कोरोना काल के बाद जन्म-मृत्यु में हुई तीन गुना बढ़ोतरी
निगम ने तीन साल में बनाए 53 हजार से अधिक जन्म और 19 हजार मृत्यु प्रमाण पत्र
प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2020-21 की तुलना में 2021-22 में दोनों निगम क्षेत्रों में करीब 3 गुना अधिक जन्म प्रमाण पत्र बने। इस अवधि में कुल 20 हजार 983 जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। इनमें कोटा दक्षिण निगम क्षेत्र में 10 हजार 61 और कोटा उत्तर में 10922 प्रमाण पत्र शामिल हैं।
कोटा। देश में जिस तेजी से आबादी बढ़ रही है उससे जनसंख्या 130 करोड़ के पार पहुंच गई है। हालांकि उसी अनुपात में मृत्यु भी हो रही है। कोटा में भी हर साल हजारों लोगों का जन्म हो रहा है तो मृत्यु भी हो रही है। कोटा में कोरोना काल वर्ष 2020-21 की तुलना में वर्ष 2021-22 में जन्म और मृत्यु में करीब तीन गुना की वृद्धि हुई है। इसका अंदाजा नगर निगम द्वारा बनाए गए जन्म मृत्यु प्रमाण पत्रों से लगाया जा सकता है। देश में हर साल जहां करीब एक करोड़ रुपए से अधिक बच्चे जन्म ले रहे हैं। वहीं कोटा में भी 10 से 15 हजार बच्चों का हर साल जन्म हो रहा है। हर जन्म लेने वाले बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र सभी को बनवाना होता है। यह प्रमाण पत्र नगर निगम द्वारा बनाया जाता है। उसी तरह से मरने वाले हर व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र भी निगम में ही बनाया जा रहा है। पहले एक ही नगर निगम था लेकिन वर्ष 2019 में कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण निगम बना दिए हैं। ऐसे में जिस क्षेत्र में बच्चे का जन्म हो रहा है और जिस क्षेत्र में व्यक्ति की मृत्यु हो रही है। उसी निगम में उनका जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र हैल्प लाइन के माध्यम से बनाए जाते हैं। नगर निगम द्वारा जन्म और मृत्यु के प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया आॅनलाइन की हुई है। निगम की हैल्प लाइन के अलावा नजदीकी ई मित्र से भी ये प्रमाण पत्र बनवाए जा सकते हैं। लेकिन पंजीयन नगर निगम में ही होता है।
वर्ष 2020-21 में बने 64 सौ जन्म प्रमाण पत्र
निगम कोटा उत्तर व दक्षिण से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2020-21 में दोनों निगम क्षेत्रों में जन्म भले ही अधिक बच्चों का हुआ होगा। लेकिन दोनों निगमों में कुल 6405 जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए थे। जिनमें से कोटा दक्षिण निगम में 3972 और कोटा उत्तर में 2433 प्रमाण पत्र शामिल हैं।
2021-22 में बढ़े तीन गुना
प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2020-21 की तुलना में 2021-22 में दोनों निगम क्षेत्रों में करीब 3 गुना अधिक जन्म प्रमाण पत्र बने। इस अवधि में कुल 20 हजार 983 जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। इनमें कोटा दक्षिण निगम क्षेत्र में 10 हजार 61 और कोटा उत्तर में 10922 प्रमाण पत्र शामिल हैं।
तीन साल में बने 53 हजार से अधिक प्रमाण पत्र
नगर निगम द्वारा वर्ष 2020-21 से वर्ष 2022-23 में अप्रैल तक कुल 53 हजार 598 जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। इनमें कोटा दक्षिण निगम में 25 हजार 42 व कोटा उत्तर निगम क्षेत्र में 28हजार 556 प्रमाण पत्र शामिल हैं।
यह है मृत्यु प्रमाण पत्रों की स्थिति
जन्म प्रमाण पत्र की तरह ही मृत्यु प्रमाण पत्र भी निगम की हैल्प लाइन के माध्यम से लगातार बनाए जा रहे हैं। कोटा में जन्म लेने वालों की तुलना में मृत्यु काफी कम रही है। इसका पता भी मृत्यु प्रमाण पत्रों से लगाया जा सकता है। निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा दक्षिण निगम में वर्ष 2020-21 में जहां 1703 मृत्यु प्रमाण पत्र बने थे। वह वर्ष 2021-22 में तीन गुना बढ़कर 5115 हो गए। जबकि वर्ष 2022-23 में इनकी संख्या 4339 रही। इसी तरह से कोटा उत्तर निगम क्षेत्र में वर्ष 2020-21 में जहां 696 मृत्यु प्रमाण पत्र बने थे। वह वर्ष 2021-22 में बढ़कर 3641 हो गए थे। जबकि वर्ष 2022-23 में अब तक कुल 3370 प्रमाण पत्र बने हैं।
आॅनलाइन से सरल हुई प्रक्रिया
पाटनपोल निवासी नीरज शर्मा का कहना है कि जन्म और मृत्यु का प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया आॅनलाइन करने से सुविधा हो गई है। किसी भी ई मित्र पर जाकर आवेदन करना होता है। एक निर्धारित समय में प्रमाण पत्र बनकर तैयार हो रहे हैं। पहले आॅफलाइन होने से निगम के चक्कर लगाने पड़ते थे। घंटाघर निवासी सईद अहमद का कहना है कि दो निगम होने से कुछ परेशानी हुई है। व्यक्ति रहता कोटा उत्रर निगम में है और बच्चे का जन्म या किसी की मृत्यु दक्षिण क्षेत्र के अस्पताल में हुई है तो प्रमाण पत्र दक्षिण निगम में बनेगा। इसका चक्कर पड़ता है बाकी कोई परेशानी नहीं है। बच्चे का प्रमाण पत्र ई मित्र से बनवाया था अधिक समय नहीं लगा।
जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को काफी सरल कर दिया है। आॅनलाइन आवेदन किए जा रहे हैं। आवश्यक दस्तावेज लगाने पर तुरंत प्रमाण पत्र बनकर मिल रहे हैं। तकनीकी कारणों से ही देरी हो सकती है। लेकिन किसी को परेशानी होने पर उसकी जानकारी मिलते ही तुरंत काम कराया जा रहा है। जानकारी के अनुसार कोटा दक्षिण में जन्म मृत्यु प्रमाण पत्रों की कोई पेंडेंसी नहीं है।
- राजीव अग्रवाल, महापौर नगर निगम कोटा दक्षिण
जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र सभी के लिए आवश्यक हो गया है। ऐसे में हर व्यक्ति इन्हें समय से बनवाना चाहता है। नगर निगम कोटा उत्तर में हैल्प लाइन के जरिये ये प्रमाण पत्र बिना किसी परेशानी के बनाए जा रहे हैं। हर साल हजारों जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं।
- मंजू मेहरा, महापौर, नगर निगम कोटा उत्तर
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