सड़कों पर लावारिस जानवरों के जमावड़े से यातायात हो रहा बाधित
हमेशा बनी रहती है दुर्घटनाओं की आशंका, जानवर भी होते रहते हैं चोटिल
कस्बे में क्षेत्र के आसपास के गांवों के किसान व अन्य लोग अपने गांव व खेतों से आवारा जानवरों को निकाल कर रात्रि के समय में कस्बे की सड़कों पर छोड़ जाते हैं। जिससे अधिक समस्याएं पैदा हो रही हैं।
सुल्तानपुर। नगर से गुजर रहे स्टेट हाइवे 70 पर जगह-जगह आवारा जानवरों के जमावड़े के चलते यातायात प्रभावित होने के साथ ही आए दिन छोटी-मोटी दुर्घटनाएं होती रहती हैं। कई बार जानवर चोटिल हो जाते हैं तो कभी बाइक सवारों को भी चोट लगती है। सड़कों पर जानवर बैठे रहने से जब बड़े वाहन सड़कों से गुजरते हैं तो जानवरों को भी आए दिन दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है। जानकारी के अनुसार नगर सहित क्षेत्र में गौवंश की स्थिति दयनीय होती जा रही है। क्षेत्र की सड़कों व बाजारों में सर्वाधिक स्थानों पर गौवंश का जमावड़ा लगा रहता है। जिससे हर समय हादसों का अंदेशा बना रहता है। कई बार वाहनों की टक्कर से गौवंश की मृत्यु तक हो जाती है। व्यापार महासंघ अध्यक्ष विष्णु गोस्वामी ने कहा कि गौवंश की इस दुर्दशा को सुधारने के लिए जनप्रतिनिधियों और प्रशासन द्वारा अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। गौवंश पर दिया जाने वाले अनुदान का लाभ गौवंश को पूर्णतया नहीं मिल पा रहा है। जिससे दिनों दिन गौवंश की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। बेसहारा गौवंश के स्थानीय स्तर पर भी कोई देखभाल व रखरखाव की व्यवस्था नहीं की जा रही है।
गांव से लावारिस जानवरों को छोड़ने से हो रही समस्या
कस्बे में क्षेत्र के आसपास के गांवों के किसान व अन्य लोग अपने गांव व खेतों से आवारा जानवरों को निकाल कर रात्रि के समय में कस्बे की सड़कों पर छोड़ जाते हैं। जिससे अधिक समस्याएं पैदा हो रही हैं। गायों के लिए जो चारागाह की जमीन है, उन पर किसानों ने अतिक्रमण करके कब्जे कर लिए हैं। जानवरों के चरने के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी है।
रात भर मचान पर बैठकर फसलों की रक्षा कर रहे किसान
सुल्तानपुर क्षेत्र के खेतों में इन दिनों सरसों, गेहूं, चने आदि की फसलों की बुवाई हो चुकी है। खेतों में फसल उग चुकी है। किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए मेहनत करनी पड़ रही है। सुरक्षा के लिए किसानों को रात भर खेतों में रहना पड़ रहा है। किसानों को आवारा जानवर से बोई हुई फसलों को बचाने में मशक्कत भी करनी पड़ रही है। क्षेत्र में आवारा जानवरों की अधिकता को देखते हुए किसानों को खेतों में रहना पड़ रहा है।
दिन-रात खेतों में डटे रहते हैं किसान
किसानों का कहना है कि जब तक फसल पूर्ण रूप से तैयार होकर घर पर नहीं आ जाती है, तब तक वह उसे अपने बच्चों की तरह पालते हैं। किसान इन दिनों दिन-रात अपने खेतों में डटे हुए हैं। फसलों की बुवाई हो गई है। आवारा जानवर से बचाने के लिए रात्रि में भी खेतों पर ही मचान बनाकर रहना पड़ता है। जानवरों से बचने के लिए साथ में डंडा व बैटरी लेकर रात भर खेतों की रखवाली में लगे रहना पड़ता है। कई किसान आतिशबाजी का प्रयोग कर आवारा जानवरों को खेतों से दूर भगाने का कार्य भी करते हैं।
इनका कहना है
नगर पालिका द्वारा नगर की गौशाला में सुल्तानपुर कस्बे में बैठने वाली 200 लावारिस गायों को भिजवा दिया गया है। जिसके चलते गौशाला में क्षमता से अधिक गायें हो गई हैं। गौशाला में 500 गाय रखने की क्षमता है। जबकि वर्तमान में करीब 800 गाय गौशाला में हो गई हैं। अधिक गौवंश होने से गौशाला में रखरखाव की व्यवस्थाओं के साथ ही चारे की भी कमी होने की आशंका है।
-रमेश खंडेलवाल, महामंत्री, श्रीगोपाल गौशाला
नगर के बाजार में जितनी भी गाय थी उन्हें गौशाला में भिजवा दिया गया था। लेकिन आसपास के गांव से रात्रि में लोग नगर में गाय छोड़ जाते हैं। जिससे समस्याएं अधिक बढ़ गई हैं। सड़कों से गाय हटाने के लिए शीघ्र ही कोई उपाय किया जाएगा।
-हेमलता शर्मा, चेयरमैन, नगर पालिका

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