सामुदायिक भवन में संचालित इंदिरा रसोई वार्डवासियों की सबसे बड़ी समस्या

वार्ड 24, दक्षिण निगम के वार्ड 24 में सीसी रोड बने, नालियों की समस्या बरकरार, आवारा मवेशी कम व श्वानों का आतंक ज्यादा

सामुदायिक भवन में संचालित इंदिरा रसोई वार्डवासियों की सबसे बड़ी समस्या

वार्ड के कुछ लोगों का कहना है कि वार्ड में पानी बहुत ही कम प्रेशर से आता हैं। सफाई नियमित नहीं होने के कारण कई बार सड़कों पर कचरा फैला रहता हैं। वार्ड के कुछ हिस्सों में तो टिपर रोज आता है लेकिन कुछ स्थानों पर कभी कभार ही आता है। वार्ड की कई गलियों की नालियां आज भी टूटी और खुली हुई हैं।

कोटा। सरकार यूंतो निम्न एवं मध्यम वर्ग के लोगों को कई प्रकार की सुविधाएं देने का दावा करती है लेकिन हमारे यहा तो ऐसा नहीं है। वार्ड में स्थित सामुदायिक भवन एक ऐसा स्थान है जहां यहां के लोग कम खर्चें में छोटे-बड़े समारोह रख सकते थे लेकिन निगम की ओर से इस सामुदायिक भवन में इंदिरा गांधी रसोई संचालित की जा रही है। जिसके कारण हमारे सामने ये परेशानी खड़ी हो गई कि हम कार्यक्रम कहा रखेंगे। यह कहना है कोटा नगर निगम दक्षिण के वार्ड 24 के लोगों का। वार्ड के लोगों ने कहा कि हमारे लिए सबसे बड़ी समस्या ही यहीं है, बाकी तो चलती रहती है, पार्षद प्रतिनिधि को कहने के बाद हमारे काम हो जाते हैं। दरअसल दक्षिण के इस वार्ड में किशोरपुरा और घोसी मौहल्ला आदि इलाके आते हैं और यहां के मतदाताओं की संख्या लगभग 2800 है। इन इलाकों में अधिकांशत: वे लोग रहते हैं जो मध्यम या निम्न वर्ग में आते हैं। इन वार्डवासियों में से कुछ का कहना है कि अगार छोटी-मोटी समस्याओं को हटा दिया जाए तो वार्ड पार्षद का अब तक का कार्यकाल सन्तोषप्रद रहा है। पार्षद प्रतिनिधि स्वयं लोगों की समस्याओं को सुनते है, मौके पर जाकर उनको देखते हैं और उनके समाधान का पूरा प्रयास करते है। वार्ड में कुछ सीसी सड़कें बनवाई गई। सीवरेज की समस्या का भी समाधान हुआ है। वार्ड के कुछ लोगों का कहना है कि वार्ड में पानी बहुत ही कम प्रेशर से आता हैं। सफाई नियमित नहीं होने के कारण कई बार सड़कों पर कचरा फैला रहता हैं। वार्ड के कुछ हिस्सों में तो टिपर रोज आता है लेकिन कुछ स्थानों पर कभी कभार ही आता है। वार्ड की कई गलियों की नालियां आज भी टूटी और खुली हुई हैं इनके जाम होने के बाद  पानी सड़कों पर फैल जाता है।

 वार्ड में श्वानों और आवारा मवेशियों का बहुत आतंक हैं, रात में तो इन श्वानों के कारण घर से निकलने में भी डर लगता है। एक सरकारी स्कूल थी उसे भी अन्यत्र स्थानान्तरित कर दिया गया है। वार्ड के कुछ हिस्सों में काम जरूर हुए हैं लेकिन आज भी कई काम होने बाकी हैं। वार्डवासियों का कहना हैं कि पार्षद व्यक्तिगत रूचि लेकर लोगों के काम करवाते है। किसी भी काम के लिए कभी मना नहीं करते हैं। पहले वार्ड की नालियों के हालात बहुत खराब थे लेकिन अब कई स्थानों पर नालियों को व्यवस्थित बनवाकर उनको ढकवाया गया है। सफाई नियमित हो रही है। आवारा मवेशियों की समस्या का काफी हद तक समाधान हो चुका है। वार्ड के कई हिस्सों में मोटी पाइप लाइन डलवाने से पीने के पानी समस्या लगभग खत्म हो गई है। पहले की अपेक्षा वार्ड में इस बार काम अधिक हुए हैं। वार्ड पार्षद का कहना है कि वो वार्ड के विकास में कोई कमी नहीं रख रही है। अपने वार्ड में अधिक से अधिक काम करवाना चाहती है। किसी भी पार्टी का समर्थन करने वाला हो लेकिन है तो वार्डवासी ही। वार्ड में ईदगाह के पीछे का पूरा रोड सीसी बनवा दिया है। कुछ काम और करवाने हैं जिनके लिए प्रयासरत हूं। सफाई के लिए वार्ड में पर्याप्त लेबर हैं। जिससे वार्ड में साफ-सफाई समय पर होती रहें। 

इनका कहना है

इर्दगाह के पीछे के पार्क का सोन्दर्यकरण करवा दिया गया है। संजय बस्ती में सीसी रोड बनवाई गई हैं। सामुदायिक भवन से इंदिरा रसोई को अन्य स्थान पर शिफट करवाने और सरकारी स्कूल के लिए निगम से जमीन दिलवाने के लिए प्रयासरत हंू ताकि लोगों को समस्या का सामना ना करना पड़े। श्वान तो पूरे शहर की समस्या है। 
-शाइना घोसी, वार्डपार्षद। 

Read More व्याख्याता पद पर पदोन्नति के लिए शिक्षा विभाग कर रहा है तैयारी, डीपीसी पर संशय

पार्षद अच्छा काम करवा रही है। पार्षद प्रतिनिधि नियमित रूप से वार्ड में समय देते है। कोई भी समस्या बताओं अगर नियमानुसार है तो उसका समाधान जरूर होता है। नालियों के हालात और सफाई व्यवस्था सुधर पहले से बेहतर है। पीने के पानी की कोई दिक्कत नहीं है। सीवरेज की समस्या का लगभग समाधान हो चुका है।
-शकील अहमद, वार्डवासी।

Read More घर के बाहर खेल रहे बालक पर जरख ने किया हमला

वार्ड में कई स्थानों पर सीसी रोड बन चुके हैं। इंटरलाकिंग हुई है। नालियों को ढकवाया गया हैं। पहले पानी का प्रेशर कम आता था लेकिन अब ठीक आ रहा है। रोड लाइट ठीक है। वार्ड में जो थोड़ी-बहुत गंदगी नजर आती है उसका कारण भी लोग ही हैं। टिपर आता है जब तो कचरा डालते नहीं उसके बाद सड़क किनारें फैंक जाते हैं। इंदिरा रसोई को सामुदायिक भवन से दूसरी जगह शिफ्ट करवाना चाहिए। 
-मोहम्मद अकबर, वार्डवासी। 

Read More सुविधा के साथ परेशानी, ई रिक्शा के लिए ना कोई रूट ना कोई स्टैंड

Post Comment

Comment List

Latest News