पंचकल्याण महोत्सव में कीर्तिमान स्थापित : जैन आचार्य विद्यानंद जी को समर्पित 36 गुणा 24 फीट के ग्रंथ का विमोचन
108 फीट ऊँचा जैन ध्वज फहराया गया
आरती के पश्चात कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से आए कवियों ने धर्म, भक्ति, समाज और संस्कृति पर अपनी रचनाए प्रस्तुत कीं।
अजमेर। नाका मदार स्थित श्री जिनशासन तीर्थ क्षेत्र में जैसवाल जैन समाज के तत्वावधान में आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव में जैनाचार्य वसुनंदी महाराज के सान्निय में कीर्तिमान स्थापित हुआ। यहां विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने जैन आचार्य विद्यानंद जी को समर्पित विशाल ग्रंथ ‘खवगराय शिरोमणि’ का विमोचन किया।
यह ग्रंथ 36 फीट लम्बा और 24 फीट चौड़ा है, जो जैन संत आचार्य विद्यानंद जी महाराज के जीवन, दर्शन और समाज सेवा पर आधारित है। इस विशाल ग्रंथ के निर्माण में लगभग 1500 स्क्वायर फीट फ्लेक्स, 50 लीटर पेंट और 1000 किलोग्राम लोहे का उपयोग किया गया। इसमें कुल 18 पृष्ठ हैं, जिन्हें 15 से 20 कलाकारों ने महज 5 दिनों में तैयार किया। 101वीं जयंती के उपलक्ष्य में आचार्य विद्यानंद जी को यह ग्रंथ समर्पित किया गया।
108 फीट ऊँचा जैन ध्वज फहराया गया
पुस्तक विमोचन के साथ ही कार्यक्रम में एक और धार्मिक प्रतीकात्मकता देखी गई, जब श्री जिनशासन तीर्थ क्षेत्र पर 108 फीट ऊँचा जैन ध्वज फहराया गया। यह ध्वज जैन धर्म के सिद्धांतों, आत्मबल और अहिंसा का प्रतीक बनकर आकाश में लहराता रहा।
कम लंबाई की महिला रही आकर्षण का केंद्र
महाराष्ट्र से आई विश्व की सबसे छोटी महिला 32 वर्षीय ज्योति आम्गे आज फिर कार्यक्रम में पहुंचीं। पुस्तक विमोचन के दौरान उन्हें महाराज के सानिध्य में मंच पर बिठाया गया। लिम्का बुक आफ रिकॉर्ड व गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अनुसार महाराष्ट्र के नागपुर की रहने वाली 32 वर्षीय ज्योति विश्व की सबसे छोटे कद की महिला है। विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने भी उनसे चर्चा की। वे सभी के आकर्षण का केंद्र रहीं। वे 21 अप्रैल को भी कार्यक्रम में आई थीं। इस बीच वे खाटू श्यामजी के दर्शन करने गई थीं।
मंगल आरती और कवि सम्मेलन : संस्कृति और साहित्य का संगम
शाम को भगवान की भव्य आरती का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालु सम्मिलित हुए। आरती के पश्चात कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से आए कवियों ने धर्म, भक्ति, समाज और संस्कृति पर अपनी रचनाए प्रस्तुत कीं।
आज मोक्ष कल्याणक, शोभायात्रा व प्रथम महामस्तकाभिषेक
महोत्सव के अंतिम दिन शुक्रवार को मोक्ष कल्याणक के रूप में मनाया जाएगा। सुबह दस बजे 5 हाथी, घोड़े, 17 बग्गी, बैंड के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी। जो तीर्थ क्षेत्र की परिक्रमा करेगी। इसके उपरांत हवन और पूजा के साथ दोपहर 12.30 बजे भगवान के प्रथम महामस्तकाभिषेक का भव्य आयोजन किया जाएगा।
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