कांग्रेस की खिलाफत नही करने के बावजूद हम पर कार्यवाही हुई, 25 सितम्बर घटना में देरी क्यों: मुकेश भाकर
कहा- बगावत का खामियाजा भुगता
भाकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब एक ही पार्टी में दो तरह के व्यवहार होंगे तो जनता के बीच सही मैसेज नहीं जाएगा। हम लोगों ने बगावत की उसका खामियाजा हमने भुगता।
जयपुर। कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर ने विधानसभा के बाहर सचिन पायलट के मुद्दों का समर्थन करते हुए बयान दिया। भाकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब एक ही पार्टी में दो तरह के व्यवहार होंगे तो जनता के बीच सही मैसेज नहीं जाएगा। हम लोगों ने बगावत की उसका खामियाजा हमने भुगता। बगावत के बाद हम सब को पद से हटा दिया गया। मुझे यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष का पद होना पड़ा।
सचिन पायलट ने पीसीसी चीफ का पद खोया। बगावत के समय हम सभी विधायकों ने आलाकमान को कभी चैलेंज नहीं किया, लेकिन 25 सितंबर की घटना कांग्रेस के राज में एक शर्मनाक घटना है। कुछ लोगों ने बहला-फुसलाकर विधायकों को एकजुट किया। मुख्यमंत्री के आवास में ना ले जाकर स्पीकर के पास विधायकों को ले जाया गया। स्पीकर ने भी कोर्ट में अपना पक्ष रखा और कहा कि दबाव में विधायकों ने इस्तीफे दिए।
हर पार्टी में आलाकमान का भरोसा कायम रखना है, तो कोई भी कितना बड़ा क्यों ना हो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। जिन लोगों ने अनुशासनहीनता की है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। दोबारा विधायक दल की बैठक बुलाई जानी चाहिए। सबको साथ लेकर चलने की बात कही जा रही है तो कोई प्रिय और अति प्रिय नहीं हो सकता। जिन लोगों को अनुशासनहीनता का नोटिस मिला उन पर अभी तक कार्यवाही नहीं हुई।
प्रभारी रंधावा लगातार अलग-अलग बयान दे रहे हैं। महेश जोशी को मुख्य सचेतक के पद से हटाने पर रंधावा ने कहा था नोटिस मामले को लेकर महेश जोशी को मुख्य सचेतक के पद से हटाया गया है, लेकिन अगले ही दिन प्रभारी कहते हैं कि एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला अपनाया गया है।
कोई कितना बड़ा ही क्यों ना हो कार्रवाई होनी चाहिए। सचिन पायलट पर जब कार्रवाई हुई है तो नोटिस मिलने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। अकेले बजट और नए जिले बनाने से कांग्रेस सरकार सत्ता में आने वाली नहीं है। जिनका पार्टी में जनाधार है उनको साथ लेकर चलने की जरूरत है।
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