे राज्यों, पूर्वी राज्यों के विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं : मोदी जी के राज में ढांचागत विकास तेज हुआ, शाह ने कहा- देश आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में निरंतर प्रगति कर रहा