हार्डकोर अपराधियों से की मुलाकात, सुनी समस्याएं, परखी भोजन गुणवत्ता
राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष का हाई सिक्योरिटी जेल निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान मूलचंदानी ने भोजनशाला में बंदियों के लिए बनाए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता देखी।
अजमेर। राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष जी.आर. मूलचंदानी ने मंगलवार को प्रदेश की एकमात्र हाई सिक्योरिटी जेल में करीब सवा सौ हार्डकोर अपराधी बंदियों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। साथ ही भूख हड़ताल कर रहे बंदी सुरेन्द्र सिंह एवं अजयपाल को समझाइश कर पानी पिलाकर उनकी भूख हड़ताल भी समाप्त करवा दी। जेल में हार्डकोर अपराधी बंदियों के मानवाधिकारों के संबंध में उनका कहना था कि कानून की नजर में सभी अपराधी एक ही नजर से देखे जाते हैं और सभी के हितों का ध्यान रखा जाता है। बंदियों की भी अलग-अलग परिस्थितियां होती हैं, जिनमें सामाजिक एवं आर्थिक हालात भी शामिल होते हैं। इसीलिए उन्होंने हरेक बंदी से उसके वार्ड में पहुंचकर वार्ता की और उसकी समस्याएं सुनीं।
निरीक्षण के दौरान मूलचंदानी ने भोजनशाला में बंदियों के लिए बनाए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता देखी। जिसे उन्होंने उत्तम बताया। उनका कहना था कि जेल मैनुअल के हिसाब से बंदियों को अच्छी गुणवत्ता वाला भोजन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बंदियों से वार्ता के दौरान किसी प्रकार की गंभीर बात तो उनके सामने नहीं आई, लेकिन बंदियों ने मांग रखी कि उनके वार्डों में मनोरंजन के लिए टीवी की व्यवस्था कराई जाए। जिस पर उन्होंने कोई आश्वासन नहीं देते हुए जेल मैनुअल के तहत इस तरह के मनोरंजन की व्यवस्था पर विचार करने की बात कही। बंदियों ने जेल की कैन्टीन से हर माह मात्र 3500 रुपए तक की वस्तुएं ही खरीद सकने की राशि बढ़वाने के लिए भी कहा।
बंदियों का कहना था कि 3500 रुपए की राशि मौजूदा समय में काफी कम पड़ती है। इससे वह अपनी जरूरतों का पूरा सामान नहीं खरीद पाते हैं। कैन्टीन से सामान खरीदने के लिए बंदियों के परिजन ऑनलाइन राशि जेल के खाते में जमा करवाते हैं। मूलचंदानी ने इस राशि को बढ़ाने के लिए विभाग के उच्चाधिकारियों से वार्ता करने की बात कही। दरअसल, जेल की की कैन्टीन में जमा करवाई गई रकम से बंदी नमकीन, बिस्किट, तेल, साबुन तथा रोजमर्रा में काम आने वाली अन्य वस्तुएं खरीदते हैं। इसके अलावा बंदियों को जेल में स्थित एसटीडी बूथ से पांच मिनट तक बात करने की इजाजत है। इसलिए उन्होंने पांच मिनट का समय बढ़वाने के लिए भी कहा ताकि वह परिजन से ठीक तरह से बात कर सकें।
-करवाएंगे उचित उपचार
जेल में एक बंदी के बाएं हाथ में गोली लगने के पुराने जख्म की जानकारी मिलने पर उन्होंने जेल डिस्पेंसरी के चिकित्सक से जांच कराई। साथ ही जिला कलक्टर, सीएमएचओ तथा नेहरू चिकित्सालय प्रशासन से सम्पर्क कर उसे उचित उपचार के लिए वहां भिजवाने की व्यवस्था भी कराई। जेल सूत्रों के अनुसार इस बंदी का नाम विष्णु बताया गया है जिसे भरतपुर जेल से यहां स्थानान्तरित किया गया है। मूलचंदानी ने बंदियों से वार्ता के दौरान उन्हें ईश्वर में ध्यान लगाने और भविष्य में सद्मार्ग पर चलते हुए जेल से रिहा होने के पश्चात पुन: सामाजिक जीवन की मुख्य धारा से जुड़ने की सलाह दी।
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