100 किमी चक्कर काट कर भी निराश लौट रहे पर्यटक
एक साल बाद भी बोराबास रैंज में शुरू नहीं हुई जंगल सफारी
पर्यटकों की मांग है कि या तो जिप्सी की संख्या बढ़ाई जाए या फिर शहर से सटे बोराबांस में सफारी शुरू करवाई जानी चाहिए।
कोटा। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी शुरू हुए करीब एक साल बीत चुका है। फिर भी सफारी परवान नहीं चढ़ सकी। वर्तमान में दरा अभयारणय में एक जिप्सी के भरोसे ही सफारी करवाई जा रही है। अधिकतर समय जिप्सी की एडवांस बुकिंग रहती है। ऐसे में कोटा शहर से दरा जाने वाले पर्यटकों को 50 किमी का चक्कर काटने के बाद भी सफारी का मौका नहीं मिल पाता। मजबूरन उन्हें वापस 50 किमी का तय कर बैरंग लौटना पड़ता है। इस तरह दरा आने-जाने में 100 किमी का चक्कर लगाने के बावजूद निराश लौटना पड़ रहा है। जबकि, शहरी सीमा से सटे बोराबांस में भी सफारी का रुट स्वीकृत है। जहां एक साल बाद भी सफारी शुरू नहीं हो सकी। पर्यटकों का कहना है, मुकुंदरा प्रशासन यदि, रावतभाटा रोड स्थित बोराबांस रैंज में स्वीकृत रुट्स पर सफारी शुरू करें तो पर्यटकों को काफी राहत मिलेगी। साथ ही समय की बचत हो सकेगी और ट्यूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
एक जिप्सी के भरोसे सफारी
दरा सेंचुरी में जंगल सफारी के लिए मात्र एक ही जिप्सी है, जो सुबह की पारी में 6.30 से 9.30 तथा दोपहर 3 से 6 बजे तक रहती है। पर्यटकों को एंट्री व टिकट दरा रेंज कार्यालय से लेना होता है। यहीं से बुकिंग आॅफलाइन की जाती है। कोटा शहर से जाने वाले पर्यटकों को वहां जाकर पता लगता है कि जिप्सी एडवांस बुक हैं, ऐसे में उन्हें सफारी का मौका अगले दिन मिल पाएगा या फिर दोपहर की पारी तक इंतजार करना होगा। दोनों ही सूरत में पर्यटकों का समय व्यर्थ हो जाता है। मजबूरन उन्हें बैरंग लौटना पड़ता है। यदि, यहां जिप्सियों की संख्या बढ़ाई जाए तो भी लोगों को राहत मिल सकती है।
दरा में 4500 से 700 किराया
दरा रेंज में मौरूकलां-बंजर-रेतिया तलाई-पटपडिया-सावनभादौ एरिया शामिल है। करीब 21 किमी के जंगल में सफारी करवाई जाती है। 6 पर्यटक होने पर ही जिप्सी सफारी के लिए रवाना होती है। ट्यूरिस्ट की संख्या कम होने पर उनसे 6 सीटों का किराया 4500 से 700 रुपए किराया वसूला जाता है। हालांकि, टिकट दर रणथम्भौर से दोगुनी कम है और वन्यजीवों की साइटिंग व सावनभादौं डेम का विहंग्म दृश्य आकर्षित करते हैं। पर्यटकों की मांग है कि या तो जिप्सी की संख्या बढ़ाई जाए या फिर शहर से सटे बोराबांस में सफारी शुरू करवाई जानी चाहिए।
यह तीन रुट हैं स्वीकृत
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में सफारी के लिए चार रुट प्रस्तावित हैं। इनमें बोराबांस रेंज शहर के सबसे नजदीक है। इस रैंज में बंधा-बग्गी रोड, अखावा-बलिंडा-बंधा शामिल है। यहां विभिन्न तरह के वन्यजीव व बल खाती चंबल और मुस्कुराती कराइयां मौजूद हैं। ऐसे में यहां सफारी शुरू की जाए तो पर्यटन तो बढ़ेगा ही साथ ही सरकार के राजस्व में वृद्धि हो सकेगी। इसके अलावा कोलीपुरा रेंज में नागनी चौकी पोस्ट, कालाकोट-दीपपुरा घाटा-कान्या तालाब-नागनी चौकी पोस्ट, तीसरा रूट मंदरगढ़ में बेरियर-मंदरगढ़, तालाब-केशोपुरा-रोझा तालाब होते हुए मंदरगढ़ बेरियर शामिल है।
क्या कहते हैं पर्यटक
दरा में जंगल सफारी के लिए बुकिंग भी आॅफ लाइन है। जिसे जल्द से जल्द आॅनलाइन किया जाना चाहिए। शहर से 50 किमी का सफर कर दरा पहुंचते हैं तो वहां जाकर जिप्सी एडवांस बुक होने की बात पता चलती है, जिससे आना-जाना मिलाकर 100 किमी का चक्कर व्यर्थ हो जाता है। मुकुंदरा प्रशासन को बोराबास रैंज में सफारी शुरू करनी चाहिए।
- यतिंद्र कुमार, दादाबाड़ी
दरा बहुत दूर पड़ता है। ऐसे में रावतभाटा रोड स्थित बोराबास रेंज में प्रस्तावित रुट पर जंगल सफारी शुरू की जानी चाहिए। ताकि, पर्यटकों का समय व पेट्रोल का पैसा बच सके। साथ ही बुकिंग प्रणाली भी आॅनलाइन होनी चाहिए, जिससे व्यक्ति सफारी से पहले बुकिंग की करंट स्टेटस को देख ट्रैवलिंग प्लान बना सके।
- ललित नामा, महावीर नगर
मैं अपने साथियों के साथ कुछ माह पहले सफारी के लिए दरा गया था। वहां जाकर पता लगा कि जिप्सी एडवांस में ही बुक हो चुकी है। ऐसे में वापस बैरंग लौटना पड़ा। यदि, बुकिंग व्यवस्था आॅनलाइन होती या फिर जिप्सी की संख्या अधिक होती तो उसी दिन सफारी का मौका मिल जाता। विभाग को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने की जरूरत है।
- चेतन कुमार सैन, कैशवपुरा
बोराबांस रैंज का रुट जंगल सफारी के लिए प्रस्तावित है। यहां सफारी शुरू करवाने के लगातार प्रयास जारी है। हालांकि, बोराबास रैंज में वाहन मालिक रुचि नहीं दिखा रहे हैं। हमने आवेदन भी मांगे हैं, वाहनों का रजिस्ट्रेÑशन होते ही सफारी शुरू करवा दी जाएगी। पर्यटकों के लिए सुविधाओं में विस्तार कर रहे हैं।
- अभिमन्यू सहारण, डीएफओ, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व कोटा

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