दिल्ली में लोग सड़कों पर...बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए क्रूर हमलों के विरोध में बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर उग्र प्रदर्शन
उच्चायोग के बाहर हिंदू संगठनों का आक्रोश
बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या के विरोध में विश्व हिंदू परिषद समेत कई संगठनों ने दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने हिंदू समुदाय की सुरक्षा की मांग की, पुलिस से झड़प भी हुई।
नई दिल्ली। बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है इसके चलते देश की राजधानी दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद समेत कई हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश में हुए हिूंद समुदायों पर अत्याचारों और हिंदू शख्स की हत्या के खिलाफ दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारी इतने गुस्से में थे कि उन्होंने बैरिकेड्स तक तोड़ दिए और उच्चायोग में घुसने की कोशिश करने लगे। प्रदर्शनकारियों के गुस्से को देखते हुए बांग्लादेश उच्चायोग ने बाहर भारी सुरक्षा व्यवस्था की है।
बांग्लादेश में हुए हिंदू शख्स की हत्या को लेकर दिल्ली, जम्मू कश्मीर और मध्य प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बांग्लादेश में हमारे हिंदू भाइयों को मारा जा रहा है और वहां पर हमारे भाइयों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। दरअसल, बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास नाम के शख्स की ईशनिंदा के आरोप में दर्दनाक हत्या कर दी गई थी जिसके कारण दिल्ली समेत कई राज्यों में प्रदर्शन किया जा रहा है। हालांकि, पुलिस को जांच में अब तक ईशनिंदा का कोई भी सबूत नहीं मिल पाया है।
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के अलावा जम्मू में भी जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने बांग्लादेश में हुए हिंदूओं पर अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इसके अलावा भोपाल में भी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प होने की खबरें सामने आ रही है। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश उच्चायोग से अपील की है कि बांग्लादेश में हिंदू समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। प्रदर्शनकारियों ने गुस्से में बैरिकेड्स तोड़े तो पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए प्रदर्शनकारियों को पीछे धकेला।
इसके बाद प्रदर्शनकारी ‘भारत माता की जय’, ‘यूनुस सरकार होश में आओ’, और ‘हिंदू हत्या बंद करो’ के नारे लगाने लगाने लगे और दीपू दास के लिए न्याय की मांग करने लगे। इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के अंतरिम प्रमुख मुहम्मद यूनुस और उनकी सरकार के पुतले भी जलाए।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास नाम का व्यक्ति रहता था, जो कि बांग्लादेश की एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करता था। बताया जा रहा है कि दीपू दास पर वहां पर काम करने वाले दूसरे कर्मचारियों ने ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी और उसके परिवार को बिना बताए उसके शव को जला दिया। इसके बाद ही इलाके में तनाव बढ़ा। बता दें कि इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अब तक करीब 12 लोगों को गिरफ्तार किया है और आगे की कार्रवाई के लिए जांच जारी है।
बंगलादेश में छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन भड़क गये थे। इसी दौरान ईशनिंदा की अफवाहों के बीच दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी और उसके शव को पेड़ से लटकाकर जला दिया गया था। इस दिल दहला देने वाली घटना के विरोध में विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उच्चायोग के बाहर इक्टठा हुए और बंगलादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की मांग की।
प्रदर्शन के दौरान 'हनुमान चालीसा' का पाठ किया गया। इस घटना के बाद विहिप और बजरंग दल पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये अंतरराष्ट्रीय दखल की मांग कर रहे हैं। इस बीच, नयी दिल्ली में बंगलादेश उच्चायोग ने सोमवार को अनिश्चितकाल के लिये वीजा जारी करना रोक दिया। उच्चायोग के दरवाजे पर लगाये गये एक नोटिस में यह जानकारी दी गयी। बंगलादेश ने 'सुरक्षा चिंताओं और किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने की जरूरत का हवाला देते हुए अगले आदेश तक अस्थायी रूप से सभी सेवाएं निलंबित कर दी हैं।
नोटिस में निलंबन के कारण हुई असुविधा के लिये खेद व्यक्त किया गया। यह कदम शनिवार को नयी दिल्ली में बंगलादेश उच्चायोग के बाहर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद उठाया गया है। बंगलादेश ने इससे पहले अगरतला में अपने सहायक उच्चायोग में वीजा का काम अनिश्चितकाल के लिये रोक दिया था। बंगलादेश का कहना है कि उसने 'सुरक्षा चिंताओं के कारण' नयी दिल्ली में उच्चायोग और अगरतला में सहायक उच्चायोग में अपनी कांसुलर सेवाओं और वीजा संचालन को निरस्त किया है।
इससे पूर्व, बंगलादेश में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने सोमवार को वीजा सेवाओं के कामकाज का जायजा लेने के लिये ढाका में भारतीय वीजा आवेदन केंद्र का दौरा किया। श्री वर्मा ने जमुना फ्यूचर पार्क में केंद्र में वीजा आवेदकों से बातचीत की, जिनमें से कई इलाज के लिये भारत जाने के लिये मेडिकल वीजा के लिये आवेदन कर रहे थे। पिछले हफ़्ते 17 दिसंबर को, भारतीय उच्चायोग ने उस्मान हादी की गोलीबारी के बाद एक दिन के लिये अपनी वीजा सेवाएं निरस्त कर दी थीं। यह तब हुआ जब 'जुलाई ओइक्या' के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने भारतीय उच्चायोग को घेरने की योजना की घोषणा की थी। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि हादी के हत्यारे भारत भाग गये थे। साथ ही वे पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की वापसी की मांग भी कर रहे थे।
प्रदर्शनकारियों ने शुरुआती पुलिस बैरिकेड तोड़ दिये थे। बाद में उन्होंने ढाका के गुलशन इलाके में भारतीय उच्चायोग के बाहर धरना दिया। वीजा केंद्र अगले दिन फिर से खोल दिया गया था। इस बीच, भारतीय उच्चायोग ने सोमवार को कहा कि वह ढाका, खुलना, सिलहट और राजशाही में वीजा केंद्र चलाना जारी रखे हुए है, क्योंकि कई वीजा आवेदक गंभीर बीमारियों के इलाज के लिये भारत जा रहे हैं। इन मानवीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बदलती सुरक्षा स्थिति के बावजूद वीजा सेंटर खुला हुआ है।
चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायोग के दरवाजे पर भीड़ के हमले के बाद चटगांव का भारतीय वीजा आवेदन केंद्र 18-19 दिसंबर की रात से अस्थायी रूप से बंद है। हादी की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों ने चटगांव में भारतीय उच्चायोग पर पत्थरबाजी की, जिससे अधिकारियों और परिसर में रहने वाले अन्य लोगों की सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं पैदा हुई हैं। ढाका में भारतीय उच्चायोग ने कहा है कि सुरक्षा स्थिति में सुधार के बाद बांग्लादेश में सभी वीजा आवेदन केंद्र खोल दिये जायेंगे।

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